नयी दिल्ली :लोकसभा में आज आतंकी जकी-उर-रहमान लखवी को पाकिस्तान द्वारा जमानत दिये जाने के खिलाफ लोकसभा में सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पारित किया. इस प्रस्ताव में सरकार से पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए ऐसे सभी कदम उठाने को कहा गया है ताकि इस मामले को तार्किक परिणति तक पहुंचाया जा सके.
इससे पहले,मुंबई हमले के दोषी जकी-उर-रहमान लखवी की जमानत के मुद्दे पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में बयान दिया. उन्होंने इसे दुनिया भर के मानवतावादियों के लिए सदमा बताया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को कड़े शब्दों में इस विषय में बता दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पाकिस्तान में जो घटना घटी है कि उसकी एक साथ निंदा सदन ने निंदा की है और सदन की भावना के अनुरूप ही भारत सरकार ने कड़े से कड़े शब्दों में पाकिस्तान तक अपनी बात पहुंचा दी है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पाकिस्तान में अभी जो घटना (पेशावर हमला) हुई है, उससे जितनी पीड़ा पाकिस्तान को हुई है, उससे रत्ती भर भी कम पीड़ा भारत को कम नहीं हुई है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की घटना (पेशावर हमले) से हिंदुस्तान के हर बच्चे की आंख में आंसू हैं, हर भारतीय की आंख में आंसू है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अभी जो घटना (लखवी की रिहाई) हुई है, वह पूरी दुनिया के मानवतावादी हर व्यक्ति के लिए सदमा है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की राष्ट्रपति अभी भारत आयी हैं, इस कारण उनके साथ उनकी व्यस्तता है और इस मुद्दे पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज स्वयं सदन में विस्तार से बयान देंगी.
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में लखवी को बुधवार को रावलपिंडी की एक अदालत द्वारा जमानत दिये जाने के बाद भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया जतायी थी. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के इस रवैये पर हैरानी जताते हुए उम्मीद जतायी थी कि भारत द्वारा पर्याप्त सबूत दिये जाने के बाद पाकिस्तान की सरकार ने उसके खिलाफ अदालत में उचित पैरवी नहीं की. उन्होंने यह उम्मीद भी जतायी थी कि वहां की सरकार इस मामले में ऊपरी अदालत में अपील करेगी.
वहीं, विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने पाकिस्तान के इस रवैया पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा था कि लखवी को जमानत देना उन आतंकवादियों के लिए एक तरह से भरोसा देना है, जो ऐसे जघन्य अपराध करते हैं. आतंकवाद को लेकर सलेक्टिव रवैया नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान को यह नहीं भूलना चाहिए कि मुंबई हमले की योजना पाकिस्तान में बनी थी, लोगों को वहीं प्रशिक्षण व पैसा भी मिला था. भारत सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद पाकिस्तान को भी अपनी भूल का अहसास हुआ और लखवी की हिरासत बढ़ा दी गयी.