16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

जब तक न्यायपालिका की स्वतंत्रता कायम है, कोई चिंता नहीं: सीजेआई

Advertisement

नयी दिल्ली: असहिष्णुता पर बहस को ‘‘राजनीतिक मुद्दा’ करार देते हुए भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) टीएस ठाकुर ने आज कहा कि जब तक न्यायपालिका ‘‘स्वतंत्र’ और विधि के शासन को बनाए रखने वाली है, तब तक किसी डर या चिंता की जरुरत नहीं है. सीजेआई ने यहां पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में कहा, […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली: असहिष्णुता पर बहस को ‘‘राजनीतिक मुद्दा’ करार देते हुए भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) टीएस ठाकुर ने आज कहा कि जब तक न्यायपालिका ‘‘स्वतंत्र’ और विधि के शासन को बनाए रखने वाली है, तब तक किसी डर या चिंता की जरुरत नहीं है. सीजेआई ने यहां पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में कहा, ‘‘ये सियासी पहलू हैं. हमारे यहां विधि का शासन है. जब तक विधि का शासन मौजूद है, जब तक स्वतंत्र न्यायपालिका है और जब तक अदालतें अधिकारों तथा प्रतिबद्धताओं को कायम रखे हुए हैं, मुझे नहीं लगता कि किसी को किसी से डरने की जरुरत है.’

- Advertisement -

न्यायमूर्ति ठाकुर ने कहा, ‘‘मैं ऐसे संस्थान का नेतृत्व कर रहा हूं जो विधि के शासन को कायम रखता है और हर नागरिक के अधिकारों की रक्षा की जाएगी… मुझे लगता है, हम समाज के सभी वर्गों के अधिकारों की रक्षा में सक्षम हैं. मेरा संस्थान नागरिकों के अधिकारों को कायम रखने में सक्षम है.

कुछ खास अधिकार नागरिकों के लिए हैं और कुछ अधिकार गैर नागरिकों के लिए भी हैं और हम अधिकारों की रक्षा में सक्षम हैं.’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत एक विशाल देश है, हम किसी से डरने की जरुरत नहीं है. ये सब दृष्टिकोण की बातें हैं. जब तक न्यायपालिका स्वतंत्र है, किसी बात का डर नहीं होना चाहिए.’ हालांकि वह असहिष्णुता पर बहस के राजनीतिक पहलुओं पर टिप्पणी से बचे और उन्होंने कहा, ‘‘सियासी लोग इसका कैसे उपयोग करते हैं, मैं कुछ नहीं कहना चाहूंगा.’ न्यायमूर्ति ठाकुर ने कहा, ‘‘लेकिन, हम विधि का शासन बनाए रखने और समाज के सभी नागरिकों तथा सभी धर्मों और संप्रदायों के लोगों के अधिकारियों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं.
समाज के किसी वर्ग को कोई डर नहीं है.’ उन्होंने कहा कि कुछ अधिकार आतंकवादियों सहित गैर नागरिकों के लिए भी उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि वे विधि के शासन के लाभार्थी हैं और उनके खिलाफ कानून के अनुरुप ही सुनवाई हो सकती है तथा तय प्रक्रिया का पालन किये बगैर ‘‘फांसी नहीं दी जा सकती.
सीजेआई ने असहिष्णुता के मुद्दे और हालिया चर्चाओं से जुडे सवालों का स्पष्ट रूप से जवाब देते हुए कहा, ‘‘जहां तक हमारा सवाल है, हमारे सामने ऐसी बाधाएं नहीं हैं. हममें ऐसे पूर्वाग्रह नहीं हैं और हमारी ऐसी अनिच्छा नहीं है. हम सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं.’ न्यायमूर्ति ठाकुर ने स्पष्ट किया कि वह किसी खास घटना का जिक्र नहीं कर रहे हैं. सीजेआई ने कहा कि यह देश सभी धर्मों का घर रहा है और यहां तक कि जिन लोगों को अन्य देशों में सताया गया वे भी यहां ‘‘फले फूले’.
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘अन्य समाजों में सताए गए लोग यहां आए और फले -फूले. हमारे यहां पारसी हैं और उनका योगदान बहुत है. हमारे पास कानूनी विद्वान और उद्योगपति हैं. हमारे पास विधि का शासन कायम रखने वाले एफएस नरीमन और ननी पालकीवाला जैसे लोग हैं और आप उनका योगदान जानते हैं.’ यह पूछे जाने पर कि उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालयों ने हाल में कुछ लेखकों की हत्याओं पर स्वत: संज्ञान क्यों नहीं लिया, उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय का आदेश अपराध नहीं रोक सकता. अपराध मानव जीवन का हिस्सा रहा है.जब तक मानव हैं, गतिरोध होगा. यह जारी रहता है.’
न्यायमूर्ति ठाकुर ने कहा, ‘‘मानव मस्तिष्क में कुछ दोष और पशु प्रवृत्ति होती है लेकिन एक समग्र समाज में सहिष्णुता की भावना और एक दूसरे के धर्मो के प्रति आपसी सम्मान तथा भरोसा होना चाहिए इसे बढावा दिया जाना चाहिए तथा हम तब ही प्रगति कर सकते हैं.’ उन्होंने एक मुस्लिम शिक्षाविद का भी जिक्र किया जिन्होंने ‘भगवद् गीता’ का अनुवाद किया। उन्होंने पवित्र पुस्तक के उर्दू अनुवाद से एक पंक्ति का जिक्र करते हुए भगवान कृष्ण की इस बात पर प्रकाश डाला कि अलग अलग मार्ग के बावजूद सभी धर्मों की शीर्ष सत्ता एक ही है.न्यायमूर्ति ने कहा कि इसलिए हिन्दू, इस्लाम, बौद्ध और सिख धर्म सभी एक ही ईश्वर की तरफ जाते हैं

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें