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Interim Budget 2019 : चुनाव से पहले लोकलुभावन बजट, पांच लाख रुपये तक आयकर मुक्त, छोटे किसानों को 6,000 रुपये

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नयी दिल्ली : आम चुनावों से ठीक पहले ज्यादा से ज्यादा वर्गों को खुश करने की जोरदार कोशिश के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने शुक्रवार को पेश अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग, किसानों और मजदूरों के लिए लोक लुभावन घोषणाएं कीं. प्रस्तावों में सरकार ने मध्यम वर्ग और आम नौकरी पेशा तबके की […]

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नयी दिल्ली : आम चुनावों से ठीक पहले ज्यादा से ज्यादा वर्गों को खुश करने की जोरदार कोशिश के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने शुक्रवार को पेश अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग, किसानों और मजदूरों के लिए लोक लुभावन घोषणाएं कीं. प्रस्तावों में सरकार ने मध्यम वर्ग और आम नौकरी पेशा तबके की पांच लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त करने तथा दो हेक्टेयर तक की जोत वाले किसानों को साल में 6,000 रुपये का नकद समर्थन देने की पेशकश की है.

इसके अलावा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए तीन हजार रुपये मासिक पेंशन योजना की भी घोषणा की गयी है. अंतरिम बजट भाषण को कमोबेश पूर्ण बजट में बदलते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने उन वर्गों का खास खयाल रखा है जिनके चलते माना जा रहा था कि भाजपा को हाल में हुए विधानसभा चुनावों में, खासकर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान में नुकसान हुआ.

यही वजह है कि अंतरिम बजट में किसानों व मध्यम वर्ग को राहत देने के साथ ही असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए मेगा पेंशन योजना की घोषणा की है. इन तीन क्षेत्रों के लिए कुल मिला कर करीब सवा लाख करोड़ रुपये के बजट प्रावधान किये गये हैं जिसके जरिए लगभग 25 करोड़ लोगों को सीधा लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है. आम चुनाव से पहले आमतौर पर सरकार अंतरिम बजट पेश करती है जिसमें नयी सरकार बनने तक के लिए चार माह का लेखानुदान पारित कराया जाता है.

चुनाव के बाद सत्ता में आने वाली नयी सरकार जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी. पहले से रेल, कोयला मंत्रालय देख रहे गोयल को पिछले सप्ताह ही अरुण जेटली के स्थान पर वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया. जेटली पिछले महीने अपना इलाज कराने अचानक अमेरिका चले गये. पीयूष गोयल ने वेतनभोगी, पेंशनर, छोटे व्यापारी और खुद का व्यवसाय करने वाले करीब तीन करोड़ मध्यमवर्गीय करदाताओं को 18,500 करोड़ रुपये की बड़ी राहत देते हुए उनकी पांच लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय को कर मुक्त कर दिया.

उन्होंने कहा कि कर स्लैब में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है लेकिन पांच लाख रुपये तक की कर योग्य वार्षिक आय पर कर से पूरी छूट होगी. इस छूट से इस वर्ग के करदाताओं को शिक्षा और स्वास्थ्य उपकर सहित 13,000 रुपये की कर देनदारी के बदले अब कोई कर नहीं देना होगा.

उन्होंने कहा ‘यदि आपने कर छूट वाली विभिन्न योजनाओं में निवेश किया है तो साढे़ छह लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा. इसके अलावा गृह ऋण पर दो लाख रुपये तक के ब्याज, शिक्षा ऋण पर ब्याज, राष्ट्रीय पेंशन स्कीम में योगदान, चिकित्सा बीमा, वरिष्ठ नागरिकों के लिए चिकित्सा-व्यय के तहत प्राप्त कर छूट से पांच लाख रुपये से भी अधिक सकल आय वाले व्यक्तियों को भी कर का कोई भुगतान नही करना होगा.’

बजट में मानक कटौती को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है. मौजूदा कर स्लैब के मुताबिक ढाई लाख से पांच लाख रुपये तक वार्षिक आय पर पांच प्रतिशत, पांच से दस लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत और दस लाख रुपये से अधिक की सालाना आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लागू है. 60 वर्ष और उससे अधिक लेकिन 80 वर्ष से कम के वरिष्ठ नागरिकों के लिए तीन लाख रुपये तक की आय कर मुक्त है जबकि 80 वर्ष और इससे अधिक उम्र के बुजुर्गों की पांच लाख रुपये तक की आय पहले से ही कर मुक्त है.

