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दिल्ली मुख्य सचिव हमला : केजरीवाल-सिसोदिया नामजद, ”आप” ने कहा- केंद्र के इशारे पर फंसाया

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नयी दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने गत फरवरी में दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर कथित हमले के सिलसिले में सोमवार को यहां एक अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया और इसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आरोपी के रूप में नामजद किया गया है. आरोपपत्र में जिन अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है उसमें आप के 11 विधायक शामिल हैं.

करीब 1300 पेज के आरोपपत्र में पुलिस ने आरोप लगाया कि केजरीवाल, सिसोदिया और अन्य ने मुख्य सचिव को हत्या या गंभीर रूप से चोट पहुंचाने की धमकी देने की आपराधिक साजिश रची, उन्हें सार्वजनिक पद की जिम्मेदारी निभाने से रोका तथा उन्हें चोट पहुंचायी. पुलिस ने आप नेताओं पर किसी व्यक्ति को दोषपूर्ण तरीके से कैद करने, लोक सेवक को ड्यूटी निभाने से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग, शांति भंग करने के लिए उनका अपमान और अपराध के लिए उकसाने सहित भादंसं की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय अन्य अपराध का आरोप लगाया.

उन्हें भादंसं की धारा 149 के तहत अपराध के लिए भी नामजद किया गया. यह धारा कहती है कि अगर किसी गैर कानूनी जमावड़े के किसी सदस्य द्वारा कोई अपराध किया जाता है तो इस जमावड़े का हर सदस्य अपराध का दोषी होगा. दिल्ली पुलिस ने प्रकाश पर कथित हमले के सिलसिले में 18 मई को केजरीवाल से तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी. प्रकाश ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल के सरकारी आवास पर 19 फरवरी को एक बैठक के दौरान उन पर हमला किया गया.

पुलिस ने कहा कि जिस समय कथित हमला हुआ उस समय मुख्यमंत्री उपस्थित थे. पुलिस ने बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के आवास पर मौजूद आप के 11 विधायकों से भी पूछताछ की थी. इस मामले के सिलसिले में पार्टी के दो विधायकों अमानतुल्ला खान और प्रकाश जारवाल को गिरफ्तार किया गया था. मुख्य सचिव पर कथित हमले के कारण दिल्ली सरकार और इसके नौकरशाहों के बीच टकराव पैदा हो गया था.

केंद्र के इशारे पर अंशु प्रकाश ने रचा केजरीवाल को झूठे मामले में फंसाने का षडयंत्र: आप

आप ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ कथित अभद्रता के मामले में पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कुछ विधायकों के खिलाफ पुलिस द्वारा दायर आरोपपत्र को केंद्र सरकार की साजिश का हिस्सा करार दिया है. आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं के करीबी रहे प्रकाश को दिल्ली सरकार को अस्थिर करने की योजना के साथ दिल्ली में तैनात किया गया था.

उन्होंने कहा ‘प्रकाश ने इसके तहत ही गत 19 फरवरी को राजनिवास में उपराज्यपाल अनिल बैजल और वरिष्ठ पुलिस अफ़सर की मौजूदगी में प्रधानमंत्री कार्यालय के इशारे पर यह साजिश रची थी.’ आप नेता ने कहा कि इससे पहले भी दिल्ली सरकार के मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ लगाये गये मुकदमे अदालती जांच में गलत साबित हुए. भारद्वाज ने कहा कि इस मामले में भी तमाम ऐसे बिंदु हैं, जिनसे यह साबित होता है कि प्रकाश ने राजनिति से प्रेरित होकर यह मामला दर्ज कराया है.

उन्होंने इसे शर्मनाक बताते हुए कहा ‘प्रकाश जनता के नहीं बल्कि केंद्र सरकार के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं. उनका मकसद घर पर राशन वितरण योजना और सीसीटीवी परियोजना सहित दिल्ली सरकार की हर प्रमुख योजना में बाधा उत्पन्न करना है.

इन आप विधायकों का नाम है आरोप पत्र में

आरोप पत्र में शामिल विधायकों के नामों में अमानतुल्लाह खान, प्रकाश जारवाल, नितिन त्यागी, रितुराज गोविंद, संजीव झा, अजय दत्त, राजेश ऋषि, राजेश गुप्ता, मदन लाल, प्रवीण कुमार और दिनेश मोहनिया का नाम शामिल है. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के समक्ष अंतिम रिपोर्ट दायर की गयी जिन्होंने मामले पर सुनवाई की तारीख 25 अगस्त निर्धारित की. अगर आरोपियों को दोषी ठहराया जाता है तो उन्हें अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है.

नयी दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने गत फरवरी में दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर कथित हमले के सिलसिले में सोमवार को यहां एक अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया और इसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आरोपी के रूप में नामजद किया गया है. आरोपपत्र में जिन अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है उसमें आप के 11 विधायक शामिल हैं.

करीब 1300 पेज के आरोपपत्र में पुलिस ने आरोप लगाया कि केजरीवाल, सिसोदिया और अन्य ने मुख्य सचिव को हत्या या गंभीर रूप से चोट पहुंचाने की धमकी देने की आपराधिक साजिश रची, उन्हें सार्वजनिक पद की जिम्मेदारी निभाने से रोका तथा उन्हें चोट पहुंचायी. पुलिस ने आप नेताओं पर किसी व्यक्ति को दोषपूर्ण तरीके से कैद करने, लोक सेवक को ड्यूटी निभाने से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग, शांति भंग करने के लिए उनका अपमान और अपराध के लिए उकसाने सहित भादंसं की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय अन्य अपराध का आरोप लगाया.

उन्हें भादंसं की धारा 149 के तहत अपराध के लिए भी नामजद किया गया. यह धारा कहती है कि अगर किसी गैर कानूनी जमावड़े के किसी सदस्य द्वारा कोई अपराध किया जाता है तो इस जमावड़े का हर सदस्य अपराध का दोषी होगा. दिल्ली पुलिस ने प्रकाश पर कथित हमले के सिलसिले में 18 मई को केजरीवाल से तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी. प्रकाश ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल के सरकारी आवास पर 19 फरवरी को एक बैठक के दौरान उन पर हमला किया गया.

पुलिस ने कहा कि जिस समय कथित हमला हुआ उस समय मुख्यमंत्री उपस्थित थे. पुलिस ने बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के आवास पर मौजूद आप के 11 विधायकों से भी पूछताछ की थी. इस मामले के सिलसिले में पार्टी के दो विधायकों अमानतुल्ला खान और प्रकाश जारवाल को गिरफ्तार किया गया था. मुख्य सचिव पर कथित हमले के कारण दिल्ली सरकार और इसके नौकरशाहों के बीच टकराव पैदा हो गया था.

केंद्र के इशारे पर अंशु प्रकाश ने रचा केजरीवाल को झूठे मामले में फंसाने का षडयंत्र: आप

आप ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ कथित अभद्रता के मामले में पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कुछ विधायकों के खिलाफ पुलिस द्वारा दायर आरोपपत्र को केंद्र सरकार की साजिश का हिस्सा करार दिया है. आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं के करीबी रहे प्रकाश को दिल्ली सरकार को अस्थिर करने की योजना के साथ दिल्ली में तैनात किया गया था.

उन्होंने कहा ‘प्रकाश ने इसके तहत ही गत 19 फरवरी को राजनिवास में उपराज्यपाल अनिल बैजल और वरिष्ठ पुलिस अफ़सर की मौजूदगी में प्रधानमंत्री कार्यालय के इशारे पर यह साजिश रची थी.’ आप नेता ने कहा कि इससे पहले भी दिल्ली सरकार के मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ लगाये गये मुकदमे अदालती जांच में गलत साबित हुए. भारद्वाज ने कहा कि इस मामले में भी तमाम ऐसे बिंदु हैं, जिनसे यह साबित होता है कि प्रकाश ने राजनिति से प्रेरित होकर यह मामला दर्ज कराया है.

उन्होंने इसे शर्मनाक बताते हुए कहा ‘प्रकाश जनता के नहीं बल्कि केंद्र सरकार के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं. उनका मकसद घर पर राशन वितरण योजना और सीसीटीवी परियोजना सहित दिल्ली सरकार की हर प्रमुख योजना में बाधा उत्पन्न करना है.

इन आप विधायकों का नाम है आरोप पत्र में

आरोप पत्र में शामिल विधायकों के नामों में अमानतुल्लाह खान, प्रकाश जारवाल, नितिन त्यागी, रितुराज गोविंद, संजीव झा, अजय दत्त, राजेश ऋषि, राजेश गुप्ता, मदन लाल, प्रवीण कुमार और दिनेश मोहनिया का नाम शामिल है. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के समक्ष अंतिम रिपोर्ट दायर की गयी जिन्होंने मामले पर सुनवाई की तारीख 25 अगस्त निर्धारित की. अगर आरोपियों को दोषी ठहराया जाता है तो उन्हें अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है.

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