14.1 C
Ranchi
Thursday, February 13, 2025 | 02:28 am
14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

NJAC पर Ex CJI लोढा व FM जेटली ने की टीवी पर खुली बहस

Advertisement

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ द्वारा पिछले सप्ताह एनजेएसी अधिनियम को असंवैधानिक घोषित कर दिये जाने के बाद पहली बार केंद्र सरकार की किसी कद्दावर शख्सियत व न्यायपालिक के शीर्ष पर रही शख्सियत ने आमने सामने टीवी परइसमुद्दे पर चर्चा की. अंगरेजी न्यूज चैनल टाइम्स नाउ के प्रस्तोता अर्णव गोस्वामी के साथ […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ द्वारा पिछले सप्ताह एनजेएसी अधिनियम को असंवैधानिक घोषित कर दिये जाने के बाद पहली बार केंद्र सरकार की किसी कद्दावर शख्सियत व न्यायपालिक के शीर्ष पर रही शख्सियत ने आमने सामने टीवी परइसमुद्दे पर चर्चा की. अंगरेजी न्यूज चैनल टाइम्स नाउ के प्रस्तोता अर्णव गोस्वामी के साथ केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढा ने इस मुद्दे पर चर्चा की. जिसमें अरुण जेटली ने इस विषय पर सरकार का पक्ष रखा, जबकि आरएम लोढा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये फैसले के पक्ष में तर्क दिये.

अरुण जेटली ने जहां इस बहस में एजीएसी अधिनियम को रद्दे करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अनिर्वाचित लोगों द्वारा निर्वाचित लोगों के फैसले को नियंत्रित करने का प्रयास बताया है, वहीं आरएम लोढा ने अरुण जेटली के तर्कों को 1975-76 जैसी भाषा बताया है.

अरुण जेटली ने इस परिचर्चा में अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि सरकार मुख्य निर्वाचन आयुक्त का, सीएजी का व सीवीसी की नियुक्ति सरकार करती है, तो क्या वह संस्था के हित से सरकार के लिए समझौता करते हैं क्या? इस पैनल को दो प्रख्यात कानून विशेषज्ञ व प्रख्यात पत्रकारों ने और दिलचस्प बनाया है. पूर्व अटर्नी जनरल सोली सोराबजी व जानेमाने वकील राजीव धवन एवं वरिष्ठ पत्रकार स्वप्न दासगुप्ता व दिलीप पडगांवकर इस परिचर्चा में शामिल हुए.

टाइम्स नाउ चैनल पर शनिवार रात नौ बजे प्रसारित होने वाले इस बहस का प्रोमो उसकी वेबसाइट पर अपलोड की गयी है.
इस प्रोमो में वकील राजीव धवन जेटली के सरकार के पक्ष में तर्कों का उपहास करते हुएयहकहते हुए नजर आते हैं किजबजेटली बोलते हैं तो बड़ा मजा आता है औरजबगलत बोलते हैं तो और भीज्यादा मजा आता है. वे विधायिकासेजुड़े लोगों पर यह कह कर आक्षेप करते हैं कि आप एक एमपी से मिलने जायें तो दलाल का सहारा लेना होता है.धवनकेअाक्षेपों परजेटलीयह कहतेनजर आते हैं कि वे एक काल्पनिक दुनिया में रहते हैं.

लोढा और जेटली की राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग की परिचर्चा में आरटीआइ का भी जिक्र होता है, जब जेटली लोढा से यह पूछते हैं कि क्या वे न्यायपालिका में आरटीआइ के लिए राजी है. इस पर आरएम लोढा सधा जवाब देते हैं कि नियुक्तियां हो जाने के बाद वे सबकुछ पब्लिक डोमेन में लाने के पक्ष में हैं.बहरहाल,पैनल में शामिल एक शख्स जेटलीसेयह भी पूछ लेता है किक्या आप राजनीतिक दलों के लिए आरटीआइ के पक्षधर हैं?

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें