नयी दिल्ली : रेलवे ने 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान पीपीपी मॉडल पर 14,000 करोड रुपये मूल्य की 20 परियोजनाओं पर काम शुरू किया है. इसमें नई लाइन बिछाना, रेलवे लाइन का दोहरीकरण, बंदरगाह संपर्क को बढाना तथा अपने नेटवर्क का विद्युतीकरण शमिल हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि संयुक्त उद्यम मॉडल के तहत 5,693 करोड रुपये मूल्य की सात पीपीपी परियोजनाएं क्रियान्वयधीन है. इसके अलावा ग्राहक वित्त पोषण मॉडल के तहत 2,236 करोड रुपये की दूसरी परियोजनाओं पर काम जारी है. साथ ही 3,016 करोड रुपये की तीन पीपीपी परियोजनाओं का क्रियान्वयन ‘एनूइटी मॉडल’ के आधार पर किया जा रहा है तथा 3,078 करोड रुपये की छह अन्य परियोजनाओं को सैद्धांतिक मंजूरी दी गयी है. अपनी बडी निवेश योजनाओं में संसाधनों की कमी का सामना कर रहा रेलवे कोष जुटाने के लिये विभिन्न चैनलों की संभावना तलाश रहा है.
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पीपीपी मॉडल के तहत 14,000 करोड रुपये की परियोजनाओं पर काम कर रही है रेलवे
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हम बुनियादी ढांचा के विकास के वित्त पोषण के लिये पीपीपी मॉडल और राज्य सरकार के साथ संयुक्त उद्यम की संभावना तलाश रहे हैं.” रेलवे ने अगले पांच साल के लिये 8.56 लाख करोड रुपये की निवेश योजना का प्रस्ताव किया है और वह बडी मात्रा में परियोजनाएं सार्वजनिक-निजी भागीदारी :पीपीपी: मॉडल तथा राज्यों के साथ सहयोग के जरिये पूरा करने की उम्मीद कर रहा है.
अधिकारी ने कहा कि करीब 16 राज्यों ने अपने प्रदेश में रेल परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु विशेष उद्देश्यीय कंपनी :एसपीवी: बनाने के लिये सैद्धांतिक मंजूरी दी है. हाल ही में ओडिशा ने राज्य में रेल परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिये एसपीवी बनाने को लेकर रेलवे के साथ सहमति पत्र पर दस्तखत किये.
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