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सदर अस्पताल में विश्व हॉस्पिस और पेलिएटिव केयर दिवस मनाया गया

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किशनगंज.जिले के सदर अस्पताल के ओपीडी क्षेत्र में विश्व हॉस्पिस और पेलिएटिव केयर दिवस का आयोजन उत्साहपूर्वक किया गया. इस महत्वपूर्ण अवसर पर अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी, चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी, और

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किशनगंज.जिले के सदर अस्पताल के ओपीडी क्षेत्र में विश्व हॉस्पिस और पेलिएटिव केयर दिवस का आयोजन उत्साहपूर्वक किया गया. इस महत्वपूर्ण अवसर पर अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी, चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी, और मरीजों के परिजन उपस्थित थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने की. जबकि विशेष अतिथि के रूप में नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज ऑफिसर (एनसीडीओ) डॉ उर्मिला कुमारी एवं सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अनवर हुसैन मौजूद थे. गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य गंभीर रूप से बीमार और जीवन के अंतिम अवस्था में पहुंचे मरीजों को मिलने वाली पेलिएटिव केयर सेवाओं के बारे में जागरूकता लाना था. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पेलिएटिव केयर एक महत्वपूर्ण सेवा है, जिसका मुख्य उद्देश्य मरीजों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है, विशेष रूप से तब, जब उनके उपचार की संभावना कम हो जाती है. उन्होंने जोर देकर कहा कि इस प्रकार की देखभाल से मरीजों को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक सहयोग मिलता है, जो उन्हें और उनके परिवार को कठिन समय में मजबूती प्रदान करता है. एनसीडीओ डॉ उर्मिला कुमारी ने पेलिएटिव केयर की चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि इस सेवा को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए सभी स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि इस तरह की सेवाओं का उद्देश्य मरीज को केवल दवाओं के माध्यम से राहत देना नहीं है, बल्कि उनकी भावनात्मक और मानसिक आवश्यकताओं को भी पूरा करना है. इसके लिए एक समर्पित और संवेदनशील दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है. कार्यक्रम के दौरान एक विशेष सत्र का आयोजन भी किया गया, जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों ने मरीजों और उनके परिवारजनों के साथ संवाद किया. इस सत्र में बताया गया कि किस प्रकार पेलिएटिव केयर सेवाएं गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं. विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि पेलिएटिव केयर में दर्द प्रबंधन, भावनात्मक समर्थन, और जीवन के अंतिम चरण में गरिमा बनाए रखने जैसे पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है. अंत में, डीएस और एनसीडीओ ने अस्पताल के सभी स्वास्थ्यकर्मियों से अपील की कि वे इस सेवा को अपनी नियमित चिकित्सा प्रक्रिया में शामिल करें और समाज के कमजोर और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण करें. कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उपस्थित सभी लोगों ने इस पहल की सराहना की और इसे सफल बनाने के लिए अपना योगदान देने का वचन दिया.

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