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पुतिन ने कहा, रुस अपने आधुनिकतम हेलीकाप्टरों में से एक का निर्माण भारत में करेगा

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नयी दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि भारत के विकल्प भले ही बढ गये हों फिर भी रुस देश का ‘‘सबसे महत्वपूर्ण’’ रक्षा सहयोगी बना रहेगा. इस बीच, मास्को ने प्रस्ताव दिया है कि वह अपने आधुनिकतम हेलीकाप्टरों में से एक का निर्माण पूरी तरह से भारत में करेगा. मोदी ने भारत के […]

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नयी दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि भारत के विकल्प भले ही बढ गये हों फिर भी रुस देश का ‘‘सबसे महत्वपूर्ण’’ रक्षा सहयोगी बना रहेगा. इस बीच, मास्को ने प्रस्ताव दिया है कि वह अपने आधुनिकतम हेलीकाप्टरों में से एक का निर्माण पूरी तरह से भारत में करेगा.

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मोदी ने भारत के दौरे पर आए रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत की और इस दौरान भारत और रुस रक्षा सहयोग में ‘‘असीमित’’ अवसर तलाशने पर सहमत हुए.

मोदी ने इस बात को रेखांकित करते हुए कि बीते दशकों में रुस भारत का सबसे प्रमुख रक्षा सहयोगी रहा है, कहा कि प्रधानमंत्री के तौर पर दिल्ली से बाहर उनका पहला दौरा विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य का था ,जिसे रुस से यहां लाया गया है.

मोदी ने यहां पुतिन से मुलाकात करने के बाद मीडिया के लिए जारी बयान में कहा कि यह हमारे रक्षा सहयोग के गहरे प्रतीक को दर्शाता है. आज हालांकि भारत के विकल्प बढ गये हैं, फिर भी रुस हमारा सबसे महत्वपूर्ण रक्षा सहयोगी बना रहेगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि रुस भारत के विकास, सुरक्षा एवं अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए मजबूत स्तंभ रहा है और दोनों देशों ने कई नई रक्षा परियोजनाओं पर चर्चा की है.

मोदी ने कहा, ‘‘हमने अपने रक्षा संबंध ‘मेक इन इंडिया’ सहित भारत की अपनी प्राथमिकताओं के अनुरुप बनाने पर भी चर्चा की. मुझे खुशी है कि रुस ने अपने एक आधुनिकतम हेलीकाप्टर का निर्माण पूरी तरह से भारत में करने का प्रस्ताव दिया है.’’ उन्होंने कहा कि इसका उपयोग सैन्य और असैन्य दोनों मकसद से किया जा सकता है.

मोदी ने कहा, ‘‘इसमें भारत से निर्यात की संभावनाएं भी शामिल हैं. हम इस पर तेजी से आगे बढेंगे.’’ उन्होंने यह भी प्रस्ताव दिया कि रुस को भारत को दिए रुसी रक्षा उपकरणों के कल पुजरें और अन्य सामानों के लिए भारत में ही निर्माण केंद्र बनाने चाहिए.

मोदी ने कहा कि पुतिन ने इस आग्रह पर ‘‘बहुत सकारात्मक’’ जवाब दिया.

मोदी ने कहा कि बीते छह महीनों में, दोनों देशों ने तीनों सैन्य बलों के संयुक्त युद्धाभ्यास किये हैं.

आज, दोनों पक्षों ने भारतीय सैन्य बलों के जवानों के रुस के सैन्य शिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण के लिए एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किये. समझौता सैन्य शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के लिए प्रावधान और प्रक्रियाओं को बताता है और यह दोनों रक्षा बलों के बीच बेहतर समझ बनाने में भी मदद करेगा.

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन के बीच शिखर वार्ता के बाद आज दोनों देशों के बीच 16 समझौते हुए. समझौतों पर हस्ताक्षर के बाद साझा प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां और संबंध काफी बदलगये हैं, लेकिन भारत की विदेश नीति अब तक नहीं बदली है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के साझा हित हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि रूस भारत का महत्वपूर्ण रक्षा सहयोगी है और हम तीनों स्तर की सेनाओं के साथ साझा अभ्यास कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत रूस को मैन्युफेकचरिंग सेक्टर में निवेश के लिए हर तरह की सुविधा देगा. उन्होंने कहा कि रूस भारत के लिए भारत में उन्नत हेलीकॉप्टर बनायेगा. उन्होंने ऊर्जा उपलब्धा का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों देश ऊर्जा सेक्टर में आपसी सहयोग को जारी रखेंगे. प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में रूस के सहयोग से हाल में शुरू किये गये पहले भारतीय परमाणु ऊर्जासंयंत्र का उल्लेख किया. उन्होंने भविष्य में दसपरमाणु ऊर्जासंयंत्र की स्थापना का भी उल्लेख किया.

