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अनुशासन की आड़ नहीं ले सकते जेटली : आजाद

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नयी दिल्ली : भाजपा से निकाले जाने के अंदेशे से बेफिक्र निलंबित सांसद कीर्ति आजाद ने आज फिर से वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधा और पार्टी से कहा कि जेटली पार्टी अनुशासन की आड़ नहीं ले सकते क्योंकि डीडीसीए के मामले का भाजपा से कोई संबंध नहीं है. भाजपा की ओर से कल […]

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नयी दिल्ली : भाजपा से निकाले जाने के अंदेशे से बेफिक्र निलंबित सांसद कीर्ति आजाद ने आज फिर से वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधा और पार्टी से कहा कि जेटली पार्टी अनुशासन की आड़ नहीं ले सकते क्योंकि डीडीसीए के मामले का भाजपा से कोई संबंध नहीं है.

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भाजपा की ओर से कल जारी कारण बताओ नोटिस में लगाए गए सभी आरोपों का बिंदुवार जवाब देते हुए आजाद ने कहा कि दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में ‘भ्रष्टाचार’ का मुद्दा वह बीते नौ वर्षों से उठाते आ रहे हैं और भाजपा ने उनसे एक बार भी नहीं कहा कि वह इसे नहीं उठाएं.

खुद को निलंबित किए जाने की पार्टी की कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए आजाद ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे में ‘जेटली या पार्टी के किसी भी व्यक्ति का नाम’ नहीं लिया और पार्टी ने जेटली को डीडीसीए का प्रमुख नहीं बनाया था.

उन्होंने पूर्व के भाजपा अध्यक्षों का परोक्ष रुप से हवाला देते हुए कहा, ‘‘सभी तीन सम्मानित पार्टी अध्यक्षों ने भी माना था कि क्रिकेट का हमारी पार्टी की गतिविधियों से कोई संबंध नहीं है और डीडीसीए में जेटली की भूमिका उनका खुद का मामला है.’ बिहार के दरभंगा से सांसद ने कहा, ‘‘जेटली के अलावा पार्टी के किसी दूसरे पदाधिकारी के पास मेरी या क्रिकेटरों (बिशन सिंह बेदी एवं अन्य) की ओर से डीडीसीए में गड़बडियों की शिकायत किए जाने से दुखी होने का कारण नहीं है.’

कीर्ति आजाद ने कहा, ‘‘विनम्रता के साथ, मैं नहीं समझ पाता कि पार्टी से जिनका कोई संबंधी नहीं है वैसी गतिविधियों में खुद को शामिल करने वाला व्यक्ति पार्टी की आड का दावा कैसे कर सकता है जब संस्था में गड़बडियों की बात उठी और साबित हो चुकी है.’ उनके अनुसार उन्होंने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और संगठन महासचिव राम लाल को बीते 18 दिसंबर को यह बताया था कि जेटली को भाजपा ने डीडीसीए का अध्यक्ष नहीं बनाया था. 18 दिसंबर को पार्टी अलाकमान ने आजाद को तलब किया था.

उन्होंने कहा, ‘‘अगर डीडीसीए के अध्यक्ष होते तो संगठन को चलाने से जुडे सभी जोखिम उनसे संबंधित होते और जब वह किसी कुप्रबंधन, जालसाजी और अनियमितता में संलिप्त पाए जाते तो पार्टी की आड नहीं लेते.’ आजाद ने शाह से कहा था कि वह जेटली के साथ साझा बैठक में ‘डीडीसीए में भ्रष्टाचार’ के संदर्भ में सभी दस्तावेज प्रस्तुत के इच्छुक हैं, लेकिन न तो शाह और न ही राम लाल ने दोबारा उनसे संपर्क किया.

अपने जवाब में इस सांसद ने कहा, ‘‘दोबारा संपर्क नहीं किया गया ऐसे में मैंने मान लिया कि क्रिकेट से जुड़े मामले का पार्टी की गतिविधि से कोई लेनादेना नहीं है और जब मैं पार्टी में किसी का नाम नहीं लेता तो पार्टी के अनुशासन के दायरे में रहूंगा.

मैंने जेटली या पार्टी के किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया.’ जेटली पर हमला जारी रखते हुए आजाद ने कहा कि उन्होंने पार्टी या इसके पदाधिकारी को कभी ‘बदनाम नहीं किया’ जैसा कि कारण बताओ नोटिस में कहा गया था. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘मैं 22 साल से पार्टी के वफादार सिपाही रहे हैं और मैं अपनी सफलता और पहचान का श्रेय भाजपा को देता हूं.’

गौरतलब हो कि भाजपा ने कीर्ति आजाद को कल कारण बताओ नोटिस जारी किया था. आजाद को कारण बताओ नोटिस देते हुए उनसे दस दिन के भीतर यह साफ करने के लिए कहा कि उन्हें ‘अनुशासनहीनता’ और ‘पार्टी विरोधी’ गतिविधियों के लिए पार्टी से क्यों ना निष्कासित कर दिया जाए.
भाजपा सूत्रों ने कहा कि नोटिस किसी पार्टी नेता के निलंबन के बाद की जाने वाली मानक कार्रवाई है और दिल्ली जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) को लेकर वित्त मंत्री के खिलाफ हमला जारी रखने वाले आजाद के निष्कासन का फैसला उनके जवाब पर निर्भर करेगा.
कारण बताओ नोटिस में आजाद की ‘पार्टी विरोधी’ गतिविधियों की बात की गयी है, जिनमें लोकसभा में डीडीसीए के मामलों की जांच की उनकी मांग और लगातार लगाए जा रहे उनके आरोप शामिल हैं जबकि भाजपा और सरकार ने विपक्षी दलों कांग्रेस और आप द्वारा लगाए गए इसी तरह के आरोपों का खंड़न किया है.
गौरतलब हो कि भाजपा ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार को लेकर अभियान चला रहे अपने सांसद कीर्ति आजाद के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया. भाजपा ने आजाद पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने और पार्टी की छवि ‘‘धूमिल’ करने के लिए कांग्रेस एवं आप के साथ ‘‘सांठगांठ करने’ का आरोप लगाया.
कीर्ति आजाद को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की भाजपा संसदीय बोर्ड की कार्रवाई तब हुई है जब सांसद ने एक संवाददाता सम्मेलन करके जेटली पर हमला किया और उसके बाद संसद के भीतर और बाहर चुनौती देने वाले कृत्यों में लिप्त रहे. अपने निलंबन के बाद आजाद ने धमकी दी कि वे ‘‘और खुलासे’ करेंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि ‘‘भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने पर’ पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई कर ‘‘इतना नीचे गिर जायेगी’.

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