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जन शिक्षण संस्थान ने युवाओं को दिखायी आत्मनिर्भरता की राह

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जमुई. भारतीय समाज में कुशल और सक्षम कार्यबल को बढ़ावा देकर संगठनात्मक सफलता का समर्थन करने में कौशल शिक्षा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इसी कड़ी को जोड़ते हुए

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जमुई. भारतीय समाज में कुशल और सक्षम कार्यबल को बढ़ावा देकर संगठनात्मक सफलता का समर्थन करने में कौशल शिक्षा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इसी कड़ी को जोड़ते हुए जिले में पारंपरिक कौशल को बढ़ावा देने में जन शिक्षण संस्थान सक्रिय भूमिका निभा रहा है. भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय द्वारा प्रायोजित जन शिक्षण संस्थान कौशल उन्नयन के माध्यम से अनुसूचित जाति-जनजाति के साथ आर्थिक रूप से पिछड़े युवाओं व महिलाओं के कार्यकुशलता को बढ़ावा देकर उन्हें रोजगारोन्मुख करने प्रयास कर रहा है. लक्ष्य पूर्ति के लिए जिले के बरहट, गिद्धौर, झाझा, आदि विभिन्न प्रखंडों में जन शिक्षण संस्थान द्वारा प्रशिक्षण केंद्र स्थापित कर युवाओं एवं महिलाओं को कौशल परक शिक्षा देकर उन्हें संबंधित,त क्षेत्र में कौशल दक्ष बनाया जा रहा है, ताकि लाभार्थी स्वरोजगार और उद्यमिता के प्रति प्रेरित होकर जीविकोपार्जन के बेहतर अवसर तलाश सके और अपने व अपने परिवार के बेहतर भविष्य का निर्माण कर सके.

क्या है जन शिक्षण संस्थान:

वर्तमान समय में सिर्फ शिक्षा जरूरी नहीं, कौशल भी जरूरी है ऐसे में भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय द्वारा प्रायोजित जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) समाज के सबसे उपेक्षित वर्ग को व्यवसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार के प्रति प्रोत्साहित कर उन्हें भविष्य के प्रति उन्मुख कर रहा है. इसका उद्देश्य आवश्यक कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर इस ग्रामीण एवं आदिवासी आबादी को आर्थिक रूप से ऊपर उठाना है, जिससे स्थानीय व्यापार में इनकी सहभागिता बढ़े और क्षेत्र के मूल निवासियों के लिए नये अवसर पैदा हों सके.

परिश्रम व प्रयास के संगम में दिख रहा परिणाम:

मलयपुर डाक बंगला रोड में स्थित जन शिक्षण संस्थान की स्थापना वर्ष 2021 में हुई. गैर अथवा नव साक्षरों के व्यावसायिक कौशल और तकनीकी ज्ञान में सुधार लाने के लिए जिले के हर गांव में जाकर महिलाओं युवाओं एवं अन्य उपेक्षित वर्ग में कौशल विकास के कई कार्यक्रम कर उन्हें संस्थान से जोड़ने की पहल की गयी. युवाओं के लिए संस्थानविभिन्न व्यावसायिक प्रशिक्षण जैसे कंप्यूटर , सिलाई, कढ़ाई , इलेक्ट्रिकल टेक्निशियन , ब्यूटी पार्लर, बांस शिल्प समेत कई अन्य कार्यक्रम यहां की जरूरत व युवाओं की इच्छा अनुसार संचालित करता है. पहले से प्रशिक्षित महिलाओं और युवाओं को प्रशिक्षण देने के अवसर देकर रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रहा है. वर्तमान में जन शिक्षण संस्थान जिले के गिद्धौर, बरहट, खैरा , जमुई, लक्ष्मीपुर, झाझा जैसे छह प्रखंड के सुदूर इलाकों में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाकर प्रति वर्ष 1800 लाभार्थियों को उनके रुचि के अनुसार प्रशिक्षण दे रहा है. इसमें महिलाओं की भागीदारी बहुत उत्साहवर्धक देखी जा रही है. दो वर्षों में कौशल विकास के क्षेत्र में जन शिक्षण संस्थान ने अपनी अलग पहचान बनायी है.

संस्थान की कार्यशैली को जिला प्रशासन ने सराहा:

संस्थान की कार्यशैली को सराहते हुए जिले के वरीय अधिकारियों ने संस्थान की मुक्तकंठ से प्रशंसा की है. जेएसएस के निदेशक अंशुमान के नेतृत्व में संस्थान द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न प्रकार के ट्रेड से प्रशिक्षण प्राप्त कर युवाओं के रोजगार उन्मुख होने की प्रशंसा भी जिले के वरीय अधिकारियों द्वारा की जा चुकी है. निवर्तमान जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह, निवर्तमान जिला शिक्षा पदाधिकारी कपिलदेव तिवारी, व वर्तमान में अनुमंडल पदाधिकारी अभय कुमार तिवारी, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक मितेश शांडिल्य सहित कई वरीय अधिकारी संस्थान में आकर यहां के लाभार्थियों में ऊर्जा का संचार करते हुए उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. निदेशक अंशुमान के अनुसार, जन शिक्षण संस्थान को समय-समय पर जिला प्रशासन द्वारा मार्गदर्शन भी मिलता रहा है, ताकि स्थानीय युवा आगे चलकर एक बेहतर नागरिक बनकर समाज एवं राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सके.

कहते हैं निदेशक

जमुई जिले में व्यावहारिक शिक्षा के साथ साथ कौशल का ज्ञान अतिआवश्यक है. युवाओं को तकनीकी अपनाकर स्वरोजगार और उद्यमिता के अवसर तलाशने होंगे. ऐसे में संस्थान से जुड़े कर्मी, प्रशिक्षु व ट्रेनर इस संस्थान के लिए दूत की तरह कार्य करते हुए इसके उद्देश्यों को जन- जन तक पहुंचाएं तभी जिले में कौशल परक शिक्षा को गति मिल सकेगी, और बिहार को विकसित करने में जमुई की भूमिका अहम हो सकेगी.

अंशुमान, निदेशक, जेएसएस जमुई

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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