किसानों की आत्महत्या रोकना सरकार के लिए सबसे बडी चुनौती : फडणवीस
अमरावती (महाराष्ट्र) : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने आज कहा कि किसानों की आत्महत्या रोकना उनकी सरकार के समक्ष सबसे बडी चुनौती है और उम्मीद जताई कि हाल में शुरु की गई योजना से इस रुख को बदलने में सहयोग मिलेगा. उन्होंने कहा, ‘‘किसानों की आत्महत्या रोकना सरकार के समक्ष सबसे बडी चुनौती है. […]
अमरावती (महाराष्ट्र) : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने आज कहा कि किसानों की आत्महत्या रोकना उनकी सरकार के समक्ष सबसे बडी चुनौती है और उम्मीद जताई कि हाल में शुरु की गई योजना से इस रुख को बदलने में सहयोग मिलेगा.
उन्होंने कहा, ‘‘किसानों की आत्महत्या रोकना सरकार के समक्ष सबसे बडी चुनौती है. इससे निपटने के लिए हमने महत्वाकांक्षी योजना ‘जलयुक्त शिविर अभियान’ शुरु किया है जिसमें पांच हजार गांवों में पानी की कमी को स्थायी रुप से दूर करने का लक्ष्य है. अगर यह अभियान सफल होता है तो इससे किसानों की कठिनाईयां दूर होंगी.’’ फडणवीस ने कहा कि योजना का उद्देश्य वर्षा जल का संचयन करना और विकेंद्रीकृत जलाशयों का निर्माण करना है. वह एक कृषि प्रदर्शनी समारोह में बोल रहे थे जिसमें विदर्भ के किसान बडी संख्या में मौजूद थे.
उन्होंने दुख जताया कि किसानों की आत्महत्या से कपास उत्पादन क्षेत्र विदर्भ ‘‘कुख्यात’’ हो गया है जहां के वह भी रहने वाले हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पूर्ववर्ती सरकारों ने इस रुख :आत्महत्या: को बदलने के लिए करोडों रुपये खर्च किए लेकिन धन बर्बाद चला गया क्योंकि यह समस्या के मूल जड तक नहीं पहुंचा जो सिंचाई की समस्या है. जब तक किसानों को पर्याप्त जल नहीं दिया जाता तब तक बदलाव नहीं होगा.’’