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MP में अफसर को पीटने वाले विधायक आकाश को अपने किये पर पछतावा नहीं, अब गांधीगीरी करेंगे

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इंदौर : मध्यप्रदेश के शहरी निकाय के एक अधिकारी को क्रिकेट बैट से सरेआम पीटने के मामले के आरोपी भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने रविवार को कहा कि ‘सोच-समझकर उठाये गये अपने इस असामान्य कदम’ पर उन्हें कोई पछतावा नहीं है. लेकिन, आइंदा वह जनता के मुद्दे उठाते वक्त महात्मा गांधी के बताये अहिंसा के […]

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इंदौर : मध्यप्रदेश के शहरी निकाय के एक अधिकारी को क्रिकेट बैट से सरेआम पीटने के मामले के आरोपी भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने रविवार को कहा कि ‘सोच-समझकर उठाये गये अपने इस असामान्य कदम’ पर उन्हें कोई पछतावा नहीं है. लेकिन, आइंदा वह जनता के मुद्दे उठाते वक्त महात्मा गांधी के बताये अहिंसा के मार्ग पर चलेंगे.

आकाश (34) भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं. शहर के गंजी कंपाउंड क्षेत्र में एक जर्जर भवन ढाहने की मुहिम के विरोध के दौरान बुधवार को बड़े विवाद के बाद भाजपा विधायक ने नगर निगम के एक भवन निरीक्षक को क्रिकेट के बैट से कथित तौर पर पीट दिया था.

भोपाल की एक विशेष अदालत ने शनिवार शाम बल्ला कांड और एक अन्य मामले में उनकी जमानत अर्जी मंजूर की थी. इसके बाद वह इंदौर की जिला जेल से रविवार सुबह छूटे. नवंबर, 2018 के विधानसभा निर्वाचन से चुनावी सियासत में पदार्पण करने वाले युवा नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘देखिए, पहली बात तो मैं यह बता दूं कि उस दिन हमने जो एक्शन लिया था, वह सोच-समझ कर और पूरी जिम्मेदारी के साथ लिया था.’

उन्होंने कहा, ‘पुलिस की उपस्थिति में एक महिला को पैर पकड़कर खींचा जा रहा था. बारिश के मौसम में एक बेसहारा गरीब परिवार को उसके घर से बाहर निकाला जा रहा था. इस घर को तोड़ने के लिए अर्थमूविंग मशीनें बुला ली गयी थीं. उस वक्त मुझे जो सही लगा, मैंने वह सोच-समझकर किया. इसके लिए मुझे कोई मलाल नहीं है.’

अब गांधी के रास्ते पर चलेंगे कैलाश के बेटे आकाश

आकाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘हम आगे से गांधीजी का रास्ता अपनाने का प्रयास करेंगे. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उस दिन (बुधवार को अफसर को क्रिकेट के बल्ले से पीटने की घटना) की तरह मेरे द्वारा बल्लेबाजी करने का अवसर दोबारा कभी न आये. मेरा सभी युवाओं से भी निवेदन है कि उन्हें गांधी के दिखाये अहिंसात्मक मार्ग पर चलते हुए अपनी बात रखने का प्रयास करना चाहिए.’

सोच-समझकर भाजपा विधायक ने पीटा अधिकारी को

अधिकारी को बल्ले से पीटने के गैरकानूनी कृत्य के बारे में पूछे जाने पर भाजपा विधायक ने कहा, ‘मेरे मन में कई महीनों से विचार चल रहा था. बड़े सोच-विचार के बाद मुझे यह कदम उठाना पड़ा. मगर यह एक असामान्य बात थी. हमें हमेशा प्रेम और अहिंसात्मक ढंग से काम करना चाहिए.’

उन्होंने हालांकि कहा, ‘हमें उस एक्शन को लेकर कोई ‘रिग्रेट’ (पछतावा) नहीं है, क्योंकि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और लोकतंत्र में जनता ही जनार्दन और सबसे बड़ी होती है.’ भाजपा विधायक ने नगर निगम के अफसरों पर आरोप लगाया कि वे आम जनता के जायज मुद्दों को लेकर जन प्रतिनिधियों की उपेक्षा कर रहे हैं.

जनता को कीड़ा-मकोड़ा समझने लगते हैं अधिकारी

विजयवर्गीय ने कहा, ‘अधिकारी यह बात भूल जाते हैं कि जनता की मेहनत की कमाई से भरे जाने वाले कर से उन्हें तनख्वाह मिलती है. अफसर अपने आला अधिकारियों की लीपापोती में इतने मगरूर हो जाते हैं कि वे जनता को कीड़े-मकोड़े जैसा समझने लगते हैं और यह बात हमें कतई बर्दाश्त नहीं है.’

चार दिन में बदल गये आकाश विजयवर्गीय के सुर

जेल से छूटने के बाद गांधीगीरी की बात करने वाले आकाश विजयवर्गीय के सुर महज चार दिन पहले अलग थे. बल्ला कांड में गिरफ्तारी से पहले बुधवार को भाजपा विधायक ने एक बयान में कहा था, ‘मैं बहुत गुस्से में था. मुझे याद नहीं कि मैंने क्या किया?’ तब उन्होंने यह भी कहा था, ‘यह तो बस शुरुआत है. हम (नगर निगम कर्मचारियों के) भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी को खत्म करेंगे. आवेदन, निवेदन और फिर दनादन, यह है हमारा लाइन ऑफ एक्शन.’

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