वित्त मंत्री ने बजट में दो हेक्टयेर तक की जोत वाले 12 करोड़ छोटे किसानों को साल में 6,000 रुपये का नकद समर्थन देने की ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना तथा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए तीन हजार रुपये की पेंशन देने के लिए ‘प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन वृहद पेंशन योजना’ शुरू करने का प्रस्ताव किया है. किसानों को सालभर में दो-दो हजार रुपये की तीन किस्तों में कुल 6,000 रुपये उनके खाते में हस्तांतरित किये जायेंगे. योजना चालू वित्त वर्ष में ही एक दिसंबर 2018 से लागू मानी जायेगी और इस साल इसके लिए 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

अगले पूरे वित्त वर्ष में किसान सम्मान निधि योजना के लिये 75,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिये 100 रुपये के उनके मासिक योगदान के साथ 60 साल की आयु पूरी होने के बाद उन्हें 3,000 रुपये मासिक पेंशन दी जायेगी. 18 वर्ष की आयु में इस योजना से जुड़ने वालों कामगारों को 55 रुपये प्रतिमाह का अंशदान देना होगा जबकि 29 वर्ष की आयु में योजना से जुड़ने वाले असंगठित क्षेत्र के कामगार को 100 रुपये प्रतिमाह का अंशदान 60 वर्ष की आयु तक करना होगा.

सरकार भी इस दौरान प्रत्येक माह बराबर की राशि पेंशन खाते में जमा करेगी. बजट में उम्मीद जतायी गयी है कि अगले पांच वर्ष में कम से कम 10 करोड़ श्रमिक और कामगार प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना का लाभ उठायेंगे. योजना के लिये पहले साल बजट में 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि लोकसभा चुनावों के बाद भारत को समृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए किस दिशा में बढ़ना होगा अंतरिम बजट उसकी बानगी मात्र है. उधर, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि ‘पांच साल तक किसानों का जीवन बरबाद करने के बाद सरकार उन्हें केवल 17 रुपये प्रतिदिन दे रही है.’ पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा कि ‘यह लेखानुदान नहीं बल्कि वोट का लेखा जोखा है.’

बजट पेश करने के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में गोयल ने चुनाव बाद जुलाई में पेश होने वाले पूर्ण बजट में पांच लाख रुपये से अधिक आय वर्ग के लोगों को भी राहत देने का वादा किया. वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट में मानक कटौती को दस हजार रुपये बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया. इससे विभिन्न आयवर्ग के करदाताओं को उनकी वार्षिक आय के लिहाज से 2,080 रुपये से लेकर 3,588 रुपये तक का कर लाभ होगा. इसके साथ ही बैंकों और डाकघर की जमा पर मिलने वाले ब्याज पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) सीमा को मौजूदा दस हजार से बढ़ाकर चालीस हजार रुपये कर दिया गया है.

यानी अब 40,000 रुपये तक के ब्याज पर टीडीएस नहीं काटा जायेगा. किराये से होने वाले 2.40 लाख रुपये तक की आय को भी टीडीएस से छूट दी गयी है. वर्तमान में 1.80 लाख रुपये तक की किराया आय टीडीएस से छूट प्राप्त है. वित्त मंत्री अचल संपत्ति से होने वाले पूंजीगत लाभ पर कर छूट को खुद के इस्तेमाल वाले एक घर से बढ़ाकर दो घर कर दिया गया है. उन्होंने कहा, ‘आयकर अधिनियम की धारा 54 के तहत पूंजीगत लाभ के पुनर्निवेश पर मिलने वाली छूट का दायरा दो करोड़ रुपये तक के पूंजीगत लाभ अर्जित करने वाले करदाताओं के लिए एक आवासीय मकान से दो आवासीय मकान में पूनर्निवेश तक बढ़ाया गया जायेगा. यह छूट जीवनकाल में एक ही बार प्राप्‍त की जा सकेगी.’

