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काला धन मामला : संधि उल्लंघन का जोखिम नहीं उठायेगी सरकार : जेटली

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नयी दिल्ली : काला धन मुद्दे पर सरकार का रुख स्‍पष्‍ट करते हुए वित्‍तमंत्री अरूण जेटली ने कहा कि विदेशों में काला धन जमा कराने वालों के नाम उजागर कर सरकार संधि उल्‍लंघन का जोखिम नहीं उठा सकती है. उन्‍होंने वादे से मुकरने के आरोप को सीरे से खारिज करते हुए कहा कि सरकार ऐसा […]

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नयी दिल्ली : काला धन मुद्दे पर सरकार का रुख स्‍पष्‍ट करते हुए वित्‍तमंत्री अरूण जेटली ने कहा कि विदेशों में काला धन जमा कराने वालों के नाम उजागर कर सरकार संधि उल्‍लंघन का जोखिम नहीं उठा सकती है. उन्‍होंने वादे से मुकरने के आरोप को सीरे से खारिज करते हुए कहा कि सरकार ऐसा कोई जोखिम नहीं उठायेगी जिससे भविष्य में ऐसे मामलों में अन्य देशों से सहयोग मिलने की गुंजाइश धूमिल हो.

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उन्होंने कहा कि काले धन पर सरकार का रुख ‘जोखिम वाला नहीं, बल्कि दृढ निश्चय वाला’ है. जेटली ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि सरकार नामों का पता लगाने, दोषियों को सजा दिलाने तथा उन्हें सार्वजनिक करने को प्रतिबद्ध है. हम ऐसा कोई भी जोखिमपूर्ण कदम नहीं उठाने जा रहे जिससे कि हम संधियों का उल्लंघन कर जाएं और फिर कहें कि हम दूसरे देशों से सहयोग पाने में सक्षम नहीं हैं.

जेटली ने कहा है, इस तरह के रुख से वास्तव में कालाधन रखने वाले खाताधारकों को ही मदद मिल सकती है. जोखिम लेकर कदम उठाना अदूरदर्शिता होगी. परिपक्व रुख अपनाने से हम मामले की तह तक जा पाएंगे. उन्होंने कहा कि राजग सरकार देश की जनता से किसी तरह की सूचना नहीं छुपाएगी जिनमें विदेश में काला धन जमा कराने वाले खाताधारकों के नाम भी शामिल है, लेकिन इन नामों का खुलासा जांच प्रक्रिया पूरी करते हुए तथा बेहिसाब धन की मात्रा पर सहमति बनने के बाद ही किया जाएगा.

उन्होंने कहा है कि समुचित कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद काला धन रखने वाले खाताधारकों के नाम सहित सारी जानकारी अदालती प्रक्रिया में सार्वजनिक हो जाएगी जब आयकर विभाग द्वार कर चोरों के खिलाफ शिकायत की जाएगी. जेटली ने कहा कि ऐसे खाताधारकों के नामों का खुलासा समय से पहले करने अथवा मामले के अदालत में जाने से पहले करने पर न केवल जांच पर असर पडेगा बल्कि ऐसे खाताधारकों को अपने अपराधों से बचने का मौका भी मिलेगा.

मंत्री ने कहा है, इससे अन्य देशों के साथ भारत की दोहरे कराधान से बचाव संधि का भी उल्लंघन होगा और उक्त देशों से और सूचनाएं हासिल करना मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद तीन साल तक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित नहीं की जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में ही एसआईटी गठित करने का फैसला किया जो कि प्रभावी ढंग से काम कर रही है.

उन्‍होंने कहा कि इसके चलते ही राजस्व सचिव की अगुवाई में अधिकारियों की एक टीम ने स्विस बैंकों में जमा काले धन के मामलों की जांच के संबंध में स्विटजरलैंड में अधिकारियों के साथ संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर किए हैं.

उल्लेखनीय है कि सरकार को उच्चतम न्यायालय में विदेशी बैंकों में अवैध खाते रखने वाले लोगों के नाम का खुलासा करने से इनकार को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड रहा है. जेटली का यह बयान एक तरह से इन आलोचनाओं जवाब माना जा रहा है. सरकार ने उच्चतम न्यायालय में दायर एक अर्जी में दलील दी है कि वह ऐसी सभी सूचनाओं का खुलासा नहीं कर सकती है क्योंकि जिन देशों के साथ भारत की दोहरे कराधान से बचाव की संधि है उन्हें इसे सार्वजनिक करने में आपत्ति है.
कम नहीं हो रहा कांग्रेस का हमला
वहीं कांग्रेस ने काले धन के मुद्दे पर राजग सरकार के रुख की आलोचना की है. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कल संवाददाताओं से कहा, यह न सिर्फ भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है बल्कि भारत की जनता के साथ बेइमानी और सरासर पाखंड है. मोदी सरकार का कामकाज भाषण और वास्तविकता तथा करनी और कथनी में अंतर के रुप में परिभाषित है. लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने भारतीयों द्वारा विदेशों में बैंकों में रखे गये कालेधन को वापस लाने का वादा किया था. भाजपा ने तब ऐसा नहीं करने के लिये संप्रग सरकार पर भी निशाना साधा था.

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