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असम सरकार ने समूचे राज्य को छह महीने के लिए अशांत क्षेत्र घोषित किया

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गुवाहाटी : पिछले तीन दशक में पहली बार असम सरकार ने विवादास्पद सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम (अफस्पा), 1958 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए छह महीने के लिए समूचे राज्य को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया है. यह घोषणा शुक्रवार से प्रभावी हो गयी है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि […]

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गुवाहाटी : पिछले तीन दशक में पहली बार असम सरकार ने विवादास्पद सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम (अफस्पा), 1958 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए छह महीने के लिए समूचे राज्य को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया है. यह घोषणा शुक्रवार से प्रभावी हो गयी है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य के गृह एवं राजनीतिक विभाग ने असम को छह महीने के लिए ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया है. सशस्त्र बल (विशेषाधिकार शक्तियां) अधिनियम, 1958 के तहत मिली शक्तियों के मुताबिक यह कदम उठाया गया है. इसके तहत अशांत क्षेत्रों में तैनात सेना को गिरफ्तारी, किसी परिसर की तलाशी लेने और बगैर किसी वारंट के किसी को गोली मारने की शक्ति प्राप्त होगी.

अफस्पा की धारा तीन के मुताबिक इसे उन स्थानों पर लागू किया जा सकताहै जहां नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बलों के इस्तेमाल की जरूरत है. केंद्र और राज्य सरकार, दोनों ही इस कानून के तहत किसी इलाके को अशांत क्षेत्र घोषित कर सकती है. असम को पहली बार 1990 में अशांत क्षेत्र घोषित किया गया था. उस समय राज्य में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा की बड़े पैमाने पर हिंसा देखी गयी थी. साथ ही, प्रफुल्ल कुमार महंत के नेतृत्ववाली तत्कालीन एजीपी सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाया गया था. तब से केंद्र सरकार अफस्पा का इस्तेमाल करती रही है.

अफस्पा के तहत शक्तियों का इस्तेमाल करने की राज्य सरकार को ऐसे वक्त इजाजत मिली है जब केंद्र और असम, दोनों जगह भाजपा की सरकारें हैं. आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य में मौजूदा कानून व्यवस्था का आंकलन करने के बाद यह घोषणा की गयी है. दरअसल, भूमिगत संगठनों की कुछ हिंसक घटनाओं के चलते राज्य में कानून व्यवस्था चिंता का विषय बना हुआ है. वहीं, नयी दिल्ली में गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि असम में 2016 में हिंसा की 75 घटनाएं हुई. इनमें 33 लोग मारे गये, जिनमें चार सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं. साथ ही 14 अन्य लोगों का अपहरण हुआ. अधिकारी ने बताया कि राज्य में हिंसा को उल्फा और एनडीएफबी जैसे संगठन अंजाम देते हैं. इसके अलावा असम की सीमा से लगे मेघालय में 20 किमी लंबा क्षेत्र, अरुणाचल प्रदेश के तीन जिले तिरप, चांगलांग और लोंगदिंग तथा अरुणाचल प्रदेश में नौ अन्य जिलों के तहत 14 पुलिस थाना क्षेत्र 30 सितंबर तक अशांत क्षेत्र घोषित रहेंगे.

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