बेंगलुरूःरक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बेंगलुरु स्थित एचएएल हवाईअड्डे से तेजस लड़ाकू विमान में गुरुवार को उड़ान भरी. इसी के साथ वह स्वदेश में निर्मित हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) में उड़ान भरने वाले पहले रक्षा मंत्री बन गए. जी सूट पहने राजनाथ सिंह विमान में पायलट के पीछे वाली सीट पर बैठे. उनके साथ एयर वाइस मार्शल एन तिवारी भी थे. तिवारी बेंगलुरू में एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के नेशनल फ्लाइट टेस्ट सेंटर में परियोजना निदेशक हैं.
#WATCH Defence Minister Rajnath Singh flies in Light Combat Aircraft (LCA) Tejas, in Bengaluru. #Karnataka pic.twitter.com/LTyJvP61bH
— ANI (@ANI) September 19, 2019
तेजस हल्का लड़ाकू विमान है, जिसे डीआरडीओ की मदद से हिंदुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड ने तैयार किया है. रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया था कि स्वदेशी तकनीक से निर्मित तेजस के विकास से जुड़े अधिकारियों का हौसला बढ़ाने के उद्देश्य से रक्षा मंत्री इस हल्के लड़ाकू विमान में उड़ान भरेंगे. अधिकारी ने कहा था कि उनके इस कदम से भारतीय वायुसेना के उन पायलटों का मनोबल भी बढ़ेगा जो यह विमान उड़ा रहे हैं.
भारतीय वायुसेना तेजस विमान की एक खेप को पहले ही शामिल कर चुकी है. एलसीए का नौसैन्य संस्करण फिलहाल निर्माण चरण में है. पिछले शुक्रवार को गोवा में तेजस ने विमान वाहक पोत पर उतरने की काबिलियत दिखाई थी यानि “अरेस्टेड लैंडिंग” की थी. इस लैंडिंग के दौरान नीचे से लगे तारों की मदद से विमान की रफ्तार कम कर दी जाती है.
इसी के साथ लड़ाकू विमान के नौसैन्य संस्करण के निर्माण की राह आसान हो गई थी. गुरुवार को ही सिंह बेंगलुरु में रक्षा अनुसंधान और शोध संगठन (डीआरडीओ) के उत्पादों की प्रदर्शनी में भी शामिल होंगे.
शुरुआत में आईएएफ ने 40 तेजस विमानों के लिए हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को ऑर्डर दिया था. पिछले साल भारतीय वायु सेना ने 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 83 और तेजस विमानों की अन्य खेप की खरीद के लिए एचएएल को अनुरोध प्रस्ताव (आरएफपी) जारी किया था.