कश्मीर में जब बाढ़ का कहर जारी था और घाटी के अधिकतर हिस्से अंधेरे में डूबे थे तो कुछ चिकित्सकों ने यहां एकमात्र प्रसूति अस्पताल में मोमबत्ती की रोशनी में सिजेरियन ऑपरेशन से प्रसव कराये. लाल देड अस्पताल के डॉक्टरों ने मोमबत्ती की रोशनी में छह सिजेरियन प्रसव कराये.
अस्पताल का ग्राउंड फ्लोर बाढ़ में डूबा हुआ था. छह सितंबर को अस्पताल की बिजली आपूर्ति ठप हो गयी थी. उसके अगले दिन जेनरेटर ने भी काम करना बंद कर दिया था. स्थिति और मरीजों की तकलीफ को देखते हुए डॉक्टरों को यह कदम उठाना पड़ा.