प्रधानमंत्री ने कहा किआर्थिक रूप से मजबूती की दिशा में हमने कई फैसले लिये हैं. रक्षा, परमाणु ऊर्जा में महत्वपूर्ण समझौता हुआ है. हमने पर्यटन के क्षेत्र में भी बात की है.

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने भारत को लो ऑर्बिट स्पेस क्र ाफ्ट के विकास में सहयोग करने का प्रस्ताव दिया है. दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने व अत्याधुनिक जेट फाइटर के विकास पर भी करार हुआ.

दोनों देशों की बड़ी कंपनियों के बीच गैस और तेल क्षेत्र में साङोदारी के लिए समझौता हुआ है. साथ ही मुक्त व्यापार समझौता करने की संभावना पर भी चर्चा हुई.

रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने आज यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दोनों रणनीतिक भागीदार देशों के बीच रक्षा, ऊर्जा और व्यापार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग के विस्तार पर बातचीत की. दोनों देशों के बीच यह वार्ता ऐसे समय में हुई है, जबकि रूस की अर्थव्यवस्था पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से जूझ रही है.

पुतिन कल रात यहां पहुंचे. वह भारत को सैन्य साजो सामन की आपूर्ति बढ़ाने तथा विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों के विस्तार पर बल दे सकते हैं. यह पुतिन और मोदी के बीच पहला सालाना शिखर सम्मेलन है. ये दोनों नेता जुलाई में ब्राजील में ब्रिक्स सम्मेलन में मिले थे. इनकी दूसरी मुलकात भी एक बहुपक्षीय सम्मेलन में हुइर्, जब वे पिछले महीने आस्ट्रेलिया में जी-20 सम्मेलन में भाग लेने गए थे.

इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बुधवार रात दिल्ली पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वास जताया कि यह यात्रा द्विपक्षीय संबधों को ‘‘नई उंचाइयों’’ पर ले जाएगी.11 बजे दोनों नेताओं नेहैदराबाद हाउस मेंमुलाकात की. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन का गर्मजोशी से स्वागत किया.दोप‍हर दो बजे दोनों देशों के नेताओं के बीच प्रतिनिधि स्तर की बातचीत होगी.

मोदी ने पुतिन के साथ नजदीकी रणनीतिक संबंधों विशेष रुप से परमाणु उर्जा, हाइड्रोकार्बन्स और रक्षा के क्षेत्रों में आज होने वाली बातचीत से पहले रुसी भाषा में ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रपति पुतिन का भारत में स्वागत करते हुए प्रसन्नता हो रही है.’’ उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘‘समय बदल गया है, लेकिन हमारी मित्रता में कोई बदलाव नहीं आया है. अब हम इस संबंध को अगले स्तर पर ले जाना चाहते हैं और यह यात्र उस दिशा में एक कदम है.’’

आज मोदी और पुतिन के बीच शिखर वार्ता होनी है. हैदराबाद हाउस में होने वाली बातचीत के बाद दोनों पक्षों के बीच 15 से 20 समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है. वर्ष 2000 के बाद से दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय वार्ता बारी-बारी से मास्को और नई दिल्ली में हो रही है. मोदी के साथ (सीमित और प्रतिनिधिमंडल स्तरीय प्रारुपों में) होने वाली बातचीत में उम्मीद है कि पुतिन यूक्रेन मुद्दे पर अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगी देशों द्वारा रूस के खिलाफ लगाये गए प्रतिबंधों को कम करने के उद्देश्य से ‘‘समय की कसौटी पर परखे’’ सहयोगी भारत के साथ आर्थिक संबंधों को और बढाने की मांग करेंगे.

पुतिन और मोदी के बीच होने वाला यह पहला वार्षिक शिखर सम्मेलन होगा. दोनों नेताओं के बीच ब्राजील में गत जुलाई में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन और पिछले महीने आस्ट्रेलिया में जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर भी मुलाकात हुई थी.

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