वीके सिंह ने मीडिया से मांगी माफी
नयी दिल्ली : मीडिया के लिए ‘प्रेस्टीट्यूट’ शब्द का इस्तेमाल करने को लेकर घिरे केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने शनिवार को कहा कि उनके खिलाफ ‘प्रेरित अभियान’ चलानेवाले मीडिया के एक छोटे से धड़े को छोड़ कर बाकी से वह माफी मांगते हैं. उनका मानना है कि मीडिया का 90 फीसदी हिस्सा अपना काम जिम्मेदारी […]
नयी दिल्ली : मीडिया के लिए ‘प्रेस्टीट्यूट’ शब्द का इस्तेमाल करने को लेकर घिरे केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने शनिवार को कहा कि उनके खिलाफ ‘प्रेरित अभियान’ चलानेवाले मीडिया के एक छोटे से धड़े को छोड़ कर बाकी से वह माफी मांगते हैं. उनका मानना है कि मीडिया का 90 फीसदी हिस्सा अपना काम जिम्मेदारी से कर रहा है. उन्हें यदि बुरा लगा, तो वह माफी मांगते हैं.
उन्होंने 10 फीसदी के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया और वे इस शब्द के लायक हैं. उन्होंने दावा किया कि इस 10 फीसदी के लिए अन्य ने बाजारू और बिकाऊ सहित बदतर शब्दों का इस्तेमाल किया है.
क्या है विवाद
विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह एक बार फिर विवादों में उस वक्त पड़ गये जब उन्होंने मीडिया पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट कर दिया. वीके सिंह ने ट्वीट करके मीडिया को ‘Presstitutes’ करार दिया था. एक चैनल के संपादक की ओर इशारा करते हुए मंगलवार को किये इस ट्वीट में उन्होंने मीडिया पर निशाना साधा जो उनके पाकिस्तान दिवस में शामिल होने पर उन पर लगातार सवाल कर रहे थे. पाकिस्तान दिवस में शामिल होने के बाद भी उन्होंने टि्वटर पर सफाई दी थी जिससे विवाद खड़ा हो गया था और विपक्षी दलों ने उनके इस्तीफे तक की मांग कर दी थी. भारतीय जनता पार्टी ने इस पूरे विवाद पर सफाई देते हुए ट्वीट को उनके निजी विचारों में शामिल बताया था.
अपने विवादास्पद बयान पर वी के सिंह ने प्रेस काउंसिल को लिखी थी चिट्ठी
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने मीडिया को प्रेस्टीच्यूट कहे जाने के अपने विवादास्पद बयान पर प्रेस काउंसिल को एक चिट्ठी लिखी थी. श्री सिंह ने चिट्ठी में कहा था कि उनके बयान को गलत ढंग से लिया गया. उनका बयान पूरी मीडिया नहीं बल्कि एक खास सेक्शन के लिए कहा था. उनके इस सफाई पर मीडिया जगत ने गंभीर आपत्ति जतायी गयी. एक चैनल के संपादक ने कहा था कि वी के सिंह को या तो उस शब्द का मतलब नहीं पता या फिर वे पूरी मीडिया को कटघरे में खड़ा करना चाहते हैं.
कांग्रेस का वार
कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने सिंह पर निशाना साधते हुए कहा था कि यह एक अतिवादी स्थिति है जिसमें अपनी आलोचना एवं विरोध सुनने के प्रति अक्षमता एवं असहिष्णुता पता चलती है. पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने भी वीके सिंह की आलोचना करते हुए कहा था कि सिंह ने जो कहा, वह पूरी तरह से निंदनीय है और उसकी कठोरतम शब्दों में भर्त्सना की जानी चाहिए. उन्होंने सिंह को मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग करते हुए कहा कि यह प्रेस की आजादी पर प्रहार है.