जयपुर : राजस्थान पुलिस की खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली है कि पाकिस्तान दरगाहों से प्राप्त चंदे के पैसे से भारत में आतंकवाद फैलाने का काम करता है. आइएसआइ के गिरफ्तार एक जासूस से पूछताछ के क्रम में पता चला है कि आइएसआइ के हैंडलर्स दरगाहों के बाहर दान पेटी डलवा देते हैं और श्रद्धालु लोग चंदे के रूप में जो पैसे वहां डालते हैं, उससे पाकिस्तान भारत के सीमावर्ती गांव में आतंकी गतिविधियों बढाने का काम करता है और इन गतिविधि में शामिल लोगों को इससे पैसा उपलब्ध कराता है.
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आपको बता दें कि पिछले दिनों बाड़मेर जिले के एक सुदूर गांव से आइएसआइ के जासूस दीना खान को गिरफ्तार किया गया था. उसने ही खुफिया अधिकारियों के समक्ष यह खुलासा किया है. राज्य की खुफिया और सुरक्षा एजेंसी के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, खान ने जानकारी दी है कि वह बाड़मेर जिले के चोहटान गांव में स्थित एक छोटी मजार का प्रभारी था. उसने मजार पर चंदे से हासिल हुए पैसों में से करीब 3.5 लाख रुपये अन्य जासूसों जैसे सतराम माहेश्वरी और उनके भतीजे विनोद माहेश्वरी को दिये.
खबरों के अनुसार दीना खान पाकिस्तान में बैठे आइएसआइ के हैंडलर्स से फोन के माध्यम से जुड़ा रहता था, जहां से उसे पैसे बांटने का निर्देश मिलता था. पुलिस को संदेह है कि आइएसआइ ने अपनी जासूसी गतिविधियों के लिए फंड जुटाने के मकसद से सीमावर्ती क्षेत्रों के कई स्थानों पर दान पेटियां रखी होंगी. राज्य की खुफिया और सुरक्षा एजेंसी के अधिकारी की माने तो , ‘हवाला नेटवर्क के माध्यम से पैसा बांटना मुश्किल है क्योंकि यह पकड़ में आ जाता है. इसलिए पैसा जुटाने और जासूसों के बीच बांटने के लिए दान पेटी बहुत आसान और सरल रास्ता है.’