नयी दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की आेर से मीरा कुमार को मैदान में उतारे जाने के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद की जीत पक्की हो गयी है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि राष्ट्रपति के इस चुनाव में ‘दलित बनाम दलित ‘ की लड़ाई में बिहार का सत्तारूढ़ महागठबंधन पूरी तरह से बंटा हुआ नजर आ रहा है. वहीं, बसपा दुविधा की स्थिति से बाहर निकल रही है. हालांकि, निर्वाचक मंडल में संख्या बल 14 वें राष्ट्रपति के तौर पर कोविंद के निर्वाचन के पक्ष में है. वहीं, कांग्रेस नीत विपक्ष ने कड़ी टक्कर देने का फैसला किया है. 17 जुलाई के चुनाव के लिए एक दलित चेहरे को उम्मीदवार के तौर पर उतार दिया है.
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मजे की बात यह है कि कोविंद और मीरा दोनों ही 72 साल के हैं. संसद भवन की लाइब्रेरी में 17 गैर-राजग राजनीतिक दलों की एक बैठक में मीरा कुमार को विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर उतारने का फैसला किया गया, जहां नेताओं ने आमराय से राजनयिक से नेता बनी मीरा के नाम पर रजामंदी जतायी. बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने घोषणा की कि यहां हमारे विपक्ष के 17 नेता मौजूद हैं और हम सभी ने आईएफएस अधिकारी रह चुकी पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को भारत के राष्ट्रपति के आगामी चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर उतारने का फैसला किया है.
जदयू ने पैदा किया असमंजस की स्थिति
मीरा कुमार बिहार की रहने वाली हैं और उनकी उम्मीदवारी ने बिहार के मुख्यमंत्री एवं जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार के लिए संभवत: असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है, क्योंकि उन्होंने विपक्षी खेमे से अलग रुख अपनाते हुए कोविंद की उम्मीदवारी का समर्थन किया है. भाजपा उम्मीदवार बनाये जाने से पहले कोविंद बिहार के राज्यपाल पद पर थे. जदयू के रुख के बारे में पूछे जाने पर सोनिया ने कहा कि हम आशा करते हैं कि अन्य विपक्षी दल हमारे साथ आयेंगे. यह पूछे जाने पर कि राजग उम्मीदवार को समर्थन करने को लेकर क्या वह नीतीश कुमार से नाराज हैं. इस पर उन्होंने कहा कि मैं किसी से नाराज नहीं हूं. मैं समर्थन करने के लिए हर राजनीतिक दल से अपील करूंगी.
लालू की उम्मीदों पर नीतीश ने फेरा पानी
नीतीश कुमार के रुख बदलने के बारे में लालू की उम्मीदों पर जल्द ही पानी फिर गया. दरअसल, जदयू ने कोविंद को अपने समर्थन पर फिर से विचार करने के उनके अनुरोध को खारिज करते हुए कहा कि उसका रुख गुण दोष के आधार पर है. वह कोविंद का समर्थन जारी रखेगा. जदयू प्रवक्ता पवन कुमार वर्मा ने कहा कि कोविंद का समर्थन करने के हमारे फैसले में कोई बदलाव नहीं होगा. यह फैसला सोच समझकर और पार्टी के अंदर पूरी तरह से विचार विमर्श कर किया गया है. हम अपनी पसंद के साथ टिके रहेंगे.
मीरा को समर्थन देंगी माया
मीरा की उम्मीदवारी की घोषणा के शीघ्र बाद बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस नेता को अपना समर्थन देते हुए कहा कि मीरा कोविंद की तुलना में कहीं अधिक सक्षम और लोकप्रिय हैं. मायावती ने कहा कि बसपा राष्ट्रपति चुनाव में मीरा कुमार का समर्थन करेगी. उन्होंने सोमवार को कहा था कि राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए उनकी पार्टी कोविंद को उम्मीदवार बनाये जाने को लेकर सकारात्मक रुख रखती है, लेकिन बसपा चाहती थी कि सत्ताधारी गठबंधन किसी गैर राजनीतिक दलित उम्मीदवार का चयन करता.
यूपीए की आेर से आखिर क्यों चुनी गयीं मीरा
विपक्ष ने राष्ट्रपति चुनाव में तीन कारणों से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को अपना उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है. ये तीन कारण उनकी जाति, उनका राज्य और उनकी पार्टी हैं. राजग प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को लेकर विपक्ष में दरार आने के बाद विपक्ष ने कांग्रेस की मीरा कुमार को अपना प्रत्याशी चुना, ताकि जदयू को अपने पाले में फिर से लाया जा सके और बसपा अलग नहीं हो. जदयू ने कहा था कि वह कोविंद का समर्थन करेगी, जबकि बसपा ने कहा था कि वह किसी दलित की उम्मीदवारी को लेकर नकारात्मक रख नहीं अपनायेगी, जब राजग ने इस सप्ताह की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के एक दलित कोविंद को राष्ट्रपति चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाने की घोषणा की थी.
देश के सर्वश्रेष्ठ हित में फैसला लें निर्वाचक मंडलः मीरा
राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में नामित किये जाने पर मीरा कुमार ने मतदाताओं से सामाजिक न्याय और समावेशिता से पोषित मूल्यों तथा सिद्धांतों एवं विचारधाराओं के आधार पर देश के सर्वश्रेष्ठ हित में फैसला लेने की अपील की. मीरा कुमार ने अपनी उम्मीदवार का समर्थन करने को लेकर 17 विपक्षी दलों का आभार भी जताया और उन्होंने कहा कि वह विपक्ष की एकता से खुश है, जो उन ताकतों के एक साथ आने को दिखाती है, जिनका एक मजबूत वैचारिक आधार है. उन्होंने कहा कि मैं निर्वाचक मंडल से अपील करूंगी कि वे पोषित मूल्यों और सिद्धांतों तथा विचारधाराओं के आधार पर देश के सर्वश्रेष्ठ हित पर फैसला लें. सर्वसम्मति से विपक्ष का उम्मीदवार घोषित किये जाने के बाद उन्होंने कि ये सामाजिक न्याय, समावेशिता और समग्र भारतीय विरासत के मूल्य हैं जिन्हें हम पवित्र मानते हैं.
कोविंद का समर्थन कर ऐतिहासिक भूल कर रहे नीतीश : लालू
राजद के प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि उनके सहयोगी जद यू द्वारा राजग के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद का समर्थन करने का निर्णय एक गलत निर्णय है और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनका समर्थन कर ऐतिहासिक भूल कर रहे हैं. राजद बिहार में नीतीश कुमार के जद यू और कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार में शामिल है. राजद सुप्रीमो ने कहा कि वह नीतीश कुमार से मामले में पुनर्विचार करने के लिए कहेंगे, लेकिन इससे राज्य सरकार को कोई खतरा नहीं है और जद यू के इस निर्णय के बावजूद गठबंधन जारी रहेगा.