देहरादून : पतंजलि आयुर्वेद और उत्तराखंड सरकार के बीच जड़ी – बूटी की खरीद बिक्री को लेकर एक अहम समझौते की बात सामने आयी है. अंदरखाने से आ रही खबरों केके मुताबिक जड़ी – बूटियों का खरीद मूल्य अब राज्य सरकार नहीं, बल्कि बाबा रामदेव कीकंपनी पतंजलि तय करेगी. शनिवार को पतंजलि योगपीठ के आचार्य […]
देहरादून : पतंजलि आयुर्वेद और उत्तराखंड सरकार के बीच जड़ी – बूटी की खरीद बिक्री को लेकर एक अहम समझौते की बात सामने आयी है. अंदरखाने से आ रही खबरों केके मुताबिक जड़ी – बूटियों का खरीद मूल्य अब राज्य सरकार नहीं, बल्कि बाबा रामदेव कीकंपनी पतंजलि तय करेगी. शनिवार को पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच इस बात को लेकर एक बैठक हुई थी. बैठक में सरकार व पतंजलि आयुर्वेद कते बीच इस बात को लेकर सहमति बन गयी है. अगर सरकार और पतंजलि के बीच इस बात को लेकर एमओयू होता है, तो उत्तराखंड की इतिहास में ऐसा पहली बार होगा, जब जड़ी – बूटी की मूल्य सरकार की बजाय कोई व्यवसायिक कंपनी तय करेगी. बताया जा रहा है कि राज्य में बंद पड़े कुछ टूरिस्ट सेंटर भी संचालन के लिए पतंजलि को दिये जायेंगे.
मुख्यमंत्री और पतंजलि योगपीठ के सीइओ बालकृष्ण के बीच शनिवार को इस सिलसिले में मुलाकात भी हुई. इस बैठक के बाद सीएम ने सभी विभागों को निर्देश देते हुए कहा है कि जड़ी – बूटी उत्पादन विपण्न को बढ़ावा देने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की जरूरत महसूस की जा रही है. पतंजलि द्वारा इस दिशा में सहयोग के लिए सीएम ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण का आभार जताया है.
गौरतलब है कि अनाज व अन्य कृषि उत्पाद का खरीद मूल्य तय करने का काम सरकार का होता है. नियामक एजेंसिय़ां इसलिए बनायी जाती है, ताकि किसी भी कंपनी अनुचित लाभ नहीं मिले. सरकार के इस फैसले पर सवाल उठने लगे हैं. कांग्रेस ने सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार रामदेव की गोदी में बैठती नजर आ रही है.
बद्री गाय संवर्द्धन योजना भी पतंजलि को
चंपावत के नारियाल गांव में सरकार की बद्री गाय संवर्द्धन योजना का संचालन भी अब पतंजलि करेगा. यह सरकारी फार्म 21 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है. यहां 193 गायें हैं. बताया जा रहा है कि पतंजलि की ओर से हरिद्वार की ओर से सभी आंगनबाड़ी के केंद्रो पर सफाई संबंधी सुविधाएं विकसित करने की सहमति दी है.