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विधानसभा चुनाव परिणाम : भाजपा को अकाली दल की नसीहत, किसानों के मुद्दे की समीक्षा करे

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चंडीगढ़ : तीन हिंदी भाषी राज्यों में भगवा पार्टी के कमजोर प्रदर्शन के बीच पंजाब में भाजपा के सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने मंगलवार को कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार को किसानों के मुद्दों की समीक्षा करनी होगी.

चुनाव परिणाम के बारे में पूछे जाने पर शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और सांसद प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि किसानों द्वारा सामना किये जा रहे मुद्दे कारण रहे हैं, वहीं सत्ता विरोधी लहर ने भी भाजपा के खिलाफ काम किया है. उन्होंने कहा, इन चुनावों में दो-तीन मुद्दे हैं. स्थानीय मुद्दों के अलावा सत्ता विरोधी लहर भी एक कारक रही. किसानों का मुद्दा भी एक महत्वपूर्ण कारण रहा. केंद्र और राज्यों में भाजपा सरकारों ने इसे प्राथमिकता से लिया, लेकिन लगता है कि इसके लिए और काम करने की जरूरत है ताकि किसानों के फायदे की योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर हो.

चंदूमाजरा ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लागू करने के तरीके को लेकर भी किसानों में नाराजगी है. उन्होंने कहा, निजी बीमा कंपनियां को करोड़ों रुपये का फायदा हो रहा है, जबकि किसानों को फसल क्षति के लिए जितना मुआवजा मिलना चाहिए उतना उन्हें मिल नहीं रहा. उन्होंने कहा, सरकार को किसानों के मुद्दे की समीक्षा करनी होगी.

चंडीगढ़ : तीन हिंदी भाषी राज्यों में भगवा पार्टी के कमजोर प्रदर्शन के बीच पंजाब में भाजपा के सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने मंगलवार को कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार को किसानों के मुद्दों की समीक्षा करनी होगी.

चुनाव परिणाम के बारे में पूछे जाने पर शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और सांसद प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि किसानों द्वारा सामना किये जा रहे मुद्दे कारण रहे हैं, वहीं सत्ता विरोधी लहर ने भी भाजपा के खिलाफ काम किया है. उन्होंने कहा, इन चुनावों में दो-तीन मुद्दे हैं. स्थानीय मुद्दों के अलावा सत्ता विरोधी लहर भी एक कारक रही. किसानों का मुद्दा भी एक महत्वपूर्ण कारण रहा. केंद्र और राज्यों में भाजपा सरकारों ने इसे प्राथमिकता से लिया, लेकिन लगता है कि इसके लिए और काम करने की जरूरत है ताकि किसानों के फायदे की योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर हो.

चंदूमाजरा ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लागू करने के तरीके को लेकर भी किसानों में नाराजगी है. उन्होंने कहा, निजी बीमा कंपनियां को करोड़ों रुपये का फायदा हो रहा है, जबकि किसानों को फसल क्षति के लिए जितना मुआवजा मिलना चाहिए उतना उन्हें मिल नहीं रहा. उन्होंने कहा, सरकार को किसानों के मुद्दे की समीक्षा करनी होगी.

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