श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में सत्तारुढ पीडीपी ने आज कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच इस सप्ताहांत प्रस्तावित राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तरीय वार्ता होनी चाहिए क्योंकि दोनों देशों के मध्य वैमनस्य से सबसे अधिक राज्य के लोग प्रभावित हुए हैं. पार्टी ने जोर दिया कि केवल बातचीत के जरिये ही समस्याओं का समधान निकाला […]
श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में सत्तारुढ पीडीपी ने आज कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच इस सप्ताहांत प्रस्तावित राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तरीय वार्ता होनी चाहिए क्योंकि दोनों देशों के मध्य वैमनस्य से सबसे अधिक राज्य के लोग प्रभावित हुए हैं. पार्टी ने जोर दिया कि केवल बातचीत के जरिये ही समस्याओं का समधान निकाला जा सकता है.
पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता महबूब बेग ने से कहा, यह पाकिस्तान को तय करना है कि अलगाववादियों से मिलना है या नही. ऐसी मुलाकातें (अलगाववादियों और पाकिस्तानी अधिकारियों की) पहले होती रही हैं. ऐसी मुलाकातें अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में हुई, मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भी हुई. बेग ने कहा कि वाजपेयी सरकार के दौरान पाकिस्तान के साथ कश्मीर समेत सभी लंबित मामलों के समाधान के लिए वार्ता प्रक्रिया शुरू की गई थी.
उन्होंने कहा, वाजपेयी लगभग समझौते तक पहुंच गए थे. बातचीत तब भी जारी रही जब मनमोहन सिंह सत्ता में आए, लेकिन मुशर्रफ के संबंध में पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन के कारण उत्पन्न घटनाक्रम के कारण इस पर आगे नहीं बढा जा सका. पीडीपी प्रवक्ता ने कहा कि रुस के उफा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच बैठक से दोनों देशों के बीच सभी लंबित मुद्दों के समाधान के लिए संस्थागत बातचीत की उम्मीद जगी है.
उन्होंने कहा, वाजपेयी दिखा चुके हैं कि हम द्विपक्षीय तरीके से मुद्दों का समाधान निकाल सकते हैं और उफा समझौते ने उम्मीद जगायी है कि चीजें पटरी पर आयेंगी. इस बात को समझना होगा कि केवल बातचीत से ही समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है, ऐसा युद्ध की बात करके और उन्माद से नहीं होगा. बातचीत होनी चाहिए.