15.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 09:36 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

इंडिया व एनडीए के नेता कर रहे ताबड़तोड़ प्रचार, वोटरों की चुप्पी नेताओं के लिए बनी सिरदर्द

Advertisement

वसीम अख्तर, पुरैनी बिहार में दो चरण के चुनाव पूरे होने के बाद तीसरे चरण का चुनाव प्रचार चरम पर है. प्रत्याशियों के साथ उनके समर्थकों ने भी मोर्चा

Audio Book

ऑडियो सुनें

वसीम अख्तर, पुरैनी बिहार में दो चरण के चुनाव पूरे होने के बाद तीसरे चरण का चुनाव प्रचार चरम पर है. प्रत्याशियों के साथ उनके समर्थकों ने भी मोर्चा संभाल लिया है. चौक-चौराहों पर चुनावी चर्चा भी तेज हो गयी है. कार्यकर्ता खुलकर अपने प्रत्याशियों के जीत के दावे कर रहे हैं, लेकिन मतदाता अब भी खामोश हैं. बता दें कि तीसरे चरण में सात मई को मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र में मतदान होना है. चाय पान की दुकान और ठेलों पर चुनावी चर्चा चाय पान की दुकान और ठेलों में चुनावी चर्चा का अलग रंग ही दिखायी देता है. यहां चुनावी चर्चा करने वाले सभी एक-दूसरे को अच्छे से जानते हैं. यही वजह है कि पार्टी विशेष का पक्ष रखने वाले के सामने उसकी पार्टी की हार की चर्चा कर मजे भी लेते हैं. वोटरों का मूड भांपने में एड़ी-चोटी का जोर वोटरों की चुप्पी नेताओं के लिए सिरदर्द बन गयी है. हेलिकाप्टर वाली सभाओं में नेता भीड़ न जुटने से पशोपेश की स्थिति में नजर आ रहे हैं. मतदान के लिए महज तीन दिन का समय रह गया है. कोई भी अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं है. राजनीतिक दलों को मतदाताओं का मूड भांपने में एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है. हमारे पास तो कोई वोट मांगने नहीं आया चौक-चौराहे, पान दुकानों और होटलों में चुनावी चर्चा का दौर जारी है. मतदाताओं के बीच देश और प्रदेश की सीटों पर चर्चा होती रहती है. इनमें से कोई व्यापारी है, तो कोई नौकरी पेशा वाला, लेकिन सभी चुनावी चर्चा में बराबरी से हिस्सा ले रहे हैं. कुछ जीत-हार की बात पर हां में हां मिलाते हैं, तो कुछ प्रत्याशी को लेकर मनभेद दिखायी नजर आता है. सभी का अपना तर्क रहता है. चुनावी चर्चा के दौरान इसमें नाराजगी के साथ विश्वास और अतिरेक विश्वास तीनों दिखायी देता है. मतदाता भी चालाक हैं. जब वे देखते है कि सामने वाला व्यक्ति किसी राजनीतिक दल से संबंध रखता है, तो उसे गोलमोल जवाब देते हैं. वहीं आपसी चर्चा के दौरान मतदाता इस बात को लेकर नाराज दिखते हैं कि उनके क्षेत्र में अब तक कोई भी प्रत्याशी वोट मांगने नहीं आया है. फिर इस बात पर चर्चा शुरू हो जाती है कि लोकसभा, विधानसभा और पार्षद चुनाव में प्रचार का तरीका अलग-अलग होता है. कुछ मतदाता तो यह भी चर्चा करते दिखायी दे रहे कि सभी प्रत्याशी आम मतदाताओं तक नहीं जाकर वोट के ठेकेदारों से ही घिरे हुए हैं.

- Advertisement -

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें