16.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

इंदिरा गांधी के नेतृत्व में भारत मजबूत हुआ, दुनिया में भारत का कद बढ़ा

Advertisement

अनुज कुमार सिन्हा श्रीमती इंदिरा गांधी काे दुनिया कड़े फैसले के लिए जानती है. इसमें अनेक ऐसे बड़े फैसले थे जिसने भारत काे मजबूत किया आैर दुनिया में भारत का कद बढ़ा. हां, उन्हाेंने कुछ ऐसे फैसले भी किये जिनके कारण उनकी बड़ी आलाेचना हुई. इसमें 1975 में लगायी गयी इमरजेंसी भी शामिल है. इंदिरा […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

अनुज कुमार सिन्हा

- Advertisement -

श्रीमती इंदिरा गांधी काे दुनिया कड़े फैसले के लिए जानती है. इसमें अनेक ऐसे बड़े फैसले थे जिसने भारत काे मजबूत किया आैर दुनिया में भारत का कद बढ़ा. हां, उन्हाेंने कुछ ऐसे फैसले भी किये जिनके कारण उनकी बड़ी आलाेचना हुई. इसमें 1975 में लगायी गयी इमरजेंसी भी शामिल है. इंदिरा गांधी ने 1966 (लाल बहादुर शास्त्री की माैत के बाद) से 31 अक्तूबर 1984 तक (1977 से जनवरी 1980 तक वह सत्ता से बाहर थीं) भारत की प्रधानमंत्री रही आैर इस दाैरान उन्हाेंने बैंकाें आैर खदानाें के राष्ट्रीयकरण से लेकर परमाणु विस्फाेट कराने का साहसपूर्ण निर्णय लिया. 1971 के युद्ध के बाद पाकिस्तान का विभाजन आैर बांग्लादेश का निर्माण इंदिरा गांधी की बड़ी उपलब्धियाें में गिना जाता है.

भ्रष्टाचारियों, अपराधियों और नक्सलियों की संपत्ति होगी जब्त, झारखंड माईनिंग शो में बोले मुख्यमंत्री रघुवर दास

एक ऐसी ताकतवर प्रधानमंत्री, जाे किसी भी अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे नहीं झुकी.जाे तय कर लिया, उसे पूरा कर लिया. यही माना जाता है कि अगर 1974 में भारत ने अंतरराष्ट्रीय विराेध काे नजरअंदाज कर परमाणु परीक्षण नहीं किया हाेता, 1971 में पाकिस्तान का बंटवारा नहीं कराया हाेता (मुक्तिवाहिनी काे मदद कर) ताे दुनिया भारत की ताकत काे स्वीकार नहीं करता. इंदिरा गांधी परमाणु ताकत काे जानती थी आैर 1966 में जब प्रधानमंत्री बनी, उसी के बाद से भारत का परमाणु कार्यक्रम तेजी से आगे बढ़ाया.

मई 1974 में उन्हाेंने पाेखरण में पहली बार परमाणु विस्फाेट कराया आैर दुनिया की नाराजगी भी झेली. लेकिन इसके बाद भारत परमाणु संपन्न राष्ट्र की श्रेणी में शामिल हुआ. भारत का कद ऊंचा कराया था. जिन दिनाें (16 मई 1974 ) इंदिरा गांधी पाेखरण विस्फाेट करवा रही थी, उस समय देश में जेपी की अगुवाई में छात्र आंदाेलन चल रहा था. इसके बावजूद उन्हाेंने परमाणु विस्फाेट का कार्यक्रम टाला नहीं. इतना ही नहीं, सफल परमाणु परीक्षण के तुरंत बाद (1975 में) हाेमी सेठना, राजा रमन्ना आैर बसंती नागचाैधरी (तीनाें वैज्ञानिक) काे पद्म विभूषण से सम्मानित कराया. यह उनके काम करने का तरीका था.

देश की स्वतंत्रता में आदिवासियों का बहुत बड़ा योगदान है : अशोक भगत

इंदिरा गांधी जानती थी कि पाकिस्तान का जब तक बंटवारा नहीं हाेगा, वह भारत के लिए सरदर्द बना रहेगा. इसलिए उन्हाेंने पूर्वी पाकिस्तान में चल रहे आंदाेलन का समर्थन किया. फिर 1971 के युद्ध में पाकिस्तान काे परास्त कर बांग्लादेश का निर्माण कराया. उसके 90 हजार सैनिकाें काे समर्पण करना पड़ा था. इस गम काे आज तक पाकिस्तान भूला नहीं है. 1971 के युद्ध के बाद पूरी दुनिया ने इंदिरा गांधी की ताकत का लाेहा माना था.

उन्हाेंने आैर अनेक फैसले लिये. इसमें से एक था अॉपरेशन ब्लू स्टार. इसी फैसले के कारण उनकी जान भी गयी. लेकिन कश्मीर के आतंकी संगठनाें के खिलाफ उनके एक ठाेस निर्णय की चर्चा भी जरूरी है. मकबूल भट्ट जेकेएलएफ का बड़ा नेता था. सितंबर 1966 में उसने सुरक्षा बलाें पर हमला कर एक इंस्पेक्टर काे मार डाला था. वह पकड़ा गया था. 1968 में वह जेल में सुरंग बना कर भाग गया था. बाद में विमान अपहरण मेंभी उसकी बड़ी भूमिका रही थी. बाद में फिर वह पकड़ा गया. उसे फांसी की सजा सुनायी गयी थी. वह जेल में बंद था. जेकेएलएफ ने मकबूल भट्ट काे छुड़ाने के लिए ब्रिटेन में भारत के राजनयिक रवींद्र महात्रे का उस समय अपहरण कर लिया जब वे अपनी बेटी के जन्म दिन के लिए केक लेकर आ रहे थे.

राष्ट्रीय एकता दिवस: राजधानी में रन फॉर यूनिटी के लिए तैयारी पूरी, आज नौ घंटे तक महात्मा गांधी मार्ग पर सभी वाहनों का प्रवेश रहेगा बंद

घटना 3 फरवरी 1984 की है. जेकेएलएफ ने धमकी दी थी कि आतंकी मकबूल भट्ट काे जेल से रिहा करे वरना महात्रे की हत्या कर देंगे. इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी. नहीं झुकी. शर्त काे नहीं माना. दाे दिन बाद 6 फरवरी 1984 काे आतंकियाें ने बर्मिंघम (ब्रिटेन) में महात्रे की हत्या कर दी. इसके बाद इंदिरा गांधी ने कड़ा फैसला लिया. तब जैल सिंह राष्ट्रपति थे. तुरंत मकबूल भट्ट की दया याचिका खारिज करायी गयी. पाकिस्तान समेत दुनिया के कई देश मकबूल भट्टा की फांसी काे टालने का आग्रह करते रहे, इंदिरा गांधी नहीं मानी. भारतीय राजनयिक महात्रे की हत्या के चार दिन बाद यानी 11 फरवरी 1984 काे मकबूल भट्ट काे तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गयी. आतंकवाद पर ऐसा कड़ा निर्णय लेती थी इंदिरा गांधी.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें