28.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 03:41 pm
28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

याकूब मेमन ने नहीं मानी है हार, फांसी से बचने के लिए लगायी सुप्रीम कोर्ट से गुहार

Advertisement

नयी दिल्ली: मुंबई विस्फोट में मौत की सजा पा चुके याकूब अब्दुल रजाक मेमन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मौत की सजा पर रोक की मांग की है उसने अपनी याचिका में नियमों का हवाला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही याकूब की मौत की सजा पर मुहर लगा दी है. इसके […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली: मुंबई विस्फोट में मौत की सजा पा चुके याकूब अब्दुल रजाक मेमन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मौत की सजा पर रोक की मांग की है उसने अपनी याचिका में नियमों का हवाला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही याकूब की मौत की सजा पर मुहर लगा दी है. इसके बावजूद भी याकूब अपने बचने का कोई रास्ता नहीं छोड़ना चाहता उसने राष्ट्रपति के पास भी दया याचिका भेजी थी जिसे राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया था.

इसके बाद उसने राज्यपाल से भी गुहार लगायी. सूत्रों में मिल रही जानकारी के अनुसार याकूब को 30 जुलाई को फांसी नहीं हो सकती क्योंकि उसे परिवार और कानूनी कार्रवाई के लिए 14 दिनों का वक्त मिलेगा. आज याकूब से उसके परिवार वाले भी मिलने आये और आगे की कार्रवाई पर बैठ कर चर्चा की.

सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइन जारी किया था कि अगर किसी व्‍यक्ति को फांसी की सजा मिली है और उसने दया याचिका भेजी है, तो दया याचिका खारिज हो जाने के 14 दिनों बाद ही उसे फांसी दी जा सकती है. यह गइडलाइन सुप्रीम कोर्ट ने वीरप्‍पन के सहयोगियों को सजा सुनाते समय तय की थी. कोर्ट का मानना है कि जिसे भी फांसी की सजा मिली हो उसे जीवित रहते तक गरिमा के साथ जीने और अपने परिवार के सदस्‍यों से मिलने का पूरा अधिकार है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें