नयी दिल्ली: नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार के लोग कल यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. इस दौरान उनके द्वारा नेताजी से संबंधित सभी फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग किए जाने की संभावना है.
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नेताजी का 70 साल पहले लापता होना लगातार एक रहस्य बना हुआ है.प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री कल-14 अक्तूबर 2015 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवारके लोगों से मिलेंगे.” बयान में कहा गया कि वह कल शाम 7 बजे, रेसकोर्स रोड पर नेताजी के परिवार के सदस्यों से मिलेंगे.
मोदी ने पिछले महीने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा था कि वह अक्तूबर में अपने आवास पर नेताजी के परिवार के 50 से अधिक सदस्यों की अगवानी करेंगे. उन्होंने कहा था, ‘‘विभिन्न देशों से सुभाष बाबू के परिवार के 50 से अधिक सदस्य आएंगे…मैं उनका स्वागत करने में खुशी महसूस करुंगा.” इसे अपने लिए यादगार अवसर बताते हुए मोदी ने कहा था कि यह संभवत: पहली बार होगा जब नेताजी के परिवार के सदस्य एक साथ प्रधानमंत्री आवास आएंगे.
उन्होंने कहा था, ‘‘लेकिन मेरे लिए सबसे बडी खुशी यह है कि इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय में किसी को भी ऐसा मौका नहीं मिला होगा जैसा कि मुझे अक्तूबर में मिलने जा रहा है.”मई में कोलकाता में नेताजी के परिवार के कुछ सदस्यों से हुई अपनी मुलाकात को याद करते हुए मोदी ने कहा था, ‘‘मुझे उनके साथ कुछ समय व्यतीत करने का अवसर मिला. उस दिन तय हुआ कि सुभाष बाबू के अन्य परिजन प्रधानमंत्री आवास आएंगे…पिछले हफ्ते मुझे यह जानकारी मिली कि सुभाष बाबू के परिवार के 50 से अधिक सदस्य प्रधानमंत्री आवास आ रहे हैं.” परिवार के सदस्यों द्वारा केंद्र के पास मौजूद नेताजी से संबंधित फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग किए जाने की संभावना है क्योंकि पश्चिम बंगाल सरकार इस तरह की 64 फाइलों को पहले ही सार्वजनिक कर चुकी है.
नेताजी के पौत्र चंद्र बोस ने कहा है कि उनका परिवार मोदी से अपील करेगा कि वह रुस, जापान, चीन, अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, सिंगापुर और मलेशिया को उनके पास मौजूद नेताजी से संबंधित सभी फाइलों को सार्वजनिक करने के लिए पत्र लिखें. उन्होंने कहा था, ‘‘नेताजी इन सभी देशों में लोगों के साथ संपर्क में थे. उनके पास उनसे संबंधित गोपनीय फाइलें हैं. फाइलों को सार्वजनिक कराने के इस आंदोलन को हम वैश्विक स्तर तक ले जाना चाहते हैं, जिससे कि सभी जानकारी मिल सके.” नेताजी के एक अन्य पौत्र अभिजीत राय ने कहा था, ‘‘हमारा मुख्य ध्यान हालांकि, भारत सरकार के पास मौजूद नेताजी से संबंधित सभी फाइलों को सार्वजनिक कराने पर होगा. यदि हमारे यहां फाइलें सार्वजनिक नहीं होती हैं तो फिर हम अन्य देशों से ऐसा करने के लिए कैसे कह सकते हैं.”
इस बीच, नेताजी के भतीजे सूर्य कुमार बोस और उनकी पत्नी माधुरी बोस ने नेताजी के छिपे होने या गुमनामी बाबा के रुप में होने की कहानियों को खारिज कर दिया. उन्होंने एक लेख में कहा, ‘‘कम दूरदर्शिता रखने वाले नेताजी के प्रशंसकों ने एक राष्ट्रवादी, एक राजनेता और एक योद्धा के रुप में सुभाष की विरासत को जो नुकसान पहुंचाया है, हमारी चिंता उसे लेकर है.” लेख में उन्होंने कहा, ‘‘क्या वह असल में गहरे सिद्धांतों, विलक्षण सक्रियतावाद और भारत तथा इसके लोगों के लिए स्वाभिमानी महत्वाकांक्षाओं से पीछे हट गए ? इसका छोटा सा और सीधा से जवाब है – ना .”