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अमरनाथ हमला : महबूबा का बयान तारीफे-काबिल, ”स्टेट्समेन पॉलिटिशयन” का दिखा अक्स

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श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्तीनेअमरनाथ यात्रापरगये श्रद्धालुओं की बस परलश्कर के आतंकियोंके हमले की तीखी निंदा की है. उन्होंने कहा है कि अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों पर हुआ हमला ‘ ‘सभी मुसलमानों और कश्मीरियों के लिए एक धब्बा है. ‘ ‘ अनंतनाग के एक अस्पताल में कल घायल लोगों का […]

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श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्तीनेअमरनाथ यात्रापरगये श्रद्धालुओं की बस परलश्कर के आतंकियोंके हमले की तीखी निंदा की है. उन्होंने कहा है कि अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों पर हुआ हमला ‘ ‘सभी मुसलमानों और कश्मीरियों के लिए एक धब्बा है. ‘ ‘ अनंतनाग के एक अस्पताल में कल घायल लोगों का हालचाल पूछने पहुंची मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना से सभी कश्मीरियों का सिर शर्म से झुक गया है. उनका यह बयानसमय-समयपर अलगाववाद की समस्या को लेकर उन पर लगाये जाने वाले आरोपों का जवाब है.

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने संवाददाताओं से कहा, तमाम मुश्किलों के बावजूद श्रद्धालु हर साल यात्रा के लिए आते हैं औरसोमवार को सात लोगों की मौत हो गयी. मेरे पास इसकी निंदा करने के लिए शब्द नहीं है. मैं आशा करती हूं कि जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बल इसके दोषियों को गिरफ्तार करेंगे और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे. महबूबा ने कहा, यह घटना सभी कश्मीरियों और मुस्लिमों पर धब्बा है. जबतक सभी दोषियों को न्याय की जद में नहीं लाया जाता, हम चुप नहीं बैठेंगे. ‘ ‘


कुछ बदली-बदली सी नजर आ रही हैं महबूबा

वर्ष 2000 व 2007 के बाद एक बार फिर आतंकियों ने अमरनाथ यात्रा को अपना निशाना बनाया है. इसघृणित हमलेकेखिलाफ जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा ने जिस तरह का मार्मिक बयान दिया है, वह एक स्टेट्समैन पॉलिटिशियन द्वारा दिये जाने वाले बयान जैसा है. ऐसे बयान नेताओं की भीड़ में किसी नेता विशेष की विशिष्ट छवि बनाने में मददगार होते हैं. ऐसी ही सोच व एप्रोच से कोई नेता विशिष्ट बनता है.

मेहबूबामुफ्ती ने कहा है कि आतंकियों को अब यह समझ लेना चाहिए कि अगर वे बेकसूर लोगों की जान लेंगे, तो उन्हें बख्शा नहीं जायेगा. महबूबा ने यह साफ कर दिया है कि उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. महबूबा पर अकसर यह आरोप लगता रहा है कि उनका रुख अलगाववादियों के खिलाफ नरम होता है, और उन्हें उनके आलोचक शॉफ्ट सेपरेटिस्ट तक कह डालते हैं और ऐसे आरोपों में उनके घर पर पथराव तक हो चुके हैं. आतंकी बुरहानी वानी के इनकाउंटर के बाद अशांत हुए कश्मीर के बाद उन्होंने वहां के युवाओं व लोगों से अमन-शांति के लिए मार्मिक अपील की. कई बार उनके आंसू निकले. वे कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलीं औरवाजपेयीफार्मूला को अपनाने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि कश्मीर में अमन के लिए बातउन्हीं के तर्ज पर प्रयास होना चाहिए औरउन्हीं के लाइन को आगे बढ़ाना चाहिए.


अमरनाथ यात्रा पर पहले भी होते रहे हैं हमले

कल रात अमरनाथ यात्रियों को आतंकियों ने निशाना बनाया, जिसमें सात लोगों की जान चली गयी. इससे पहले दो अगस्त वर्ष 2000 में आतंकियों ने पहलगाम के बेस कैंप पर हमला किया था, जिसमें 32 लोग मारे गये थे. वहीं वर्ष 2001 में भी अमरनाथ यात्रियों पर हमला हुआ था, यह हमला सबसे ऊंचे पड़ाव शेषनाग पर हुआ था, जिसमें 13 लोगों की मौत हुई थी.

वर्ष 2002 में हुए आतंकी हमले में नौ लोगों की मौत हुई थी जबकि 30 लोग घायल हुए थे. हालांकि आतंकी हमलों की आशंका के मद्देनजर यहां सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी होती है, बावजूद इसके आतंकी सफल हो जाते हैं.


सुरक्षा के थे पुख्ता इंतजाम, लेकिन एक चूक पड़ी भारी

कश्मीर में व्याप्त तनाव को देखते हुए इस साल भी अमरनाथ यात्रा को लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी. जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष सुरक्षा केदोगुने पुख्ता इंतजाम किये गये थे. 300 किलोमीटर तक सेना, अर्द्धसैनिक बल और राज्य पुलिस के 14 हजार जवानों को तैनात किया गया था, लेकिन जिस बस पर हमला हुआ उसे सात बजे से पहले हाईवे से निकल जाना चाहिए था, लेकिन जिस बस पर हमला हुआ, वह पंक्चर होने के कारण सात बजे के बाद भी हाईवे पर रह गयी. सुरक्षा में लगे लोग 7.30 तक वहां से आ गये और हमला 8.30 बजे हुआ.

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