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मोतीलाल ने पटेल की जगह जवाहर लाल नेहरू को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के लिए गांधीजी को लिखा था पत्र

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नयी दिल्ली : 1928 मे मोतीलाल नेहरू ने अपने बेटे जवाहर लाल नेहरू को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनाने के लिए एक सिफारिशी पत्र लिखा था. इस पत्र में मोतीलाल नेहरू ने अपने बेटे जवाहर लाल नेहरू को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के पक्ष में तर्क दिया था. यह पत्र आज इसलिए प्रासंगिक है क्योंकि इस […]

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नयी दिल्ली : 1928 मे मोतीलाल नेहरू ने अपने बेटे जवाहर लाल नेहरू को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनाने के लिए एक सिफारिशी पत्र लिखा था. इस पत्र में मोतीलाल नेहरू ने अपने बेटे जवाहर लाल नेहरू को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के पक्ष में तर्क दिया था. यह पत्र आज इसलिए प्रासंगिक है क्योंकि इस परिवार वारिस राहुल गांधी ने आज ही अपनी मां सोनिया गांधी से कांग्रेस अध्यक्ष का प्रभार संभाला है. भारतीय जनता पार्टी नेहरू-गांधी परिवार पर हमेशा वंशवाद का आरोप लगाती रही है अौर यह कहती रही है कि यह सोनिया-राहुल के जमाने से नहीं बल्कि पंडित जवाहर लाल नेहरू के जमाने से है.

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मोतीलाल नेहरू के पत्र की पृष्ठभूमि

आज से करीब 89 साल पहले जुलाई 1928 में कांग्रेस पार्टी में इस बात पर बहस चल रही थी कि पार्टी की कमान किसके हाथ में साैंपी जाए. कुछ लोगों का कहना था कि यह मौका युवा नेताओं को मिलना चाहिए वहीं बाकी लोग चाहते थे किपार्टी की बागडोर पुराने परिपक्व नेता संभालें. उस समय कांग्रेस के बड़े नेता रहे मोतीलाल नेहरू ने महात्मा गांधी को एक खास पत्र लिखा. इसपत्रमें उन्होंने कहा कि हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष पद सके लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल सबसे उपयुक्त रहेंगे, इसके बावजूद अब समय आ गया है कि पार्टी को जवाहर जैसे युवा नेताओं को सौंप दिया जाना चाहिए. उसी साल दिसंबर में कांग्रेस ने कलकत्ता सत्र के दौरान मोतीलाल नेहरू को अध्यक्ष चुना गया. जवाहर लाल नेहरू को इसके बाद अगले साल दिसंबर, 1929 में कांग्रेस के लाहौर सत्र में अध्यक्ष पद दिया गया.

गांधीजी ने क्या जवाब दिया

19 जून, 1928 को महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम से मोतीलाल नेहरू को पत्र लिखकर बताया कि सेना गुप्ता ने उनहें पत्र लिख कर कहा है कि मुझे गुजरात प्रांत की कांग्रेस समिति में कांग्रेस अध्यक्ष के पद के लिए मोतीलाल नेहरू को वोट करने का प्रस्ताव रखना चाहिए. गांधी ने पत्र में आगे लिखा कि अभी समय नहीं आया है कि जवाहर को यह जिम्मेवारी दी जाए. और अगर आपकी अध्यक्षता वाली समिति इस संबंध में कोई पहल करती है, तो अच्छा होगा कि अध्यक्ष का ताज आप पहनें. गांधी ने यह भी लिखा कि सेन गुप्ता ने दूसरे विकल्प के तौर पर पंडित मदन मोहन मालवीय जी का नाम सुझाया है.

मोतीलाल का दूसरा पत्र

इस पत्र के जवाब में मोतीलाल ने महात्मा गांधी को 11 जुलाई, 1928 को दोबारा पत्र लिख कर कहा कि मुझे पता है इस वल्लभ भाई पटेल जनता के प्रधान नायक हैं और उनकी सेवाओं की सराहना करने के लिए हमें उन्हें अध्यक्ष बनाना चाहिए. फिर भी उनकी अपेक्षाओं पर खरा न उतरने हुए मुझे लगता है कि मौजूदा परिस्थितियों में जवाहर ही सर्वश्रेष्ठ विकल्प होंगे. पत्र में मोतीलाल ने आगे लिखा कि हमारी पीढ़ी खत्म होती जा रही है. आजादी का यह संघर्ष आज नहीं तो कल जवाहर जैसे लोगों को ही जारी रखना होगा. इसलिए जितना जल्दी वे शुरुआत करें, उतना अच्छा होगा.

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