नयी दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के संकाय सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर वंचित वर्ग के शिक्षकों एवं छात्रों से भेदभाव करने का शनिवार को आरोप लगाया. साथ ही, उन्होंने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से यह मामला सरकार के समक्ष उठाने का आग्रह भी किया है.
संकाय सदस्यों के साथ मुलाकात करने के बाद पासवान ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल द्वारा लगाये गये आरोप गंभीर हैं और इन पर गौर किया जाना चाहिए. उन्होंने पासवान को बताया कि शुल्क में हालिया बढ़ोतरी और सीटों में कटौती ने इन वंचित समुदायों को सबसे अधिक प्रभावित किया है और यह कि एससी-एसटी शिक्षकों को शर्तें पूरी करने के बावजूद देय पदोन्नति नहीं दी जा रही है.
पासवान ने उनके हवाले से कहा कि इन समुदायों के लिए आरक्षित शैक्षणिक पदों को योग्य उम्मीदवार उपलब्ध होने के बावजूद रिक्त छोड़ दिया गया. उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल के आरोप गंभीर हैं. उन पर ध्यान देना होगा. ज्ञापन में प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के एससी-एसटी सदस्यों एवं छात्रों को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन से भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है. प्रशासन की कमान कुलपति एम जगदीश कुमार के हाथ में है.