20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

गली-मुहल्लों से कूड़ा उठाने वाले लोग बनेंगे पर्यावरण योद्धा, ये है योजना

Advertisement

नयी दिल्ली: शहर की सड़कों, गलियों में आपने बहुत से लोगों को घरों के बाहर से कचरा उठाते अक्सर देखा होगा, जिनमें ज्यादातर बच्चे होते हैं. ये मैले-कुचैले बच्चे सामाजिक उपेक्षा और अपमान झेलते हैं. इन बच्चों के पास न तो शिक्षा का उजाला है, न ही एक बेहतर जीवन की उम्मीद. ऐसे में क्या […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली: शहर की सड़कों, गलियों में आपने बहुत से लोगों को घरों के बाहर से कचरा उठाते अक्सर देखा होगा, जिनमें ज्यादातर बच्चे होते हैं. ये मैले-कुचैले बच्चे सामाजिक उपेक्षा और अपमान झेलते हैं. इन बच्चों के पास न तो शिक्षा का उजाला है, न ही एक बेहतर जीवन की उम्मीद. ऐसे में क्या है इनका भविष्य?

- Advertisement -

एक गैर सरकारी संगठन ने इस सवाल का जवाब देने की कोशिश के तहत देश में बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करने और कूड़ा बीनने वाले बच्चों को शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक संरक्षण देने का बीड़ा उठाया है. इन्हें भविष्य के ‘पर्यावरण योद्धा’ बनाने की दिशा में एक अनुपम पहल की है.

संगठन द्वारा चलाये जा रहे शिक्षा केंद्रों में दो हजार से ज्यादा बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. भारतीय प्रदूषण नियंत्रण संघ (आईपीसीए) के संस्थापक और निदेशक आशीष जैन कहते हैं, ‘रैग-पिकर्स कठिन जीवन जी रहे हैं. वे कचरा इकट्ठा करने के साथ ही उसकी छंटाई करके जैसे तैसे जीवन यापन करते हैं. वे बिना नौकरी की सुरक्षा, वेतन या गरिमा के काम करते हैं, सड़कों पर गरीबी, अपमान और दुर्व्यवहार सहते हैं तथा अक्सर बीमारियों के संपर्क में आते हैं.’

आईआईटी दिल्ली से पढ़ाई करने के बाद आशीष जैन ने 2001 में भारतीय प्रदूषण नियंत्रण संघ की स्थापना की और प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के अभियान में जुट गये. जैन बताते हैं कि इस अभियान के तहत कबाड़ियों और कूड़ा बीनने वालों पर ध्यान केंद्रित किया गया.

उन्होंने बताया कि उत्तर भारत में और मुख्य रूप से दिल्ली, नोएडा और गुड़गांव में दो हजार से ज्यादा परिवार कूड़ा बटोरने का काम करते हैं. इनमें बड़ी संख्या में बच्चे हैं. इन लोगों को इस कूड़े में से उपयोगी सामान और प्लास्टिक को अलग करने के काम में लगाया गया.

कूड़े से निकलने वाला प्लास्टिक भी दो तरह का होता है. इसमें पीईटी यानि प्लास्टिक बोतलों का 70% से 80% तक रिसाइकिल होता है, जबकि एमएलपी यानी मल्टी लेयर प्लास्टिक जैसे चिप्स, चॉकलेट और पैकेजिंग का प्लास्टिक कूड़ा होता है.

उन्होंने बताया कि कूड़े की छंटाई के बाद इन लोगों से संघ यह प्लास्टिक खरीद लेता है और उसे रिसाइकिल प्लांट भेज दिया जाता है. प्लास्टिक कूड़े के बदले में पैसा मिलने से यह अधिक उत्साह से ज्यादा से ज्यादा कूड़ा एकत्र करने का प्रयास करते हैं.

इससे एक ओर इनकी आर्थिक मदद होती है,तो दूसरी ओर पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलती है. जैन बताते हैं कि इन लोगों को समाज में एक बेहतर मुकाम दिलाने के लिए संघ ने इनकी शिक्षा की दिशा में भी प्रयास किया है.

कूड़ा जमा करने के काम में चूंकि पूरा परिवार लगा रहता है, इसलिए इनके बच्चों को स्कूल जाने का वक्त नहीं मिलता. इस कमी को पूरा करने के लिए संघ ने 2013 में दिल्ली और एनसीआर में रैग-पिकर्स के बच्चों के लिए प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम शुरू किया.

राष्ट्रीय स्तर पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से संबद्ध इस संघ द्वारा संचालित तीन शिक्षाकेंद्रों में 2000 से ज्यादा कूड़ा बीनने वाले बच्चे शिक्षा हासिल कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इन बच्चों को प्रशिक्षित शिक्षकों और वालंटियर्स द्वारा शिक्षा दी जाती है. इन बच्चों की शिक्षा और भोजन का सारा खर्च आइपीसीए वहन करता है.

बड़ी नौकरी और मोटी तनख्वाह का लालच छोड़कर समाज और पर्यावरण को बेहतर बनाने के काम में जुटे आशीष जैन को उम्मीद है कि एक दिन उनका यह अभियान सफल होगा. आज कूड़ा बीनकर गुजर-बसर करने वाले यह लोग एक दिन सफल पर्यावरण योद्धा होंगे और देश के विकास में अपनी हिस्सेदारी निभायेंगे.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें