लखनऊ/नयी दिल्ली: उतर प्रदेश प्रशासन में ‘एक जाति विशेष के लोगों के वर्चस्व’ संबंधी राज्यपाल राम नाईक के हालिया बयान को लेकर समाजवादी पार्टी ने आज उनको निशाने पर लिया और कहा कि वह इस संवैधानिक पद की प्रतिष्ठा को धूमिल कर रहे हैं. सपा महासचिव राम गोपाल यादव ने एक बयान में कहा, ‘‘उत्तर […]
लखनऊ/नयी दिल्ली: उतर प्रदेश प्रशासन में ‘एक जाति विशेष के लोगों के वर्चस्व’ संबंधी राज्यपाल राम नाईक के हालिया बयान को लेकर समाजवादी पार्टी ने आज उनको निशाने पर लिया और कहा कि वह इस संवैधानिक पद की प्रतिष्ठा को धूमिल कर रहे हैं.
सपा महासचिव राम गोपाल यादव ने एक बयान में कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश के राज्यपाल द्वारा आये दिन राज्य सरकार के खिलाफ जिस तरह के अमर्यादित बयान दिये जा रहे। इससे राज्यपाल पद की गरिमा खत्म हो गयी है और इस पद पर बैठने वाले व्यक्ति को महामहिम कहकर संबोधित करना भी अब लज्जा जनक लगने लगा है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘समाजवादी पार्टी प्रधानमंत्री से अनुरोध करती है कि उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक को राज्यपाल पद से हटाकर 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दे, ताकि वह और बेशर्मी के साथ सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर सकें.’’सपा के राष्ट्रीय महासचिव की नाराजगी हाल ही में राज्यपाल के हवाले से ‘उत्तर प्रदेश प्रशासन में एक जाति विशेष के वर्चस्व से वह चिंतित है’ शीर्षक से छपी खबर को लेकर खास तौर पर थी.
उन्होंने कहा, ‘‘यूं तो राज्यपाल प्रतिदिन कोई न कोई बयान सरकार के खिलाफ देते है लेकिन अभी कुछ दिन पहले उनके द्वारा दिया गया बयान कि ‘उत्तर प्रदेश प्रशासन में एक जाति विशेष के वर्चस्व से वह चिंतित हैं’ ,राज्यपाल के मानसिक दिवालियापन को दर्शाने के लिए काफी है.’’