नयी दिल्लीः Shaheen Bagh Protests – नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में दो महीने से ज्यादा दिनों से दिल्ली के शाहीन बाग में धरना-प्रदर्शन जारी है. सुप्रीम कोर्ट आज फिर उन याचिकाओं पर सुनवाई करेगा जिसमें शाहीन बाग से सीएए का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है. 10 फरवरी को जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने इस मुद्दे पर केंद्र और दिल्ली सरकार तथा पुलिस को नोटिस जारी किया था. आज वे अपना पक्ष कोर्ट में रखेंगे.
10 फरवरी को जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की खंडपीठ ने केंद्र, दिल्ली सरकार और पुलिस को प्रदर्शन को लेकर नोटिस जारी किया था. कोर्ट शाहीन बाग को खाली कराने संबंधी दो याचिकाओं की सुनवाई कर रही है. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी कि शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए. शाहीन बाग पर पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसी सार्वजनिक जगह पर अनंतकाल तक प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है. हालांकि तब सड़क खाली करवाने का कोई आदेश नहीं दिया गया था. मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 जनवरी का दिन तय किया गया था.
तब न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने कहा था कि एक कानून है और लोगों की उसके खिलाफ शिकायत है. मामला कोर्ट में लंबित है. इसके बावजूद कुछ लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्हें प्रदर्शन का अधिकार है लेकिन आप सड़कों को बंद नहीं कर सकते.