नयी दिल्ली : दिवाली के बाद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर पिछले साल की तुलना में करीब दोगुना हो गया है जहां लोगों ने उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित रात आठ से दस बजे की समयसीमा से आगे पीछे भी आतिशबाजी चलायी.
केंद्र सरकार द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान तथा अनुसंधान प्रणाली (सफर) के आंकड़ों के अनुसार गुरुवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 642 की ‘गंभीर और आपात’ श्रेणी में दर्ज किया गया. साल 2017 में दिवाली के अगले दिन एक्यूआई 367 के स्तर पर रिकार्ड किया गया.
2016 में यह 425 था. इस साल एक्यूआई 2017 से लगभग दोगुना था. सफर के परामर्श के अनुसार ‘गंभीर और आपात’ एक्यूआई श्रेणी का मतलब है कि स्वस्थ लोग भी लंबे समय तक सांस लेने संबंधी समस्याओं से ग्रस्त हो सकते हैं. बीमार लोगों को यह हवा और भी अधिक प्रभावित करेगी.
उच्चतम न्यायालय ने दिवाली पर रात आठ से दस बजे के बीच ही पटाखे चलाने की अनुमति दी थी. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार सूक्ष्म कणों की सघनता इस दिवाली पर पिछले साल की तुलना में थोड़ी ज्यादा है.
सीपीसीबी ने कहा, पिछले साल दिवाली 19 अक्टूबर को मनाई गयी जबकि इस बार यह त्योहार सात नवंबर को मनाया गया. दोनों समय में मौसम की अलग अलग परिस्थितियां होती हैं. उसने स्वीकार किया कि आतिशबाजी से निकले प्रदूषणकारी तत्वों की वजह से बने प्रतिकूल हालात में वायु गुणवत्ता और ज्यादा खराब हो गयी.