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गैर इरादतन हत्या मामले में कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू दोषी करार, नहीं जाना होगा जेल, देना होगा 1000 जुर्माना

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नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को वर्ष 1988 के रोड रेज के मामले में हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए जानबूझ कर चोट पहुंचाने का दोषी ठहराया है. हालांकि, शीर्ष अदालत ने नवजोत सिंह सिद्धू को राहत देते हुए जेल जाने की सजा नहीं देते हुए 1000 रुपये का […]

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नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को वर्ष 1988 के रोड रेज के मामले में हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए जानबूझ कर चोट पहुंचाने का दोषी ठहराया है. हालांकि, शीर्ष अदालत ने नवजोत सिंह सिद्धू को राहत देते हुए जेल जाने की सजा नहीं देते हुए 1000 रुपये का आर्थिक जुर्माना लगाया है. वहीं, अदालत ने 30 साल पुराने रोड रेज मामले में नवजोत सिंह सिद्धू के सहायक रूपिंदर सिंह संधू को बरी कर दिया.

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जानकारी के मुताबिक, वर्ष 1988 के रोड रेज के मामले में कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिंद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए जेल जाने की सजा नहीं देते हुए 1000 रुपये का आर्थिक जुर्माना लगाया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले का पलटते हुए सिद्धू को जानबूझ कर मारपीट का आरोपित करार दिया. सिद्धू ने अपनी याचिका में कहा था कि वह निर्दोष हैं. उन्हें जानबूझ कर फंसाया गया है. शीर्ष अदालत ने सभी पक्षों को 24 अप्रैल तक लिखित जवाब अदालत में दाखिल करने को कहा था.

मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान सिद्धू की ओर से कहा गया कि कोई भी गवाह खुद से सामने नहीं आया. पुलिस ने गवाह बनाये हैं. गवाहों के बयानों में भी विरोधाभास है. मामले के मुख्य गवाह के बयान भी एक-दूसरे से अलग है. गाड़ी से चाबी निकाले जाने की बात भी सही नहीं. साथ ही सिद्धू की ओर से अदालत को बताया गया कि वह मेडिकल एक्सपर्ट नहीं थे, जिन्हें पता हो कि ‘इनकी’ हालात गंभीर है और जल्द अस्पताल नहीं पहुंचाये जाने पर मौत हो जायेगी.

मालूम हो कि पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि हाइकोर्ट के तीन साल का सजा देने के फैसले को बहाल रखा जाये. सिद्धू को जानबूझ कर कर नहीं फंसाया गया. जांच में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला कि पीड़ित की हर्ट अटैक से मौत हुई है.

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