रायपुर: छत्तीसगढ के बिलासपुर जिले में नसबंदी के बाद महिलाओं की मौत के मामले की जानकारी मुख्यमंत्री ने राज्य के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को दी. मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि मामले में दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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छत्तीसगढ़ नसबंदी मामला : राज्य के सांसदों को डॉ रमन सिंह ने दी पूरी जानकारी
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रायपुर: छत्तीसगढ के बिलासपुर जिले में नसबंदी के बाद महिलाओं की मौत के मामले की जानकारी मुख्यमंत्री ने राज्य के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को दी. मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि मामले में दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि लोकसभा के शीतकालीन सत्र से एक […]
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आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि लोकसभा के शीतकालीन सत्र से एक दिन पहले छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य के लोकसभा तथा राज्यसभा सांसदों के साथ बैठक की तथा उन्हें बिलासपुर जिले के नसबंदी प्रकरण में राज्य शासन द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी.
बैठक में अधिकारियों ने बिलासपुर जिले के नसबंदी मामले के संबंध में राज्य शासन द्वारा अब तक उठाए गए कदमों की पूरी जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि इस महीने की आठ तारीख को पेंडरी (सकरी) और 10 तारीख को गौरेला, पेण्ड्रा तथा मरवाही गांव में आयोजित नसबंदी शिविरों में ऑपरेशन के बाद कई महिलाएं बीमार हो गई थी, जिन्हें तत्काल बिलासपुर लाकर तीन विभिन्न अस्पतालों-शासकीय जिला अस्पताल, सिम्स और अपोलो में भर्ती कराया गया.
अस्पतालों में भर्ती कुल 121 महिलाओं में से अब तक 104 महिलाओं को स्वस्थ होने पर छुट्टी दे दी गई. 22 नवम्बर की स्थिति के अनुसार, 17 महिलाओं का इलाज चल रहा है.
सांसदों को बताया गया कि शिविरों में गंभीर लापरवाही बरतने पर स्वास्थ्य विभाग के चार अधिकारियों को निलंबित कर उनमें से दो अधिकारियों को बर्खास्त किया गया है. प्राथमिकी दर्ज कर उनमें से एक बरखास्त डॉक्टर को गिरफ्तार भी कर लिया गया है.
अधिकारियों के अनुसार, दवाओं में विषैला पदार्थ मिलने पर संबंधित दवा निर्माता कंपनी की सभी दवाओं को प्रतिबंधित कर कंपनी के मालिक और उसके पुत्र को गिरफ्तार किया गया है. उन पर अदालत में मुकदमा चलाया जा रहा है. इस कंपनी को गलत प्रमाण पत्र जारी करने पर एक सहायक औषधि निरीक्षक को भी निलंबित कर दिया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि नसबंदी में मृत महिलाओं के परिवारों को चार-चार लाख रुपये और बीमार महिलाओं को 50-50 हजार रुपए की सहायता दी गई है. मृत महिलाओं के नाबालिग बच्चों को राज्य सरकार ने गोद लिया है और प्रत्येक बच्चे के लिए दो दो लाख रुपये सावधि जमा किए गए हैं. इन बच्चों के 18 वर्ष के होने तक उनकी शिक्षा की पूरी व्यवस्था राज्य शासन द्वारा की जाएगी.
बीमार महिलाओं को अस्पतालों से छुट्टी मिलने के बाद उन्हें अपोलो अस्पताल का नि:शुल्क हेल्थ कार्ड दिया गया है, जिससे उन्हें तीन वर्ष तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी.
इस दौरान मुख्यमंत्री ने सांसदों को बताया कि सम्पूर्ण मामले की न्यायिक जांच के लिए एकल सदस्यीय आयोग भी गठित कर दिया गया है. आयोग की रिपोर्ट आने पर दोषियों के खिलाफ और भी कडी कार्रवाई की जाएगी.
मालूम हो किछत्तीसगढ के बिलासपुर जिले में नसबंदी के बाद 13 महिलाओं की मौत हो गई है. इस घटना के बाद राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. घटना के बाद कांग्रेस ने मुख्यमंत्री रमन सिंह और स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल का इस्तीफा मांगा है.
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