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राजस्थान : दो खिलाड़ियों की जंग का केंद्र बना है जयपुर ग्रामीण, भाजपा के राज्यवर्धन व कांग्रेस की कृष्णा मैदान में

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जयपुर से अंजनी कुमार सिंह राजस्थान के ज्यादातर लोकसभा क्षेत्र की सीमा 150 से 200 किलोमीटर तक फैली है. कुछ लोकसभा क्षेत्रों की सीमा तो 400 से 500 किलोमीटर के बीच है. इसलिए अपने चुनाव कार्यालय या घर पर आने-जाने में लगने वाले समय के कारण प्रत्याशी अपने अंतिम सभा वाले गांव में ही रात्रि […]

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जयपुर से अंजनी कुमार सिंह
राजस्थान के ज्यादातर लोकसभा क्षेत्र की सीमा 150 से 200 किलोमीटर तक फैली है. कुछ लोकसभा क्षेत्रों की सीमा तो 400 से 500 किलोमीटर के बीच है. इसलिए अपने चुनाव कार्यालय या घर पर आने-जाने में लगने वाले समय के कारण प्रत्याशी अपने अंतिम सभा वाले गांव में ही रात्रि विश्राम कर उससे आगे का प्रोग्राम तय करते हैं. सुबह छह बजे से लेकर देर रात तक चुनावी प्रचार में व्यस्त रहना और रात किसी गांव में ही गुजारना ज्यादातर प्रत्याशियों के नियमित दिनचर्या का हिस्सा बन गया है.
जयपुर ग्रामीण से भाजपा के उम्मीदवार राज्यवर्धन सिंह राठौर तो कांग्रेस की उम्मीदवार कृष्णा पुनिया हैं. दोनाें की पृष्ठभूमि खेल से जुड़े होने के कारण यह चुनाव रोचक बन गया है. वहीं, जयपुर शहर से कांग्रेस की महिला उम्मीदवार पूर्व मेयर ज्योति खंडेलवाल है, जिनका मुकाबला पिछले लोकसभा चुनाव में राजस्थान में सबसे ज्यादा वोटों से जीते भाजपा के रामचरण बोहरा से है. जयपुर शहर और ग्रामीण की कुछ सीमा एक दूसरे से सटी होने के कारण दोनों संसदीय क्षेत्र में लगभग समान मुद्दे हावी हैं. छह मई को मतदान के लिए तैयार जयपुर का सामान्य और राजनीतिक तापमान अपने चरम पर है. मारवाड़ की पूरी राजनीतिक गतिविधियां मेवाड़ में शिफ्ट हो गयी है, जहां से बांकी बची 12 सीटों पर नजर रखी जा रही है.
जयपुर ग्रामीण संसदीय सीट का गठन 2008 के परिसीमन में जयपुर और अलवर जिले के कुछ हिस्सों को मिला कर किया गया. परिसीमन के बाद यहां हुए लोकसभा के दो चुनावों में एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा जीती.
2009 में कांग्रेस के लालचंद कटारिया जीते, तो 2014 में ओलिंपिक में पदक विजेता कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर को भाजपा उम्मीदवार के तौर पर बड़ी जीत मिली. एक बार फिर राठौर मैदान में हैं, जबकि कांग्रेस की ओर से भी खिलाड़ी रही कृष्णा पुनिया हैं. पहली बार सांसद बने राठौर केंद्र सरकार में खेल युवा मामलों के मंत्री बने और मौजूदा समय में सूचना एवं प्रसारण मंत्री भी हैं, लेकिन इस बार हालात बदले हुए है.
दिन-रात का फर्क मिट गया है उम्मीदवारों के लिए
रात के 10.30 बज रहे हैं. राठौर का आवास में ही चुनाव कार्यालय है. रात में भी कुछ लोग उनसे मिलने आये हैं. लोग फीडबैक देते हैं और उसी अनुसार कार्यक्रम में उस स्थान को भी जोड़ा जाता है. राठौर की पत्नी डॉ गायत्री राठौर यहां आने-जाने वाले समर्थकों से भी हाल-चाल पूछती हैं. चुनाव के विषय में पूछने पर कहती हैं, इनका(राठौर) चुनाव यहां की जनता ही लड़ती है और चुनाव प्रबंधन जनता ही देखती है. जनता जो चाहती है वही होता है.
प्रचार में परास्त करने की लड़ाई कम दिलचस्प नहीं
चुनाव से पूर्व ही राठौर पूरे संसदीय क्षेत्र का एक बार दौरा कर चुके हैं. मंत्री बनने के बाद भी शनिवार और रविवार तथा छुट्टी के दिनों में राठौर अपने संसदीय क्षेत्र में नियमित रूप से आते रहे हैं. यही कारण है कि बड़ा संसदीय क्षेत्र होने के बाद भी अपने संसदीय क्षेत्र में वह हमेशा उपलब्ध रहे हैं. अजय शर्मा बताते हैं, पांच साल से काम हो रहा है. 80 फीसदी जगहों पर पहुंच कर जनता का आशीर्वाद ले लिया गया है. एक दिन में 17 से 18 पंचायत कवर कर रहे हैं.
जातीय गणित अहम : पुनिया जाट, तो राठौर राजपूत
जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र में जाट, ब्राह्मण और अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या अधिक है. वहीं गुर्जर, यादव, मीणा, राजपूत, माली और वैश्य मतदाता भी जीत-हार में अहम भूमिका निभाते हैं. इस क्षेत्र में लगभग तीन लाख जाट और दो लाख के आसपास गुर्जर मतदाता है. इसका 82.25 फीसदी हिस्सा ग्रामीण और 17.75 फीसदी हिस्सा शहरी है.
कांग्रेस उम्मीदवार पुनिया जाट हैं, जबकि राठौर राजपूत है. पुनिया चुरू जिले की सादुलपुर क्षेत्र से विधायक है. कांग्रेस, जातिगत समीकरणों और राज्य सरकार के कामकाज के आधार पर अपनी स्थिति मजबूत मान रही हैं, क्योंकि इस बार उनकी सरकार है, लेकिन दूसरी ओर जनता से किये गये वायदों की लंबी फेहरिस्त भी.
वहीं भाजपा की इस सीट पर मजबूत पकड़, राठौर द्वारा क्षेत्र के विकास के लिए किये गये काम, साफ छवि, जनता के लिए हमेशा उनकी उपलब्धता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व औऱ पाकिस्तान को सर्जिकल स्ट्राइक कर उसी की भाषा में दिये गये जवाब को लेकर अपनी जीत सुनिश्चित मानती है. अब देखना यह है कि भाजपा अपनी पुरानी जीत को कितना दोहरा पाती है और कांग्रेस कितना आगे बढ़ पाती है.
लोकसभा चुनाव, 2014 का परिणाम
उम्मीदवार/पार्टी वोट वोट% नफा/नुकसान
राज्यवर्धन सिंह राठौर, भाजपा 6,32,930 62.44 +29.52
डॉ सीपी जोशी, कांग्रेस 3,00,034 29.60 -10.93
नवीन पलानिया, एनपीपी 31,617 3.12 —
अनिल गोदरा, आप 6,917 0.68 —
जीत का अंतर 3,32,896 32.84 +25.23
कुल मतदान 10,13,691 59.94 +12.42

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