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अर्थव्यवस्था पर PM की चुप्पी हैरान करने वाली, आर्थिक सुस्ती पर सरकार अंधेरे में : चिदंबरम

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नयी दिल्ली : कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने जेल से रिहा होने के एक दिन बाद आर्थिक नरमी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर गुरुवार को बड़ा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर अंधेरे में है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले में […]

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नयी दिल्ली : कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने जेल से रिहा होने के एक दिन बाद आर्थिक नरमी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर गुरुवार को बड़ा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर अंधेरे में है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले में शेखी बघारने और लोगों को झांसे में रखने का काम अपने मंत्रियों पर छोड़ रखा है.

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चिदंबरम ने कहा कि पिछली छह तिमाहियों की घटती वृद्धि दर 8 प्रतिशत, 7 प्रतिशत, उसके बाद 6.6, 5.8, 5 और अब 4.5 प्रतिशत से यह भली भांति जाना जा सकता है कि अर्थव्यवस्था की क्या स्थिति है. पूर्व वित्त मंत्री ने हालांकि, अपने खिलाफ लंबित मामले में कुछ भी बोलने से इनकार किया और उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस ज्यादातर अर्थव्यवस्था पर केंद्रित रही. इस बीच कई बार वह भावावेश में भी दिखे. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि शीर्ष न्यायालय के स्पष्ट एवं व्यापक फैसले से ही धूल की परतें छंटेंगी, जो कि आपराधिक कानून के बारे में हमारी समझ और आपराधिक कानून को प्रशासित करने के अदालतों के तौर तरीकों पर जम गयी हैं.

शीर्ष न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चिदंबरम को बुधवार को जमानत दे दी. उन्होंने पत्रकारों से खचाखच भरे कमरे में बातचीत में कहा, पिछले 106 दिनों में, मेरा नजरिया मजबूत हुआ है और मैं भी मजबूत हुआ है क्योंकि मंत्री के रूप में मेरा रिकॉर्ड और मेरा विवेक साफ है. चिदंबरम ने कहा, जिन अधिकारियों ने मेरे साथ काम किया है, जिन कारोबारियों ने मुझसे बातचीत की है और जिन पत्रकारों ने मुझे नोटिस किया है वे यह अच्छे से जानते हैं. मेरा परिवार ईश्वर में विश्वास करता है. हमें पूरा भरोसा है कि अदालत अंत में न्याय करेगी. चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था को लेकर कहा कि निदान सबसे शुरुआती उपाय है. यदि निदान की पहचान ही गलत होगी तो नुस्खा बेकार साबित होगा.

उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के सात महीने बीतने के बावजूद भाजपा सरकार यह मान रही है कि अर्थव्यवस्था में जो समस्याएं हैं, वे चक्रीय परिस्थितियों की वजह से हैं. सरकार इस मोर्चे पर गलत साबित होगी क्योंकि उसे अर्थव्यवस्था के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार स्पष्ट कारणों का पता लगाने में असमर्थ है क्योंकि वह प्रधानमंत्री कार्यालय के नोटबंदी, त्रुटिपूर्ण जीएसटी, कर आतंकवाद और संरक्षणवाद जैसी भयानक गलतियों का बचाव करने पर अड़ी हुई है. चिदंबरम ने कहा कि अर्थव्यवस्था पर मोदी की चुप्पी हैरान करने वाली है. उन्होंने कहा, अर्थव्यवस्था में आ रही लगातार सुस्ती पर प्रधानमंत्री की चुप्पी के चलते उनके मंत्री झांसा दे रहे हैं और शेखी बघारने में लगे हुए हैं. पीएम ने शेखी बघारने और झांसा देने का काम अपने मंत्रियों पर छोड़ रखा है. इसका परिणाम वही है, जैसा कि द इकोनॉमिस्ट ने कहा है कि सरकार अर्थव्यवस्था की अक्षम प्रबंधक बन गयी है.

पूर्व वित्त मंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि सरकार वर्तमान मंदी को चक्रीय कह रही है. भगवान का शुक्र है कि उन्होंने इसे मौसमी नहीं कहा है. इसकी वजह संरचनात्मक हैं और सरकार के पास इन समस्याओं को दूर करने के लिए कोई समाधान नहीं है. उन्होंने जोर दिया कि एनएसएसओ के अनुसार ग्रामीण खपत कम हुई है. ग्रामीण मजदूरी घट रही है. विशेषकर किसानों के लिए पैदावार की कीमतें कम हैं. चिदंबरम का दावा है कि मांग में कमी है क्योंकि अनिश्चितता और भय के कारण उपभोग करने के लिए न तो लोगों के पास पैसे हैं और न ही इच्छा है. चिदंबरम के मुताबिक, संप्रग सरकार ने 2004 से 2014 के बीच 14 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला, जबकि भाजपा नीत राजग ने 2016 से अब तक लाखों लोगों को गरीबी रेखा से नीचे धकेल दिया है.

उन्होंने कहा, अर्थव्यवस्था को सुस्ती से बाहर निकाला जा सकता है, लेकिन यह सरकार ऐसा करने में अक्षम है. मेरा मानना ​​है कि कांग्रेस और कुछ अन्य दल अर्थव्यवस्था को मंदी से बाहर निकालने और आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने में सक्षम हैं, लेकिन हमें बेहतर समय का इंतजार करना होगा. उद्योगपति राहुल बजाज की टिप्पणी पर चिदंबरम ने कहा, हर जगह डर का माहौल है. मीडिया भी भय की चपेट में है. हाल ही में बजाज ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में कहा था कि देश में भय का माहौल बना हुआ है और लोग सरकार की आलोचना करने से घबराते हैं.

चिदंबरम ने कहा कि रिहाई के बाद उनके मन में जो पहला ख्याल आया वह कश्मीरी लोगों को लेकर था. जिन्हें चार अगस्त 2019 से उनके बुनियादी अधिकारों से वंचित कर दिया गया. चिदंबरम ने कहा, यदि सरकार मुझे अनुमति देती है तो मैं जम्मू-कश्मीर जाना चाहूंगा. उन्होंने कहा कि यदि सरकार मानती है कि गांधी परिवार को एसपीजी सुरक्षा की जरूरत नहीं है तो इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा. उल्लेखनीय है कि सरकार ने हाल ही में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) सुरक्षा हटा ली है.

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