18.4 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 03:05 am
18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

गुजरात : भाजपा के लिए खत्म हो रही युवा तिकड़ी की चुनौती

Advertisement

दो वर्ष पूर्व गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के समर्थन में उतरी हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्णेश मेवाणी की युवा तिकड़ी ने भाजपा को नाकों चने चबवा दिये थे. अब दो साल बाद लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए सिरदर्द बनी यह तिकड़ी पूरी तरह से बिखर गयी है. अल्पेश कांग्रेस छोड़ चुके हैं, […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

दो वर्ष पूर्व गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के समर्थन में उतरी हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्णेश मेवाणी की युवा तिकड़ी ने भाजपा को नाकों चने चबवा दिये थे. अब दो साल बाद लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए सिरदर्द बनी यह तिकड़ी पूरी तरह से बिखर गयी है. अल्पेश कांग्रेस छोड़ चुके हैं, तो गुजरात हाईकोर्ट से राहत न मिलने के कारण हार्दिक चुनाव मैदान से बाहर हैं.
जिग्णेश चुनिंदा सीटों पर अलग-अलग दलों के प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं. इस युवा तिकड़ी के कारण भाजपा को विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी और अध्यक्ष अमित शाह के गृह प्रदेश में पहली बार दो अंकों में सिमटना पड़ा था. गांवों में करारी हार का सामना करना पड़ा था.
हालांकि, शहरी सीटों पर दबदबे के कारण भाजपा 99 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. पटेलों में हार्दिक, ओबीसी के ठाकोर बिरादरी में अल्पेश और दलितों में मेवाणी के व्यापक प्रभाव ने मोदी और शाह को गुजरात में सारी ताकत झोंकने के लिए मजबूर कर दिया था. विधानसभा चुनाव में मिली बड़ी चुनौती के बाद भाजपा को लोकसभा चुनाव की चिंता सता रही थी.
विस चुनाव में मेवाणी और अल्पेश जीतकर विधायक बन चुके थे, तो कोर्ट से मिली सजा के कारण चुनाव लड़ने में नाकाम रहे हार्दिक लोकसभा चुनाव की तैयारियोंं में जुट गये थे. महज, दो हफ्ते में बदले समीकरणों के बाद भाजपा अब राहत की सांस ले रही है. पटेल आंदोलन के दौरान हिंसा मामले में निचली अदालत से हार्दिक को मिली सजा के मामले में हाईकोर्ट से राहत न मिलने के कारण पार्टी के लिए हार्दिक की चुनौती दूर हुई, तो इसके बाद अल्पेश ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया.
जहां तक कांग्रेस के समर्थन से जीते जिग्णेश का सवाल है तो पार्टी राज्य में दलित वोट बैंक में अपना आधार बढ़ानेे के लिए उनका व्यापक उपयोग करना चाहती थी. हालांकि, मेवाणी ने इसके बदले देश मेंं खुद को दलित नेता के रूप में स्थापित करने पर ध्यान दिया. यूपी में दलित नेता चंद्रशेखर के पक्ष में तो महाराष्ट्र में भीमा कोरगांव में मराठा बनाम दलित संघर्ष में अपनी मजबूत भूमिका पर ध्यान लगाया. इस समय मेवाणी बेगूसराय में सीपीआइ उम्मीदवार कन्हैया कुमार के समर्थन में प्रचार कर रहे हैं.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें