श्रीनगर : गुरुवार को आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के अवंतीपुरा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक बस पर फिदायीन हमला करके उड़ा दिया. समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के अनुसार, इस हमले में कम से कम 18 जवान शहीद हो गये हैं.
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घाटी या भारत का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की ओर से किये जाने वाले फिदायीन या फिर बड़े हमले कोई नया नहीं है. इसके पहले भी वे घाटी को लहू-लुहान करते रहे हैं. अगर हम 21वीं सदी की बात करें, तो इस नयी सदी के 18 सालों के दौरान आतंकवादियों ने करीब 8 बड़े हमले करके भारत के स्वर्ग को लहू-लुहान करने का नापाक काम किया है.
आइये जानते हैं….
30 मार्च, 2002 : आतंकवादियों ने जम्मू के रघुनाथ मंदिर में हमला किया, जिसमें करीब 11 लोगों की मौत हो गयी और करीब 20 लोग घायल हो गये.
14 मई, 2002 : जम्मू के कालूचाक में आतंकियों ने सेना की छावनी पर हमला किया. इस हमले में करीब 40 लोगों की मौत हो गयी और करीब 48 लोग घायल हुए. मरने वालों में ज्यादातर सैनिकों के परिवार के लोग शामिल थे.
22 जुलाई, 2003 : अखनूर सेक्टर में टांडा रोड के पास आर्मी कैंप पर तीन फिदायीन आतंकियों ने हमला किया. इस हमले में एक ब्रिगेडियर समेत 8 जवान शहीद हो गये, जबकि हमले में चार शीर्ष जनरल, एक ब्रिगेडियर और दो कर्नल समेत 12 जवान घायल हो गये थे.
21 मार्च, 2015 : सांबा सेना कैंप पर हमला करने आये दो फिदायीन आतंकियों को सेना ने मार गिराया. इस हमले में तीन लोगों की जान गयी. इसमें एक आम नागरिक, एक मेजर और एक जवान शामिल थे.
5 अगस्त, 2015 : श्रीनगर हाईवे पर उधमपुर के नजदीक समरोली में आतंकियों के हमले में एक बीएसएफ जवान शहीद हो गया. इस घटना में सेना ने आतंकियों को मार गिराया.
18 सितंबर, 2016 : जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर आतंकियों की ओर से बड़ा हमला किया गया. यह बीते दो दशक में सबसे बड़ा हमला था, जिसमें 18 जवान शहीद हो गये.
29 नवंबर, 2016 : जम्मू शहर के बाहरी इलाके नगरोटा में स्थित 16 कॉर्प मुख्यालय में तैनात 166 आर्मी यूनिट के परिसर में आतंकवादियों ने हमला किया. इसमें 2 अधिकारी समेत 7 सैनिक शहीद हो गये थे.