नयी दिल्ली/लखनऊः महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर कांग्रेस ने देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित किए. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इसी बहाने भाजपा पर निशाना साधा. लखनऊ में आयोजित ‘मौन यात्रा’ में कहा कि भाजपा को पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के मार्ग पर चलना चाहिये बाद में उनके […]
नयी दिल्ली/लखनऊः महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर कांग्रेस ने देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित किए. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इसी बहाने भाजपा पर निशाना साधा. लखनऊ में आयोजित ‘मौन यात्रा’ में कहा कि भाजपा को पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के मार्ग पर चलना चाहिये बाद में उनके बारे में बात करना चाहिए.
प्रियंका ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ करीब तीन किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा की. उप्र विधानसभा द्वारा बुलाए गए 36 घंटे के विशेष सत्र का कांग्रेस समेत संपूर्ण विपक्ष ने बहिष्कार किया है. प्रियंका ने यात्रा शुरू होने से पहले पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस महिलाओं के हक में आवाज उठाती रहेगी. दरअसल, वह उन्नाव और शाहजहांपुर यौन शोषण मामले की पीड़िताओं के समर्थन में भी लखनऊ की सड़कों पर उतरी हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर पर बापू को नमन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस एवं भाजपा पर निशाना साधा.कहा कि जो लोग खुद को सर्वेसर्वा बताने की इच्छा रखते हों वो राष्ट्रपिता के आदर्शों को कैसे समझ सकते हैं. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पदयात्रा के समापन के बाद सोनिया ने राजघाट पर पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.
कहा कि आज हमारा देश और पूरी दुनिया महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंती मना रही है तो हम सभी को इस बात पर गर्व है कि भारत आज जहां पहुंचा है वह गांधी के रास्ते पर चलकर पहुंचा है. सोनिया ने मोदी और भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा, गांधी जी का नाम लेना आसान है, लेकिन उनके बताए रास्ता पर चलना मुश्किल है.
गांधी जी का नाम लेकर भारत को अपने रास्ते पर ले जाने वाले पहले भी कम नहीं थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में साम दाम दंड भेद का खुला खेल करके वो अपना आपको बहुत ताकतवर समझते हैं. उन्होंने कहा, इन सबके बावजूद भारत नहीं भटका तो इसकी वजह है कि हमारे देश की बुनियाद में गांधी के आदर्शों की आधारशिला है.
सोनिया ने कहा, भारत और गांधी एक दूसरे के पर्याय हैं. यह अलग बात है कि कुछ लोग इसे उलटा करने की कोशिश करते हैं. कुछ लोग चाहते हैं कि गांधी नहीं बल्कि आरएसएस भारत का प्रतीक बन जाए. उन्होंने कहा, जो लोग असत्य के आधार पर राजनीति कर रहे हैं वो कैसे समझेंगे कि गांधी जी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे. जो सारी शक्ति अपनी मुठ्टी में रखना चाहते हैं वे कैसे समझेंगे कि गांधी जी के स्वराज का क्या मतलब है.