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बीजेपी-शिवसेना गंठबंधन : आता पुष्कल झाले

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मुंबई : गंठबंधन पर जारी गतिरोध के बाद अंतत: महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच सबकुछ ठीक होने वाला है. वैसे विशेषज्ञों का मानना है कि इनके बीच गंठबंधन टूटने जैसी स्थिति कभी थी ही नहीं, सिर्फ सीटों को लेकर थोड़ा माथापच्ची हो रही थी. यह बात अब तब सही साबित हो रही है, […]

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मुंबई : गंठबंधन पर जारी गतिरोध के बाद अंतत: महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच सबकुछ ठीक होने वाला है. वैसे विशेषज्ञों का मानना है कि इनके बीच गंठबंधन टूटने जैसी स्थिति कभी थी ही नहीं, सिर्फ सीटों को लेकर थोड़ा माथापच्ची हो रही थी.

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यह बात अब तब सही साबित हो रही है, जब शिवसेना ने कहा कि राज्य में स्थिति अच्छी है और शिवसेना एवं भाजपा के घोड़े बहुत तेजी से दौड़ रहे हैं तथा वे कांग्रेस राकांपा के खच्चरों से रुक नहीं सकते.शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में मीडिया के एक वर्ग को गंठबंधन टूट जाने की उम्मीद पालने का भी आरोप लगाया.

उसने कहा, महाराष्ट्र में स्थिति अच्छी है. शिवसेना और भाजपा के घोड़े बहुत तेज दौड़ रहे हैं और रुक नहीं सकते. कांग्रेस राकांपा के खच्चरों का कोई महत्व नहीं है. शिवसेना और भाजपा के नेता कई दिन में आज पहली बार मीडिया के सामने आये और उन्होंने जोर देकर कहा कि वे चाहते हैं कि गंठबंधन जारी रहे.

सामना के संपादकीय में कहा गया है, यदि गंठबंधन बचा रहता है तो फिर खबर क्या है? लेकिन यह टूट जाता तो निश्चित ही खबर बनती. इसलिए मीडिया में कुछ लोग इस गंठबंधन के टूटने का इंतजार कर रहे थे. शिवसेना ने अपने मुखपत्र में कहा, कहा जाता है कि महायुति बना रहेगा या टूट जाएगा, इस बात के लिए 100-500 करोड रुपये की सट्टेबाजी लगी है. मीडिया अब सट्टेबाजी का अंग बन गया है. उसका एक वर्ग उसके टूटने का इंतजार कर रहा था ताकि यह सनसनीखेज खबर बने.

शिवसेना एवं भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में राज्य विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष विनोद तावडे ने कहा कि दोनों दल चाहते हैं कि गठबंधन जारी रहे. तावडे ने कहा, शिवसेना एवं भाजपा की इच्छा है कि गठबंधन जारी रहे. दोनों पार्टियों का कोई नेता नहीं चाहता कि 25 वर्ष पुराना गठबंधन टूट जाए. (सीटों के बंटवारे पर ) एक नये फार्मूले पर आज चर्चा हुई. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि नया फार्मूला क्या है.

उन्होंने कहा, महायुति के सहयोगियों के साथ चर्चा के बाद आज शाम तक अंतिम निर्णय लिया जाएगा. शिवसेना और भाजपा दोनों की सोच है कि गंठबंधन जारी रहे. आम आदमी राज्य की कांग्रेस-राकांपा सरकार को हराना चाहता है. शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, दोनों दल इस बात पर सहमत हैं कि गठबंधन जारी रहे. दोनों ही दलों की दृढ राय है कि यह गठबंधन जारी रहना चाहिए. आज एक नया प्रस्ताव आया और आज बाद में उस पर गठबंधन के अन्य सहयोगियों के साथ चर्चा की जायेगी. आरपीआई, आरएसपी, एसएसपी और शिवसंग्राम महायुति के अन्य सहयोगी हैं.

संभावना है कि मंगलवार की शाम तक दोनों दलों का विवाद सुलझ जायेगा और सीटों के बंटवारे पर दोनों पार्टियां अंतिम रूप से राजी हो जायेंगी. एक सप्ताह से भी अधिक समय से दोनों पार्टियों के बीच चल रहे मीडिया वार पर आज उस समय विराम लग गया, जब दोनों दलों के प्रदेश स्तरीय नेता 11 बजे दिन में एक साथ सीटों के मुद्दे पर बात करने के लिए बैठे.

शिवसेना के वरिष्ठ नेता सुभाष देसाई व प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य संजय राउत दादर स्थित भाजपा कार्यालय पहुंचे और राज्य इकाई के प्रमुख भाजपा नेताओं से बात की. इस बैठक में भाजपा नेता विनोद तावड़े, भाजपा की ओर से महाराष्ट्र में चुनाव प्रभारी ओम माथुर और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र फडनवीस सहित विभिन्न नेता मौजूद थे.

इस बैठक के बाद शिवसेना नेता संजय राउत व भाजपा नेता विनोद तावड़े ने साझा प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि सीटों का विवाद शाम तक सुलझ जायेगा. नये फामरूले के तहत शिवसेना 151 सीटों पर, जबकि भाजपा 130 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. जबकि सात सीटें चार छोटे सहयोगियों आरएसपी, शेतकारी संगठन आदि को दी जायेंगी.

हालांकि छोटे सहयोगियों ने भाजपा-शिवसेना के झगड़े पर नाराजगी जतायी है. उनका मानना है कि इन दो बड़ी पार्टियों के झगड़े में उनका हित मारा जा रहा है और ये दोनों उनके सीटों को ही अपने खाते में लेकर संतुष्ट होंगी. आरएसपी नेता रामदास अठावले ने कहा है कि वे चार-पांच सीटों से मानने वाले नहीं हैं. ज्ञात हो कि पहले चारों छोटे सहयोगियों को 18 सीटें देने की बात थी.

भाजपा नेता विनोद तावड़े ने बैठक के बाद मीडिया से कहा है कि वे इस मामले में अपने दूसरे सहयोगी दलों से बात करेंगे और संभावना है कि आज शाम तक कोई फामरूला आ जायेगा और सीटों के बंटवारे पर अंतिम सहमति बन जायेगी. उल्लेखनीय है कि सोमवार की शाम एक न्यूज एजेंसी के हवाले से यह खबर आयी थी कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा को सीटों के बंटवारे का नया फामरूला दिया है, जिसके तहत ठाकरे भाजपा को 126 सीटों का प्रस्ताव किया है.

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