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महाराष्‍ट्र में सीएम को लेकर किचकिच: भाजपा-शिवसेना के नेता अलग-अलग पहुंचे राजभवन, राज्यपाल से की मुलाकात

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मुंबई : महाराष्‍ट्र में किसकी सरकार बनेगी इसको लेकर संशय बरकरार है. इसी बीच सोमवार को भाजपा और शिवसेना के नेता अगल-अलग राजभवन पहुंचे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की. हालांकि राजभवन की ओर से कहा गया है कि यह दिवाली के अवसर पर होने वाली औपचारिक मुलाकात है. इस मुलाकात से पहले […]

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मुंबई : महाराष्‍ट्र में किसकी सरकार बनेगी इसको लेकर संशय बरकरार है. इसी बीच सोमवार को भाजपा और शिवसेना के नेता अगल-अलग राजभवन पहुंचे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की. हालांकि राजभवन की ओर से कहा गया है कि यह दिवाली के अवसर पर होने वाली औपचारिक मुलाकात है.

इस मुलाकात से पहले एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि मुलाकात का अभी कोई एजेंडा तय नहीं है, लेकिन इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि सरकार गठन को लेकर चर्चा नहीं होगी. मुख्यमंत्री सूबे की वर्तमान राजनीतिक स्थिति से गवर्नर को अवगत कराने का का करेंगे और अगली सरकार के गठन को लेकर चर्चा करेंगे. शिवसेना की ओर से राउते भी गवर्नर को अपनी पार्टी के रुख और विधायक दल की बैठक में लिये गये फैसले से रू-ब-रू करावाएंगे.

इससे पहले शिवसेना ने अपने सहयोगी दल भाजपा से शनिवार को लिखित में आश्वासन मांगा कि वह महाराष्ट्र में ‘सत्ता में बराबर की हिस्सेदारी के फार्मूले’ (50:50) को लागू करेगी. वहीं, विपक्षी कांग्रेस ने कहा है कि उद्धव ठाकरे नीत पार्टी को ‘‘वैकल्पिक व्यवस्था’ तलाशनी चाहिए. शिवसेना के नवनिर्वाचित विधायकों ने मुंबई में पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के आवास पर उनसे मुलाकात की थी. उन्होंने उनके (उद्धव के) बेटे एवं युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की.

उद्धव से मुलाकात
राज्य में 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में शिवसेना के 56 सीटों पर जीत दर्ज करने के दो दिनों बाद यानी शनिवार को नवनिर्वाचित विधायकों ने ठाकरे से मुलाकात की. उन्होंने शिवसेना प्रमुख को नयी सरकार के गठन के बारे में फैसला लेने के लिये अधिकृत किया. शिवसेना के एक विधायक ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने भी कहा है कि ‘उनके पास अन्य विकल्प खुले हैं.’ लेकिन वह उन्हें तलाशने में रूचि नहीं ले रहे हैं क्योंकि भाजपा और शिवसेना हिंदुत्व की विचारधारा की डोर से एक दूसरे से बंधी हुई है.

30 अक्टूबर को बैठक
इस बीच, महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने ढाई साल के लिये मुख्यमंत्री का पद शिवसेना द्वारा कथित तौर पर मांगे जाने के बारे में पूछे जाने पर बस इतना कहा कि हर किसी को अपना विचार प्रकट करने का अधिकार है. हालांकि, पुणे शहर के कोठरूड सीट से निर्वाचित हुए पाटिल ने कहा कि सरकार गठन पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे करेंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक सदन में पार्टी के विधायक दल का नेता चुनने के लिये मुंबई में 30 अक्टूबर को बैठक करेंगे. शिवसेना के लिखित में आश्वासन मांगने को उसकी दबाव बनाने की तरकीब के तौर पर देखा जा रहा है.

क्यों हो रही है सौदेबाजी
दरअसल, भाजपा को 2014 की तुलना में इस चुनाव में 17 सीटों का नुकसान हुआ है और उसकी सीटों की संख्या 122 (वर्ष 2014) से घट कर 105 पर आ गयी है. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक भाजपा के खराब प्रदर्शन ने शिवसेना की सौदेबाजी करने की ताकत बढ़ा दी है. हालांकि, शिवसेना की सीटों की संख्या भी 2014 में 63 की तुलना में घट कर 56 पर आ गयी हैं. राज्य में 21 अक्टूबर को 288 सदस्यीय विधानसभा के लिये हुए चुनावों में भाजपा ने 105, शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की. वहीं, राकांपा 54 और कांग्रेस 44 सीटों पर विजयी रही. चुनाव परिणामों से भाजपा को झटका लगा है क्योंकि पार्टी ने पूर्ण बहुमत के साथ अपने बूते सरकार बनाने का लक्ष्य रखा था. लेकिन चुनाव नतीजों के बाद बदले राजनीतिक परिदृश्य ने शिवसेना का मनोबल बढ़ा दिया है जो बखूबी जानती है कि वह सौदेबाजी करने की स्थिति में है और मुख्यमंत्री पद के लिये आदित्य के नाम पर मुहर लगवा सकती है.

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