बस स्टैंड में सुविधाओं का घोर अभाव
अररिया. अररिया जिला मुख्यालय स्थित मौलाना अबुल कलाम आजाद बस स्टैंड में मुसाफिरों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं से जूझना पड़ता है. अररिया जिला मुख्यालय का यह बस स्टैंड काफी
अररिया. अररिया जिला मुख्यालय स्थित मौलाना अबुल कलाम आजाद बस स्टैंड में मुसाफिरों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं से जूझना पड़ता है. अररिया जिला मुख्यालय का यह बस स्टैंड काफी पुराना है, लेकिन यहां सुविधा की काफी कमी है. सबसे ज्यादा यहां शौचालय, शुद्ध पेयजल व रात्रि में ठहराव की कोई व्यवस्था नहीं है. जबकि इस बस स्टैंड में दिल्ली, पटना, कोलकता, सिल्लीगुड़ी, पूर्णिया, कटिहार, जोगबनी, किशनगंज आदि के लिए बस का आना जाना होता है. हर दिन इस बस स्टैंड से हजारों लोग लंबी दूरी का सफर तय करने आते हैं. लेकिन उन्हें परेशानी ही हाथ लगती है. इसके अलावा चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा रहता है. कभी झाड़ू तक यहां नही पड़ता है. यह बस स्टैंड जनता को सुविधा देने में नदारद व टैक्स लेने में अव्वल है, आखिर सवाल यह उठता है कि वाहन वालों से टैक्स क्यों लिया जाता है. जब यह बस स्टैंड राम भरोसे ही चल रहा है तो जिला परिषद क्यों टैक्स ले रही है. जानकारी प्राप्त हुई है कि यह बस स्टैंड अररिया प्रखंड के गैय्यारी पंचायत में अवस्थित है. इसलिए पहले यह प्रखंड के द्वारा संचालित होता था व टैक्स भी अंचल नाजिर के पास जमा होता था. लेकिन बाद के दिनों में यह बस स्टेंड जिला प्रशासन के अधीन में चला गया है. इस संबंध में पंचायत, नगर परिषद व जिला परिषद से जानने की कोशिश किया गया तो सभी ने बताया कि मेरे अधीन यह बस स्टेंड नही है. ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि अगर जिला प्रशासन के हीं अधीन यह बस स्टैंड है तो आखिर टैक्स वसूलने के बाद लोगों को सुविधा क्यों नही दी जा रही है. वैसे भी अररिया में एक मॉडल बस स्टैंड की जरूरत है, जिला प्रशासन से इसे नगर परिषद के हीं सुपुर्द कर दें, तो बेहतर बस स्टैंड बन जायेगा. इस बस स्टैंड का बहुत बुरा हाल है. सुविधा के नाम पर मुसाफिर के लिए कोई सुविधा नहीं है. खास कर महिला यात्री को यहां काफी दिक्कतें होती हैं, ऐसे जिसके भी अधीन यह बस स्टैंड है उसे जनता की समस्या का ध्यान रखना चाहिए.
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