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अरुंधति रॉय ने लगाया महात्‍मा गांधी पर जातिवाद का आरोप!

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नयी दिल्‍ली : देश की जानी-मानी लेखिका अरुंधति रॉय ने महात्‍मा गांधी को लेकर एक बार फिर विवादित बयान दिया है. मशहूर लेखिका ने राष्‍ट्रपिता की आलोचना क‍रते हुए कहा कि अब समय आ गया है जब गांधी जी के नाम पर बने विश्वविद्यालयों के नाम बदल दिये जाएं. अरुंधति रॉय ने केरल विश्वविद्यालय में […]

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नयी दिल्‍ली : देश की जानी-मानी लेखिका अरुंधति रॉय ने महात्‍मा गांधी को लेकर एक बार फिर विवादित बयान दिया है. मशहूर लेखिका ने राष्‍ट्रपिता की आलोचना क‍रते हुए कहा कि अब समय आ गया है जब गांधी जी के नाम पर बने विश्वविद्यालयों के नाम बदल दिये जाएं. अरुंधति रॉय ने केरल विश्वविद्यालय में जाने माने दलित नेता महात्मा अय्यनकली की स्मृति समारोह के दौरान यह बात कही. रॉय ने 1936 में गांधी जी द्वारा लिखे लेख का हवाला देते हुए कहा कि लेख में गांधी जी ने साफ-सफाई करने वालों को मल-मूत्र को खाद में बदलने की बात कही थी. उन्‍होंने कहा कि इससे गांधी जी के हरिजनों के प्रति व्‍यवहार और जातिप्रथा को दर्शाता है. इधर इस बयान के बाद रॉय की घोर निंदा की जा रही है.

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* कौन हैं अरुंधति रॉय

अरुंधति रॉय अंग्रेजी की सुप्रसिद्ध लेखिका और समाजसेवी हैं. रॉय ने लेखन के अलावा नर्मदा बचाओ आंदोलन समेत भारत के दूसरे जनांदोलनों में भी हिस्सा लिया है. कश्मीर को लेकर उनके विवादास्पद बयानों के कारण वे पिछले कुछ समय से चर्चा में हैं.

अरुंधति रॉय का जन्‍म शिलांग में 24 नवंबर 1961 को हुआ. उन्‍होंने अपने जीवन के शुरुवाती दिन केरल में गुज़ारे. उन्‍होंने आर्किटेक्ट की पढ़ाई दिल्ली से की. रॉय न केवल लेखिका के रूप में अपनी पहचान बनायी,बल्कि करियर की शुरुवात उन्होंने अभिनय से की. मैसी साहब फिल्म में उन्होंने प्रमुख भूमिका निभाई. 1997 में उपन्यास गॉड ऑफ स्माल थिंग्स के लिये रॉय को बुकर पुरस्कार से सम्‍मानित किया गया.

* अरुंधति के क्रांतिकारी विचार

अरुंधति रॉय शुरू से ही क्रांतिकारी सोच की महिला रही हैं. उन्‍होंने कई मुद्दों को लेकर विवादित बयान दिया है. साथ ही उन्‍होंने अमरीकी साम्राज्यवाद से लेकर,परमाणु हथियारों की होड़,नर्मदा पर बांध निर्माण आदि कई स्थानीय-अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करती रही हैं. अरुंधति रॉय को गांधी जी का घोर विरोधी माना जाता है. अरुंधति स्वीकार करती हैं कि वो गांधी की अंधभक्त नहीं हैं. उन्हीं के शब्दों में- "आख़िर गांधी एक सुपरस्टार थे. जब वे भूख-हड़ताल करते थे,तो वह भूख-हड़ताल पर बैठे सुपरस्टार थे. लेकिन मैं सुपरस्टार राजनीति में यक़ीन नहीं करती. यदि किसी झुग्गी की जनता भूख-हड़ताल करती है तो कोई इसकी परवाह नहीं करता."

* जेल भी जा चुकी हैं अरुंधति

अरुंधति रॉय न्यायपालिका की अवमानना के आरोप में जेल की हवा भी खा चुकी हैं.

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