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शीतकालीन सत्र : सुषमा ने कहा – संकट की इस घड़ी में हम पाक के साथ

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नयी दिल्ली : सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद आज लोकसभा और राज्यसभा में पेशावर में मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि दी गई साथ ही सांसदों ने थोडी देर मौन रखा.लोकसभा में इस दर्दनाक घटना को लेकर स्पीकर निंदा प्रस्ताव पेश करेंगी. सदन में आतंकवाद की निंदा करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने […]

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नयी दिल्ली : सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद आज लोकसभा और राज्यसभा में पेशावर में मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि दी गई साथ ही सांसदों ने थोडी देर मौन रखा.लोकसभा में इस दर्दनाक घटना को लेकर स्पीकर निंदा प्रस्ताव पेश करेंगी.

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सदन में आतंकवाद की निंदा करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि दो देशों (ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान) में आतंकी घटना का होना आतंकवाद के काले चेहरे को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि हम इस संकट की घड़ी में सारे विवाद भूलाकर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के साथ हैं. हम मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ेंगे.

पेशावर में हुए आतंकी हमले के बाद संकट की इस घड़ी में गहरा खेद जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देर रात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से फोन पर बात कर उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया.

वहीं धर्म परिवर्तन की गूंज आज भी सदन में सुनाई दे रही है.धर्मांतरण मुद्दे को लेकर राज्यसभा में विपक्ष ने लगातार तीसरे दिन बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब की मांग करते हुए कामकाज बाधित किया. सांप्रदायिक हिंसा पर चर्चा का प्रधानमंत्री द्वारा जवाब देने की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण आज राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. उधर, सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए तृणमूल कांग्रेस के काली पट्टी लगाए सांसदों ने लोकसभा से आज वाकआउट किया.

राज्यसभा में कांग्रेस सांसद ने कहा प्रधानमंत्री को विपक्ष के सवालों को जवाब देना चाहिए. हमारी मांग का सरकार की ओर से जवाब नहीं दिया जा रहा इसका मतलब यह है कि सरकार सदन को चलाने के मूड में नहीं है.

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी ‘घर वापसी’ की जरूरत है. सदन में हमने उन्हें शायद ही देखा है. उन्होंने कहा कि पं नेहरू को भी भारी बहुमत मिला था लेकिन वे हमेशा सदन में दिखते थे.

सदन की कार्यवाही से पहले संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि कांग्रेस इस सत्र में बिल पास नहीं करने देना चाहता. उन्हें विकास की चिंता नहीं है देश के लोग उनकी ये हरकत देख रहे हैं.

इससे पहलेधर्म परिवर्तन ममाले मेंमंगलवार को राज्यसभा में विपक्ष ने लगातार दूसरे दिन कामकाज बाधित किया. कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने कहा, ‘‘जब तक प्रधानमंत्री सदन को आश्वासन नहीं देते, सदन में काम काज नहीं चल सकता. यह स्पष्ट है कि सरकार सदन नहीं चलने देना चाहती.’’

सदन के नेता एवं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा, ‘‘मुद्दा यह है कि आप आराजकता चाहते हैं, चर्चा नहीं.’’ सदन में मंगलवार को बार बार कांग्रेस, जदयू, सपा एवं तृणमूल कांग्रेस के कई सदस्यों ने आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करते हुए प्रधानमंत्री के बयान की मांग की जबकि अन्नाद्रमुक एवं द्रमुक को छोडकर वाम, बसपा एवं अन्य विपक्षी दल के सदस्य अपनी जगह से ही विरोध जता रहे थे.

विपक्षी सदस्यों ने जेटली की अराजकता वाली टिप्पणी पर कडी आपत्ति जतायी जिस पर उपसभापति पी जे कुरियन ने कहा कि वह रिकार्ड देखकर उसमें जो कुछ भी असंसदीय होगा, उसे निकाल देंगे. संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्ष पर चर्चा से बचने का आरोप लगाया. हंगामे के दौरान दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि विपक्ष जो कर रहा है वह राजनीतिक रूप से प्रेरित है. उप सभापति कुरियन ने कुछ विपक्षी सदस्यों के आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने को दुखद करार देते हुए कहा, ‘‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. आपके असंयमित व्यवहार से मैं बहुत दुखी हूं.’’ उन्होंने कहा कि संसद चर्चा करने की जगह है, नारेबाजी करने की नहीं.

कुरियन ने यह भी कहा कि सदन की परंपरा रही है कि जब भी सदन के नेता या विपक्ष के नेता बोलते हैं तो पूरा सदन उन्हें ध्यान से सुनता है और व्यवधान नहीं डालता. सदन के नेता को बोलने नहीं दिया गया जो बेहद दुखद है. लेकिन हमें यह गलती नहीं दोहरानी चाहिए.

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