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जानिए, अन्ना आंदोलन को ट्विस्ट देने वाली देश की पहली महिला अधिकारी किरण बेदी की जिंदगी से जुडी कुछ अहम बातें

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नयी दिल्ली : आज भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी का जन्मदिन है. वह किसी परिचय की मोहताज नहींहैं. एक सफल पुलिस अधिकारी, समाजसेवा में बढ़ता कद और राजनीतिक की असफल पारी खेलने वाली किरण बेदी एक बेहतरीन टेनिस खिलाड़ी रहीहैं. अपने 66 साल की उम्र में उन्होंने हर उतार चढ़ाव देखे. अन्ना […]

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नयी दिल्ली : आज भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी का जन्मदिन है. वह किसी परिचय की मोहताज नहींहैं. एक सफल पुलिस अधिकारी, समाजसेवा में बढ़ता कद और राजनीतिक की असफल पारी खेलने वाली किरण बेदी एक बेहतरीन टेनिस खिलाड़ी रहीहैं. अपने 66 साल की उम्र में उन्होंने हर उतार चढ़ाव देखे. अन्ना हजारे जब भ्रष्टाचार के खिलाफ जनलोकपाल बिल के लिए सड़क पर उतरे, तो किरण बेदी भी खुद को इस जनआंदोलन में शामिल होने से नहीं रोक सकीं. अन्ना के विश्वसनीय साथियों में किरण बेदी का नाम शामिल हो गया. आंदोलन की रूपरेखा तय करने में किरण बेदी आगे रही.

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अन्ना को जब जेल हुई, तो जेल के अंदर का हाल बयान करने वाला वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर सार्वजनिक किया. इस वीडियो ने आग में घी का काम किया और आंदोलन और तेज हुआ.यह वीडियो पूरे आंदोलन को अहम मोड देने वाला साबित हुआ. जनलोकपाल बिल की मांग को लेकर जब आंदोलनकारियों ने राजनीतिक पार्टी बनने की ओर रुख किया, तो उन्होंने खुद को इससे दूर कर लिया और राजनीतिक पार्टी बनाने का विरोध किया. हालांकि वह राजनीति से ज्यादा दिनों तक दूर नहीं रह सकीं और अपने ही साथी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मैदान में उतरी और हार गयीं. आइये किरण बेदी के जन्मदिन पर उनके अबतक के सफर पर डालते हैं एक नजर :

कैसा रहा है शैक्षणिक जीवन
किरण बेदी का जन्म 9 जून 1949 को अमृतसर में हुआ. किरण बेदी उनकी तीन बहने थी और वह दूसरे नंबर पर थी. उनके पिता प्रकाश लाल का टैक्सटाइल्स का बिजनेस था. किरण बेदी ने अमृतसर के कॉनवेंट स्कूल से पढ़ाई शुरू की. उन्होंने स्कूल में ही एनसीसी में अपनी रुचि दिखायी और उसमें हिस्सा लिया. किरण बेदी ने 1968 में स्नातक की पढ़ाई पूरी की. इसी साल उन्हें एनसीसी में ऑफिसर अवार्ड से सम्मानित किया गया. 1970 में उन्होंने पॉलटिकल साइंस में मास्टर डिग्री हासिल की. 1970 से 72 तक उन्होंने अमृतसर के महिला कॉलेज में लेक्चरर की नौकरी की.
खेल से भी रहा है विशेष प्रेम
डॉ किरण बेदी अपने पिता से प्रभावित होकर 9 साल की उम्र में टेनिस खेलना शुरू किया. लंबे बाल होने के कारण उन्हें खेलने में परेशानी होती थी इसलिए उन्होंने अपने लंबे बाल काट लिये. 1964 में उन्होंने अमृतसर में बाहर जाकर पहली बार टेनिस खेला. 1966 में उन्होंने नेशनल जूनियर लॉन टेनिस का पुरस्कार जीता . नेशनल चैपियन होने के नाते विंबलडन जूनियर चैंपियन में खेलने के योग्य थी लेकिन उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गयी. 1965 से लेकर 78 तक उन्होंने टेनिस में कई खिताब जीते.
पहली महिला आईपीएस बनने का सफर
16 जुलाई 1972 में उन्होंने इंडियन पुलिस ज्वाइन किया और नेशनल अकादमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन अमृतसर के मसूरी में पुलिस की ट्रेनिंग ली. किरण बेदी 80 पुरुषों की बैच में वह अकेली महिला थी और छह महीने के कोर्स के बाद के बाद वह पहली महिला आईपीएस अधिकारी बनी. इसके अलावा उन्होंने माऊंट आबु में 9 महीने पुलिस की ट्रेनिग ली . किरण बेदी की पहली पोस्टिंग 1975 में चाणक्यपुरी सब डिवीजन में हुई. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई काम किये जिसमे ड्रग्स के खिलाफ कार्रवाई, ट्रफिक व्यवस्था के लिए उठाये गये कदम, वकीलों के आंदोलन को दबाया, तिहाड़ में कई सुधार काम किये.
लेखन, राजनीति और आंदोलन के क्षेत्र में योगदान
किरण बेदी ने कई किताबें लिखीहैं. इसके अलावा अन्ना आंदोलन में जुड़कर उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ी और जनलोकपाल कानून का बनवाने में अहम भूमिका निभायी. किरण बेदी ने कुछ महीनों के लिए ही सही पर राजनीति में भी कदम रखा. भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया लेकिन किरण बेदी बुरी तरह पराजित हुई और कृष्णानगर से अपनी सीट तक नहीं बचा पायी.

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