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प्रणब मुखर्जी के भाषण से सब गदगद, कांग्रेस की बेचैनी खत्म, भाजपा की रणनीतिक चुप्पी

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नयी दिल्ली : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में संबोधन से हर कोई गदगद है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जहां मुखर्जी के संबोधन को 5000 साल पुरानी सभ्यता का याद दिलाना बताया है, वहीं कांग्रेस का कहना है कि मुखर्जी ने संघ और भाजपा को आईना दिखाया है. […]

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नयी दिल्ली : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में संबोधन से हर कोई गदगद है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जहां मुखर्जी के संबोधन को 5000 साल पुरानी सभ्यता का याद दिलाना बताया है, वहीं कांग्रेस का कहना है कि मुखर्जी ने संघ और भाजपा को आईना दिखाया है. शुक्रवार सुबह वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने एक ट्वीट कर कहा कि खुश हूं कि प्रणब मुखर्जी ने आरएसएस को यह बताया कि कांग्रेस की विचारधारा में सही क्या है और यह कहने का उनका अपना तरीका था कि आरएसएस की विचारधारा में गलत क्या है. ध्यान रहे कि चिदंबरम ने पूर्व में कहा था कि प्रणब मुखर्जी ने अगर आरएसएस के कार्यक्रम में जाने का फैसला कर लिया है तो वे वहां जायें और बतायें कि उनकी विचारधारा में गलत क्या है. वहीं, आनंद शर्मा ने कहा कि मुखर्जी के भाषण से उनका कद और ऊंचा हो गया.

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वहीं, भाजपा की ओर से आधिकारिक रूप से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है. न इस संबंध में ट्वीट कर कुछ कहागया है और न ही उसके शीर्ष नेतृत्व में शुमार नेताओं की कोई प्रतिक्रिया आयी है. हां, टीवी चैनलों पर प्रवक्ताओं ने अपनी बात रखी है. हालांकि संगठन मंत्री रामलाल ने अपने ट्विटर हैंडल से प्रणब मुखर्जी के कार्यक्रम से जुड़े आरएसएस के कई ट्वीट को रि ट्वीट कर अपनी मंशा जाहिर की है. भले वे सीधे तौर पर कुछ कहने से बचें हों. उन्होंने संघ संस्थापक डॉ हेडगेवार को मुखर्जी द्व्रारा भारत मां का महान सपूत बताये जाने वाले ट्वीट को रि ट्वीट किया है. संघ व उसकी वैचारिक ऊर्जा से संचालित होने वाली भारतीय जनता पार्टी इसे अपनी बड़ी उपलब्धि मान रही है.

उधर, प्रणब मुखर्जी की बेटीवकांग्रेसनेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा है कि उनका परिवार लोकतांत्रिक और तर्कशील है और अपने पिता के साथ मतभेद जताने में उन्हें कोई समस्या नहीं है.

मुखर्जी ने कल अपने भाषण में ‘‘धर्म, घृणा, हठधर्मिता और असहिष्णुता के जरिए भारत को परिभाषित करने के किसी भी प्रयास के प्रति चेताते हुए कहा कि इससे केवल हमारा अस्तित्व ही कमजोर होगा.


मुखर्जी के भाषण ने भारत के गौरवशाली अतीत का स्मरण कराया : संघ

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने कहा है कि कल संगठन के मुख्यालय में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने भाषण में देश के गौरवशाली अतीत की याद दिलायी और उन्होंने समावेशी, बहुलतावाद एवं विविधता में एकता को भारत की बुनियाद बताया. संघ के प्रचार प्रमुख (आधिकारिक प्रवक्ता) अरुण कुमार ने बताया, ‘‘मुखर्जी के भाषण ने राष्ट्र के गौरवशाली अतीत की याद दिलायी… देश की 5,000 साल पुरानी सांस्कृतिक विरासत की याद दिलायी. हमारी व्यवस्था भले ही बदल सकती है लेकिन हमारे मूल्य वही रहेंगे. उन्होंने समावेशी, बहुलवाद और विविधता में एकता को भारत की नींव बताया.’ उन्होंने कहा, ‘‘कार्यक्रम में शामिल होने और राष्ट्र, राष्ट्रवाद तथा देशभक्ति की विचारधारा पर अपने विचार रखने के लिये हम लोग उनका धन्यवाद करते हैं.’

कांग्रेस को मिली राहत

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आरएसएस के कार्यक्रम में जाने को लेकर कल सवाल खड़े करने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने आज कहा कि मुखर्जी के नैतिक बल, विवेक और धर्मनिरपेक्ष संवैधानिक लोकतंत्र को बुलंद रखने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर कभी संदेह नहीं रहा और नागपुर में संबोधन के बाद उनका कद पहले से और ऊंचा हो गया है. आशा करता हूं कि वे आपके संदेश को आत्मसात करेंगे.

वाम के मन में अब भी सवाल

नयी दिल्ली : वहीं, माकपा महासचिव सीताराम चेयुरी ने हा है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी यदि संघ को उसका इतिहास याद दिलाते तो ‘‘अच्छा ‘ होता जबकि भाकपा ने बहुलतावादी और समग्र समाज को असल भारत के रूप में उल्लेखित करने के लिए उनके भाषण की सराहना की. नागपुर में आरएसएस के एक कार्यक्रम में मुखर्जी के भाषण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या का अपने भाषण के दौरान जिक्र नहीं करने के लिए उनसे (मुखर्जी) से सवाल किया.

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