गोयल ने 2019- 20 के लिये कुल 27 लाख 84 हजार 200 करोड़ रुपये के व्यय का बजट पेश किया है. चालू वित्त वर्ष 2018-19 में कुल व्यय 24 लाख 42 हजार 2013 करोड़ रुपये के बजट अनुमान से बढ़कर संशोधित अनुमान में 24 लाख 57 हजार 235 करोड़ रुपये हो गया. अगले वित्त वर्ष का बजट इस साल के संशोधित अनुमान से 13.30 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. अगले साल के दौरान केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं के लिये 3 लाख 27 हजार 679 करोड़ रुपये का आवंटन किये जाने का प्रस्ताव है जो कि 2018- 19 के संशोधित अनुमान में तीन लाख 04 हजार 849 करोड़ रुपये रही है.

राष्ट्रीय शिक्षा मिशन का आवंटन 32 हजार 334 के संशोधित अनुमान से बढ़ाकर 38 हजार 572 करोड़ रुपये करने का प्रस्‍ताव किया गया है. बजट में 2019-20 के लिए राजकोषीय घाटे को जीडीपी का 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमानित लक्ष्य रखा गया है. चालू वित्त वर्ष के दौरान भी राजकोषीय घाटा 3.3 प्रतिशत के बजट अनुमान से बढ़कर संशोधित अनुमान में 3.4 प्रतिशत पर पहुंच गया. वित्त मंत्री ने कहा, ‘हमने किसानों को आमदनी बढ़ाने में सहायता प्रदान करने के लिये 2018-19 के संशोधित अनुमान में 20,000 करोड़ रुपये और 2019-20 के बजट अनुमान में 75,000 करोड़ रुपये की राशि की व्यवस्था की है.

यदि इस आमदनी के प्रावधानों को छोड़ दिया जाता तो 2018-19 में राजकोषीय घाटा 3.3 प्रतिशत से भी कम और 2019-20 के लिए रखे गये 3.4 प्रतिशत के बजट अनुमान की तुलना में कम होकर 3.1 प्रतिशत से भी कम होता.’ बजट में अगले वित्त वर्ष के लिये रक्षा बजट सात प्रतिशत बढ़कर पहली बार तीन लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच जायेगा. उर्वरक, खाद्य और पेट्रोलियम पर सब्सिडी बिल 2.66 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2.97 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. विनिवेश प्राप्तियां को चालू वित्त वर्ष के 80 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर अगले वित्त वर्ष में 90 हजार करोड़ रुपये रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है.

रिजर्व बैंक और दूसरे बैंकों से मिलने वाले लाभांश को 82,900 करोड़ रुपये अनुमानित किया गया है. गोयल ने कहा कि पिछले पांच वर्ष के दौरान किसानों को सस्ते ऋण देने के लिए ब्याज सब्सिडी को दोगुना कर दिया गया है. 2018-19 में किसानों का फसली कर्ज बढ़कर 11.68 लाख करोड़ रुपये हो गया. उन्होंने कहा कि पशुपालन और मात्स्यिकी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा वर्ष में राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए आवंटन बढ़ाकर 750 करोड़ रुपये कर दिया गया है.

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में सैनिकों के लिये ‘वन रैंक वन पेंशन’ को लागू करने का वचन दिया था. ‘पिछले 40 सालों से रुके हुये इस कार्य को अब हमने पूरा किया है.’ सरकार ने इस योजना को लागू करने के लिये 35,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बांटी है. उन्होंने कहा कि रेलवे के लिये 2019- 20 के बजट में 64,587 करोड़ रुपये की पूंजीगत सहायता का प्रस्ताव किया गया है.

रेलवे का समग्र पूंजी व्यय कार्यक्रम 1,58,658 करोड़ रुपये है. पूर्वोत्तर क्षेत्र को अवसंरचना विकास का लाभ मिला हैं. अरुणाचल प्रदेश हाल ही में हवाई मार्ग के मानचित्र में आया है जबकि मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम पहली बार भारत के रेल मानचित्र पर उभरे हैं. पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए बजट आवंटन 21 प्रतिशत बढ़ाकर 58,166 करोड़ रुपये किये जाने का प्रस्ताव है.

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