13.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 03:28 am
13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

लोकसभा चुनाव : NDA को करनी होगी मशक्कत UPA की राह भी आसान नहीं, जानें दोनों पार्टी की ताकत और चुनौतियों के बारे में

Advertisement

लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनावी दंगल शुरू होने की घंटी बज गयी है. रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ने तारीखों का ऐलान किया. 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरणों में होने वाले चुनाव का रिजल्ट 23 मई को आ जायेगा. एक ओर प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार सरकार बनाने […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनावी दंगल शुरू होने की घंटी बज गयी है. रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ने तारीखों का ऐलान किया. 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरणों में होने वाले चुनाव का रिजल्ट 23 मई को आ जायेगा.
एक ओर प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष उन पर बहुसंख्यकवाद को बढ़ावा देने, रोजगार के वादों को पूरा न करने का आरोप लगा रहा है. यह चुनाव राहुल गांधी के लिए भी किसी बड़ी परीक्षा से कम नहीं होगा. आइये जानते हैं कि गठबंधनों की क्या स्थिति है. एनडीए और यूपीए की ताकत क्या है, उनकी कमजोरी और उनके सामने आने वाली क्या चुनौतियां हैं.
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ( एनडीए)
ताकत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक निर्णायक नेता के तौर पर देखा जाता है. पाक के खिलाफ एयर स्ट्राइक ने उनकी छवि को और मजबूत बनाया है. प्रधानमंत्री मोदी की छवि गरीब तबके का साथ और भ्रष्टाचार विरोधी की है. वहीं, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की चुनावी रणनीति और संगठनात्मक क्षमता के कायल उनके विरोधी भी हैं.
कमजोरी
सीटों के लिहाज से उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है. यहां 80 सीटें हैं. यूपी में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी का गठबंधन बीजेपी की राह में बाधा खड़ा कर सकता है. इसी तरह कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन बड़ी चुनौती के तौर पर उभरकर सामने आया है. किसानों की नाराजगी, रोजगार, जीएसटी पर विरोधी दल भाजपा को घेरते आये हैं.
अवसर
राष्ट्रवाद के मुद्दे के साथ सात प्रतिशत ग्रोथ, टैक्स सुधार, कल्याणकारी योजनाएं और पड़ोसी देशों के साथ मजबूती से निपटना बीजेपी की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अनुभवी न होने और ममता बनर्जी जैसे नेताओं के अलग चुनाव लड़ने का फायदा बीजेपी को हो सकता है.
चुनौती
बीजेपी की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि उनका पूरा चुनाव अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसे लड़ा जा रहा है. भाजपा को 2014 के मुकाबले कम सीटें आने का डर भी है. नये मोर्चों पर जीत हासिल करना भी आसान नहीं होगा. बीजेडी, टीआरएस और वाइएसआर कांग्रेस जैसी निष्पक्ष पार्टियों के खिलाफ लड़ने से बीजेपी बनाम बाकी होने का खतरा है.
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए)
ताकत
2014 के अब तक के सबसे खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस के पास खोने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है. कांग्रेस अब सिर्फ इससे आगे ही बढ़ सकती है. जहां भाजपा कांग्रेस मुक्त भारत का प्रचार सबसे ज्यादा कर रही थी, वहां हाल के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली है. कांग्रेस ने उत्तराधिकार के मुद्दे पर जीत हासिल की. अब राहुल गांधी पार्टी के निर्विवाद नेता हैं. पार्टी विपक्षी गठबंधन का हिस्सा होना चाहती है.
कमजोरी
कांग्रेस का चुनाव अभियान काफी नकारात्मक है. राफेल, असहिष्णुता, किसानों की नाराजगी, रोजगार के मुद्दे पर बीजेपी की सिर्फ आलोचना और पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाना कांग्रेस के खिलाफ जा सकता है. यूपीए के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के दाग अब भी पार्टी के ऊपर से धुले नहीं हैं. कांग्रेस अपने पांच साल के विजन को जनता के सामने अब तक नहीं रख सकी है.
अवसर
सत्ता विरोधी लहर का फायदा सीधे तौर पर कांग्रेस को मिल सकता है. किसानों के मोर्चे पर कमजोर रही मोदी सरकार को ग्रामीण इलाकों में घेरना आसान होगा. कांग्रेस ने तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकार बनते ही किसानों का कर्ज माफ करने का वादा पूरा किया. तामिलनाडू में कांग्रेस और डीएमके के बीच हुए गठबंधन से भी कुछ सीटें बढ़ सकती हैं. राहुल की स्वीकार्यता पहले से बढ़ी है.
चुनौती
पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान को करारा जवाब देने के बाद जनता के बीच माहौल बन रहा है कि बहुमत वाली सरकार मजबूत फैसले ले सकती है. कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को महासचिव बनाकर बड़ा दांव खेला है, लेकिन उनके पति रॉबर्ट वाड्रा पर लगे आरोप इसकी हवा निकाल सकते हैं. गठबंधन का नेतृत्व करने की दिशा में यूपी में एसपी-बीएसपी गठबंधन में शामिल न हो पाना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है.
क्षेत्रीय क्षत्रप
ताकत
टीएमसी, एसपी, बीएसपी, डीएमके और वाइएसआर कांग्रेस अपने गृह राज्यों में बेहद मजबूत नजर आ रही है. इन राज्यों में ये पार्टियां बीजेपी को ज्यादा चुनौती दे रही हैं. बीजेपी और कांग्रेस के मुकाबले अपने राज्यों में ज्यादा सीट जीतना, उन्हें तीसरे मोर्चे की सरकार की तरफ आगे ले जा सकता है.
कमजोरी
पूरे मोर्चे में कोई भी ऐसा नेता नहीं है, जिसके पीछे सभी दल आ सकें. कई संसदीय क्षेत्रों के अलग-अलग मुद्दे हैं, इन दलों की इन मुद्दों पर राय भी अलग-अलग है. ऐसे में इन दलों को एक गठबंधन के रूप में देखने में दिक्कत हो रही है. अभी तक किसी भी दल ने खुले तौर पर तीसरे मोर्चे के गठन की बात नहीं कही है.
अवसर
तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत के बाद भी कांग्रेस प्रमुख विपक्षी दल नहीं बन पाया है. जबकि, बीजेपी कई राज्यों में नंबर दो की स्थिति में है. ऐसे में उन राज्यों में बीजेपी का मुकाबला क्षेत्रीय दलों से है न कि कांग्रेस से. चुनाव के बाद इन सभी दलों के पास एक साथ आने का मौका है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें