नयी दिल्ली : उत्तराखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिसरहे केएम जोसेफनेआज सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में एक सादे समारोह में शपथ ग्रहण किया.जोसेफ ने तीसरे नंबर पर शपथ ग्रहणकिया,जबकि इंदिराबनर्जीने पहले नंबर पर और विनीत सरननेदूसरेनंबर पर. इस प्रकारआज शपथ लेने वाले तीन जजों मेंजस्टिस जोसेफ का वरीयता क्रम तीसरे नंबरपरहो गया. सरकार और कॉलेजियम के बीच लंबे चले मतभेद के बाद सुप्रीमकोर्टकेजज केरूपमें सरकार ने उनकी नियुक्ति पर पिछले सप्ताह मुहर लगायी थी. हालांकि उनकी वरीयता कम कर दी गयी.
हालांकि केंद्र ने इस संबंध में कहा था कि उसने हाइकोर्ट की वरिष्ठता सूची के सिद्धांत का इस संबंध में पालन किया है. जोसेफ की नियुक्ति को मंजूरी मिलने के बाद यह विवाद तब सामने आया जब सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए तीन न्यायाधीशों के नामों की अधिसूचना जारी कीगयी और उसमें जस्टिस जोसेफ का नाम तीसरे स्थान पर रखा गया.
केएम जोसेफ के वरीयता मुद्दे पर जो पूर्व चीफ जस्टिस का अलग-अलग मत
उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति केएम जोसफ की वरिष्ठता के मुद्दे पर देश के पूर्व प्रधान न्यायाधीश आरएम लोढ़ा और टीएस ठाकुर की राय अलग-अलग है. लोढ़ा जहां मामले में तत्काल उपचारात्मक उपाय के पक्ष में हैं वहीं ठाकुर को मामले में केंद्र की कोई गलती नजर नहीं आती. न्यायमूर्ति लोढ़ा ने कहा कि अगर प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा केंद्र को संतुष्ट करने में सफल हो जाते हैं कि कॉलेजियम की सिफारिश पर उसकी वास्तविक भावना में विचार नहीं किया गया तो अधिसूचना को ‘‘बदला’ जा सकता है.
हालांकि, न्यायमूर्ति ठाकुर का मानना है कि उच्चतम न्यायालय में एक ही दिन पदोन्नत होने वाले न्यायाधीशों की वरिष्ठता का आधार उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के तौर पर उनकी नियुक्ति की तारीख है. न्यायमूर्ति लोढ़ा ने कहा कि अगर न्यायमूर्ति केएम जोसफ का नाम अलग से भेजा गया, तो उन्हें वरिष्ठ होना चाहिए और उच्चतम न्यायालय के मौजूदा वरिष्ठ न्यायाधीशों की शिकायतों को देखा जाना चाहिए, जिन्होंने आज इस मामले पर कथित तौर पर प्रधान न्यायाधीश से मुलाकात की. न्यायमूर्ति ठाकुर ने कहा कि व्यवस्था यह है कि पदोन्नति के लिए किसी उम्मीदवार की वरिष्ठता को उच्च न्यायालय में उसकी नियुक्ति की तारीख से तय किया जाए.