चंडीगढ़ : पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान में करतारपुर गलियारे के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए शनिवार को विदेश मंत्रालय से अनुमति मांगी.
क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने इस संबंध में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को भी एक पत्र लिखा है. मुख्यमंत्री ने वह पत्र जरूरी कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव को भेज दिया. विदेश मंत्री एस जयशंकर को लिखे पत्र में सिद्धू ने कहा कि उन्हें नौ नवंबर को करतारपुर साहिब गलियारे के उद्घाटन समारोह के लिए पाकिस्तान सरकार द्वारा आमंत्रित किया गया है.
अमृतसर पूर्व क्षेत्र से विधायक सिद्धू ने लिखा, एक सिख के रूप में, इस ऐतिहासिक अवसर पर अपने महान गुरु बाबा नानक को श्रद्धा सुमन अर्पित करने और अपनी जड़ों से जुड़ने का यह एक महान अवसर होगा. उन्होंने पत्र में कहा, इसलिए, मुझे इस पावन अवसर पर पाकिस्तान जाने की अनुमति दें.
सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने कहा कि अगर केंद्र से अनुमति मिल जाए तो उनके पति निश्चित रूप से उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए पाकिस्तान जाएंगे. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, मेरे पति ने पाकिस्तान की यात्रा के लिए भारत सरकार से अनुमति मांगी है.
पिछले साल अगस्त में सिद्धू ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था. कार्यक्रम में पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से गले मिलने के बाद सिद्धू विपक्ष के निशाने पर थे. सिद्धू ने उस समय दावा किया था कि बाजवा ने उनसे करतारपुर गलियारा खोलने के लिए प्रयासों के बारे में कहा था.
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री सिंह को शनिवार सुबह सिद्धू का पत्र मिला और उन्होंने वह पत्र तत्काल मुख्य सचिव को भेज दिया. सिंह ने कहा कि सभी अन्य विधायकों के साथ सिद्धू को भी उस सर्वदलीय जत्था में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था जो नौ नवंबर को गलियारे से पंजाब से करतारपुर साहिब जाएगा.
मुख्यमंत्री ने करतारपुर गलियारे के ‘राजनीतिकरण’ पर भी अफसोस जताया और कहा कि यह सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की विचारधारा के विपरीत है, जिनकी 550 वीं जयंती इस वर्ष मनाई जा रही है. उन्होंने एक बयान में कहा, भारत को एक साथ खड़ा होना चाहिए था, खासकर उस गहन एजेंडे को देखते हुए जो गलियारे को खोलने के पाकिस्तान के फैसले के पीछे प्रतीत हो रहा है…
मुख्यमंत्री ने अपना रुख दोहराया कि इससे राजनीति को दूर रखना चाहिए था और इस विशाल कार्यक्रम का आयोजन राज्य सरकार पर छोड़ा जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि उन्हें अब भी पाकिस्तान के इरादे पर संदेह है और विश्वास है कि गलियारा खोलना पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई का अभियान है, जिसका उद्देश्य सिख समुदाय को जनमत संग्रह 2020 के लिए आकर्षित करना है.